1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर 2025-26 शुरू हो चुका है और अप्रैल का महीना इनकम टैक्स प्लानिंग पर ध्यान देने के लिए सबसे अच्छा होता है। अगर आप अभी से टैक्स प्लानिंग करना शुरू करती हैं, तो न केवल आप कम टैक्स भरेंगी, बल्कि अपने फ्यूचर के फाइनेंशियल गोल्स को भी आसानी से पा सकेंगी।
कई बार लोग टैक्स बचाने के लिए मार्च के आखिरी में भागदौड़ करना शुरू करते हैं, जिससे न तो सही इन्वेस्टमेंट कर पाते हैं और न ही उन्हें फायदा मिल पाता है। इसलिए आपको अप्रैल से ही सोच-समझकर सही इन्वेस्टमेंट स्कीम्स का चयन करना चाहिए, जिससे न केवल टैक्स सेव हो पाए, बल्कि आपकी सेविंग्स भी बढ़े।
आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि अप्रैल से ही टैक्स प्लानिंग कैसे शुरू करनी चाहिए और कौन-कौन सी 5 स्कीम्स में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है?
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यह भारत सरकार की लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है और यह टैक्स सेविंग स्कीम्स में सबसे पॉपुलर है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) स्कीम एक निश्चित इंटरेस्ट रेट प्रदान करती है, जो वर्तमान में 7.1 फीसदी प्रति वर्ष है। हर साल आप 1.5 लाख तक इन्वेस्ट करके सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। हालांकि, इस स्कीम का लॉक-इन पीरियड 15 साल होता है।
यह भारत सरकार की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख तक इस स्कीम में निवेश करने पर आपको टैक्स छूट मिल सकती है। वहीं, सेक्शन 80सीसीडी(1बी) के तहत इस योजना में अतिरिक्त 50,000 रुपये निवेश करने पर आप इनकम टैक्स में कुल 2 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं।
बैंक और पोस्ट ऑफिस द्वारा पेश किए जाने वाली 5 साल लॉक-इन पीरियड वाली फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स में इन्वेस्ट करने पर, आपको मिलने वाले इंटरेस्ट पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिल सकती है।
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टैक्स सेविंग्स के लिए आप सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इस स्कीम में निवेश के लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर अपना खाता खुलवाना होगा और अगर आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको 80सी के टैक्स छूट मिल सकती है। वर्तमान में इस स्कीम पर सरकार 8.2 फीसदी का ब्याज दे रही है।
यह एक तरह का इक्विटी फंड है, जिसमें आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। ELSS में सालाना 1 लाख रुपये तक ब्याज मिलने पर टैक्स नहीं लगता है। ELSS का लॉक-इन पीरियड 3 साल का होता है। इसके अलावा, टैक्स सेविंग के लिए ULIP भी आप खरीद सकते हैं।
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