साल 2024 में आम चुनाव के बाद केंद्र सरकार ने जुलाई में केंद्रीय बजट पेश किया था। बजट 2024 में इनकम टैक्स के भी कई नियम पेश किए गए थे। ऐसे तो यह सभी नियम फाइनेंशियल ईयर 2024-25 से लागू हो चुके हैं। लेकिन, इनका असली असर साल 2025 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान देखने को मिलेगा।
नए इनकम टैक्स नियमों का असर टैक्स स्लैब से लेकर कैपिटल गेन्स और TDS पर भी देखने को मिल सकता है। साथ ही साथ यह सीधा-सीधा असर आपकी सैलरी पर भी असर डालेगा। नए इनकम टैक्स के नियम 2025 में आपकी सैलरी पर किस तरह से असर डालेंगे, आइए इसे यहां डिटेल से समझ लेते हैं।
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में सरकार ने TDS नियमों में कई बदलाव किए हैं। जिसमें से एक सैलरी से कटने वाला टीडीएस भी है। नए नियमों में सैलरी से कटने वाले टैक्स को कम किया जा सकता है। अगर आपकी सैलरी के अलावा कोई आय है और उस पर भी टीडीएस कट रहा है, तो नए नियमों में आप अपना पैसा बचा सकती हैं।
TDS डिडक्शन की इस बात को यहां एक उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर आपकी सैलरी 40 हजार रुपये है और उस पर 10 परसेंट टीडीएस काटकर आपको पैसा मिलता है। इस सैलरी के अलावा आपकी अन्य आय जैसे बैंक में जमा पैसे पर ब्याज या रेंट आदि पर भी टीडीएस काटा जाता है। आय के अलावा लग्जरी खर्चों पर भी टीडीएस लगता है। (क्या होता है TDS?)
लेकिन, नए टैक्स नियमों के अनुसार आप अन्य आय और खर्चों पर कटने वाले टैक्स (TDS और TCS) को सैलरी से कटने वाले टीडीएस में ही एडजस्ट करा सकती हैं। ऐसा करने से आपकी सैलरी से कम टैक्स कटेगा।
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फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में सरकार ने टैक्स स्लैब्स को अपडेट किया है। नए टैक्स स्लैब्स में सालाना 3 लाख की आय पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया गया है। 3 लाख से 7 लाख के बीच की आय पर 5% टैक्स लगाया गया है। 7 लाख से 10 लाख से ज्यादा की आय पर 10% टैक्स लगता है और 10 से 12 लाख से ज्यादा की आय पर 15% लगता है। 12 से 15 लाख से ज्यादा की कमाई वालों को 20% टैक्स देना होगा और 15 लाख से ज्यादा पर 30% इनकम टैक्स लगेगा।
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सरकार ने 2024-25 में TDS दरों में भी बदलाव किया है। नए नियमों में अलग-अलग वर्गों के लिए TDS की दर को घटाकर 5 परसेंट से 2 परसेंट कर दिया है। ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए TDS रेट को 1 परसेंट से कम करके 0.1 परसेंट कर दिया गया है, लाइफ इंश्योरेंस पर 5 से 2 परसेंट TDS हो गया है। इसके अलावा लॉटरी पर भी 5 परसेंट से 2 परसेंट टीडीएस है।
नए नियमों के अनुसार, व्यक्ति अब नेशनल पेंशन सिस्टम में कर्मचारी की तरफ से होने वाले डिडक्शन की लिमिट को बढ़ा दिया गया है। पहले यह लिमिट 10 परसेंट थी लेकिन, अब इसे 14 परसेंट कर दिया गया है।
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर भी टैक्स के नए रेट लागू किए गए हैं। अब इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर STCG में 20 परसेंट टैक्स लगाया जाएगा। वहीं, पहले यह 15 परसेंट था। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में 12.5% टैक्स लिया जाएगा, जबकि यह पहले अलग-अलग था।
नए टैक्स नियमों में नौकरीपेशा लोगों को लिए TCS पर क्रेडिट क्लेम करना आसान हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं और वह ट्यूशन फीस दे रहे हैं। TSC/TDS पर क्रेडिट का नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाला है।
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