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तिलक से लेकर इमली घुटाई तक, बिहारी शादियों में ये रस्में हैं खास

नाच-गाने के अलावा शादियों में बहुत सी रस्में हैं, जिन्हें निभा कर दूल्हा-दुल्हन की शादी संपन्न होती है। सभी राज्यों में अलग अलग रस्मों-रिवाज से शादी होती है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-12-28, 19:34 IST

अलग-अलग जातियों में ही नहीं राज्य बदलते भी बदल जाते हैं शादी के रीति-रिवाज और रस्म। बिना रस्मों रिवाज के भला कोई हिंदू शादी पूरी हो सकती है क्या? शादियों का सीजन चल रहा है, ऐसे में आज हम आपको बिहारी शादी में निभाई जाने वाली कुछ खास रस्मों के बारे में बताएंगे। बिहार न सिर्फ अपनी बोली-भाषा और खानपान के लिए मशहूर है बल्कि यह राज्य अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों के लिए भी जाना जाता है। तो चलिए जान लेते हैं, उन रस्मों के बारे में जो बिहारी शादी में खास हैं।

चेका समारोह

पारंपरिक बिहारी शादियों में चेका समारोह में दूल्हा और दुल्हन के परिवार वाले शगुन के उपहारों का आदान प्रदान करते हैं। होने वाले वर और वधु शगुन लेकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं।

हल्दी कुटाई

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शादियों में हल्दी को बेहद शुभ माना जाता है, बिहारी शादियों में हल्दी कुट कर दूसरे रस्मों की शुरुआत की जाती है।

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तिलक समारोह

बिहारियों में तिलक का शादी के पहले एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना गया है। शादी के पहले इस रस्म में दुल्हन का भाई दूल्हे को तिलक लगाकर दूल्हे का सम्मान करता है। 

सिलपोहना और इमली घुटाई

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सिलपोहने की रस्म शादी वाले दिन निभाई जाती है। दुल्हन की मां पोहे को सिलबट्टा या ओखली में लेकर पीसती है। सीलपोहना और इमली घोटाई की रस्म शादी से पहले होने वाली आखिरी रस्म है, इसके बाद शादी की अन्य रस्में शुरू होती है। इमली घुटाई में दूल्हे के मामा दूल्हे को बुरी चीजों और आदतों से दूर रहने की सलाह देते हैं, इस समारोह में दूल्हे को उसके मुंह में रखने के लिए एक सुपारी दी जाती है।

कंगन बंधन

इस रस्म में पंडित जी दूल्हे और दुल्हन के कलाई में कंकण बांधते है, जो कि शादी संपन्न होने के बाद दूल्हे के घर में दूल्हे और दुल्हन के द्वारा खोला जाता है। 

भैसुर निरीक्षण

दूल्हे के बड़े भाई को भाईसुर कहा जाता है। इस रस्म में दूल्हे का बड़ा भाई दुल्हन को आभूषण और कपड़े उपहार के रूप में देते हैं। भैसुर निरीक्षण के बाद फेरे का रस्म होता है।

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चौथारी

इस रस्म में दूल्हे के घर में दुल्हन की मुंह दिखाई और स्वागत आरती होती है। इस दिन सत्यनारायण कथा और आरती होती है। पंडित जी समेत घर के सभी बड़े नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देते हैं।

 

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Image Credit: Freepik

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