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भारत की पहली फीमेल सुपरहीरो प्रिया है गैंगरेप सर्वाइवर, जानिए इसकी इनसाइड स्टोरी

भारत की पहली सुपर हीरो है प्रिया गैंग रेप सर्वाइवर। राम देवीनानी ने वुमन इशुज और यौन हिंसा पर जागरूकता लाने के लिए शुरू किया यह प्रयास।
Editorial
Updated:- 2019-12-17, 17:26 IST

हैदराबाद की वेटरनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उन्हें जिंदा जला दिए जाने से लेकर उन्नाव रेप पीड़िता की मौत तक, पिछले कुछ दिनों से महिलाओं के साथ होने वाली यौन हिंसा के कई मामलों सामने आए हैं। 16 दिसंबर को निर्भया के साथ गैंगरेप को सात साल गुजर जाने के बाद देश में यौन हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए, निर्भया फंड का गठन किया गया, लेकिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों में किसी तरह की कमी नहीं आई। ऐसी स्थितियों में बहुत जरूरी है कि महिलाओं के साथ होने वाली यौन हिंसा को लेकर लोग जागरूक हों और इसकी वजह से उनके जीवन की आने वाली मुश्किलों से रूबरू हों। इस दिशा में राम देवीनानी ने एक सराहनीय प्रयास किया है, जिसके बारे में महिलाओं को जरूर जानना चाहिए। राम देवीनानी ने 5 साल पहले भारत में एक कॉमिक्स बुक सीरीज लॉन्च की थी 'Priya's Shakti', जिसके जरिए उन्होंने महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है और उनकी सुपर हीरो है 'प्रिया'।

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हाल ही में Priya's Shakti का तीसरा चैप्टर आया है 'Lost Girls'। इसका कॉन्सेप्ट तैयार करने वाले राम देवीनानी Rattapallax films और magazine के फाउंडर हैं, जिन्होंने महिलाओं के मुद्दों को पूरी संजीदगी के साथ उठाया है। नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री The Karma Killings के लिए भी राम काफी पॉपुलर हुए थे। 

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क्यों लाई गई कॉमिक्स?

priya first female superhero

राम देवीनानी सेक्शुअल अब्यूज से जुड़े मामलों पर पहले डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते थे, लेकिन उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि पीड़ितों और सर्वाइवर्स को कैमरे के सामने लाना शायद मुमकिन ना हो। इसीलिए उन्होंने एक 20 मिनट की फिल्म तैयार की। जब उनके दोस्तों ने यह फिल्म देखी तो उन्हें इसमें कॉमिक बुक वाला फील आया। राम ने इस फिल्म को उसी अंदाज में पेश किया, जिसमें यह लोगों को सोचने पर मजबूर कर दे। यह फिल्म टीनेजर्स को ध्यान में रखकर भी बनाई गई, जो सेक्शुअलिटी, जेंडर रोल, यौन हिंसा जैसी चीजों को समझने की शुरूआत करते हैं।

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इस बारे में राम ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं अमर चित्रकथा पढ़कर बड़ा हुआ हूं। इनका मेरे ऊपर गहरा प्रभाव पड़ा। इसके जरिए पहले मुझे हिंदुओं की पौराणिक कथाओं के बारे में पता चला। कई बच्चों ने यह सीरीज पढ़ी है और यह चीज भारतीय संस्कृति में रची-बसी है। कॉमिक्स हमारे यहां शौक से पढ़ी जाती हैं। सुपरमैन, बैटमैन, वंडरवुमन आदि हमारे नए सुपरहीरोज बन गए हैं। अपनी कॉमिक्स के जरिए मैंने यही प्रयास किया कि महिलाएं अपने भीतर के डर को जीतें।' 

priya sexual assault survivor

Priya's Shakti के लिए राम ने कवि और नाटककार विकास के मेनन के साथ मिलकर काम किया। इसके बाद राइटर और फिल्ममेकर पारोमिता वोहरा के साथ मिलकर उन्होंने प्रिया के दूसरा चैप्टर 'Mirror' की पृष्ठभूमि तैयार की। जाने-माने आर्टिस्ट डेन गोल्डमैन भी पहले दो चैप्टर्स के लिए काम करने में शामिल रहे हैं। वहीं अवॉर्ड विजेता दीप्ति मेहता ने प्रिया के तीसरे चैप्टर 'Lost Girls' के लेखन में अहम भूमिका निभाई है। 

 

मनोरंजन के साथ संदेश भी

priya superhero women empowerment

यौन हिंसा आज के समय में देश के ज्वलंत मुद्दों में से एक है। महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर काफी ज्यादा चिंतित हैं। ऐसे में अगर कॉमिक्स के जरिए महिलाओं की जिंदगी को प्रभावित करने वाले मुद्दों खासतौर पर यौन हिंसा को कॉमिक्स की शक्ल में पेश किया जाता है तो वह टीनेजर्स से लेकर देश की यंग जनरेशन तक, हर किसी को जागरूक बनाने का काम करेगा। टाइम पास के लिए पढ़ी जाने वाली कॉमिक्स के जरिए महिला सशक्तीकरण की मुहिम को आगे बढ़ाने का यह प्रयास सराहनीय है। इससे महिलाओं को कॉन्फिडेंट बनने और मुश्किलों का हिम्मत से सामना करने का भी हौसला मिलेगा। 

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