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New gratuity rules 2025

PF बढ़ेगा, लेकिन इन हैंड सैलरी में होगी कटौती; अगर आप भी हैं नौकरीपेशा तो जानें New Labour Code से क्या होंगे नुकसान

New Labour Rules: नए लेबर कानून में बदलाव होने के बाद कंट्रैक्ट कर्मचारी को 1 साल में ही ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। वहीं कर्मचारी का 2 दिन के भीतर एफएनएफ मिलेगा, पर क्या आपको पता है कि नए श्रम कानून के कुछ नुकसान भी हैं। नीचे जानें-
Editorial
Updated:- 2025-12-01, 12:04 IST

How to Calculate Gratuity: भारत के लेबर कानून में 29 साल के बाद हुआ बदलाव, लंबे समय से चले आ रहे नियमों में बड़े सुधार के रुप में देखा जा रहा है। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की जिंदगी को आसान बनाना है। फिर चाहे वह सैलरी को लेकर हो, सेहत को लेकर को या फिर सिक्योरिटी को लेकर। हालांकि यह बात तो रही फायदे के पर आपको बता दें कि बनाए गए कोड में कुछ नुकसान भी है, जो खासतौर से आपके सैलरी को प्रभावित करेगा। यकीनन अब आप सोच रही होंगी कि आखिर ऐसा कैसे, तो चलिए नीचे लेख में आसान भाषा में समझें नए लेबर कानून के फायदे और नुकसान

नए लेबर कानून से होने वाले नुकसान- इन हैंड सैलरी कटौतरी

29 साल हुए बदलाव के अनुसार, कर्मचारी की बेसिक सैलरी, उनकी सीटीसी का कम से कम 50 प्रतिशत होना जरूरी है। पहले कंपनी अपने कर्मचारियों का बेसिक पे कम रखकर उनके अलाउंस बढ़ा देती थी। इसमें एचआरए, डीए, टीए जैसे तमाम भत्ते शामिल होते थे। ऐसा होने की वजह कर्मचारी का पीएफ और ग्रेच्युटी कंट्रीब्यूशन कम हो जाता था। वहीं नए कानून के लागू होने के बाद इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी, जो आपकी जेब पर बोझ डाल सकता है।

ग्रेच्युटी क्या है? (What Is Gratuity)

what the rules for gratuity eligibility

अगर आप नौकरी में नए-नए हैं, तो पहले समझे कि ग्रेच्युटी क्या है। बता दें कि ग्रेच्युटी कर्मचारी को मिलने वाला एक खास तरह का धनराशि है, जो कंपनी द्वारा उसे उसकी लंबी और वफादार सेवा के लिए दी जाती है।

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अगर मेरी बेसिक सैलरी 15 हजार है, तो मुझे कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी

पहला सवाल जो क्लियर हो गया है कि अब ग्रेच्युटी 5 साल के बजाय 1 साल में मिलेगी। वहीं अब दूसरा सवाल आता है कि अगर मेरी बेसिक सैलरी 15 हजार है, तो मुझे कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी, तो नीचे समझें-

बता दें कि ग्रेच्युटी को निकालने के लिए कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और डीए का योग लिया जाता है। इसके बाद इसे 15 से गुणा करके 26 से डिवाइड करना होता है।

अब यकीनन आपके दिमाग में 15 और 26 क्या है यह समझ नहीं आ रहा होगा, तो बता दें कि 26 आपके वर्किंग डेज और 15 ग्रेच्युटी के तय दिनों को बताते हैं।

ग्रेच्युटी निकालने का फार्मूला- अंतिम बेसिक सैलरी × (15/26) × नौकरी के साल

1500 × 15/26× 1= 8,653 rupees

कितने दिन में होगा FNF?

नए लेबर कोड के अनुसार, अब कंपनी को अपने कर्मचारियों के फुल एंड फाइनल सेटलमेंट का पैसा दो दिन में करना होगा। अभी तक जहां कंपनियां लगभग 30 दिनों के कानूनी समय-सीमा के अंदर पेमेंट करती थीं। इसके साथ अगर आप किसी कंपनी में रिजाइन करती हैं, तो आपको अपने लास्ट नोटिस डे वाले दिन अपना लैपटॉप और एसेस्ट जमा करने होंगे। इसके अलावा नए लेबर कोड के बाद आपकी पीएफ ग्रेच्युटी बढ़ेगी, लेकिन हाथ में कम सैलरी आएगी।

न्यू लेबर रूल्स क्या हैं? (What Is New Labour Reules)

New gratuity rules 2025

  • फिक्स्ड-टर्म वाले कर्मचारी को अब परमानेंट वर्कर्स जैसे फायदे मिलेंगे। फिर चाहे वह सोशल सिक्योरिटी, मेडिकल कवर हो या फिर पेड लीव।
  • हर सेक्टर के मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए परेशानियां का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही समय पर पेमेंट और अनऑथराइज्ड कटौतियां बंद होंगी
  • नए लेबर कानून के अनुसार, वर्कर या एम्प्लोयी को प्रतिदिन 8 से 12 घंटे तक की शिफ्टों में नियुक्त कर सकते हैं, बशर्ते कि कुल मिलाकर यह समय प्रति सप्ताह 48 घंटे से अधिक न हो।
  • इससे पहले, दैनिक शिफ्ट की सीमा 9 घंटे थी। ओवरटाइम के लिए रेगुलर सैलरी से दोगुना भुगतान किया जाएगा।
  • सभी कैटेगरी में काम करने वाली महिलाओं को बिना उनकी परमिशन के नाइट शिफ्ट में काम नहीं करवाया जाएगा।
  • ठेकेदार पांच साल के लिए एक वैलिड लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं, जो उन्हें पूरे देश में काम करने की अनुमति देगा।
  • वहीं संशोधित लेबर रूल्स में पहली बार औपचारिक रूप से गिग और प्लेटफॉर्म कार्य को परिभाषित किया गया है, जिससे ये श्रमिक सामाजिक सुरक्षा लाभों के दायरे में आ गए हैं।
  • वर्क प्लेस में फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए, संहिताओं में नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच आपसी समझौते के आधार पर सेवा क्षेत्रों में घर से काम करने का प्रावधान भी शामिल किया गया है।

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Image Credit- Freepik

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