मैं घर से देर शाम कभी बाहर निकलूं, तो अक्सर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हूं। मुझे यकीन है कि यह डर देश की कई महिलाओं के मन में होगा। मगर क्या एक महिला स्कूल, कॉलेज और ऑफिसेस में सुरक्षित है? अगर हां, तो फिर हाल ही में हुआ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बीएचयू (आईआईटी-बीएचयू) का मामला इस पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आईआईटी-बीएचयू परिसर में एक छात्रा से कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई थी। इस भयावह घटना ने एक बार फिर देश को हिलाकर रख दिया और महिलाओं की सुरक्षा पर फिर बहस छेड़ दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन अज्ञात लोग बाइक पर सवार थे।
छात्रा का आरोप है कि उन लोगों ने उसे कैंपस के पास रोका और उसे जबरन चूमा और उसे निर्वस्त्र करते हुए वीडियो भी बनाया। आपको बता दें कि यह घटना 1 नवंबर, 2023 की रात को हुई थी, जिसके बाद अगले दिन यानी 2 नवंबर, 2023 की सुबह सैकड़ों छात्र विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए। विरोध-प्रदर्शन के बाद, संस्थान ने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और अपनी सुरक्षा में सुधार करेगा।
यह पहली बार नहीं है जब स्कूल के कैंपस में ऐसा कोई मामला हुआ है। इससे पहले भी कई बार स्कूल, कैंपस और ऑफिस में सेक्शुअल हैरासमेंट के केसेस सामने आए हैं। आइए इस घटना के जरिए जानें कि बीते सालों में आई रिपोर्ट्स महिला सुरक्षा के बारे में क्या कहती है।
महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न के मामलों में हुई बढ़ोतरी
प्रेस सूचना ब्यूरो और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, 'यौन उत्पीड़न की घटनाओं में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न भी शामिल है' और इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में इस कैटेगरी के तहत दर्ज मामलों की संख्या 539 थी और 2018 में यह संख्या बढ़कर 965 हो गई थी।
वहीं स्टेटिस्टा ने इसी साल एक डेटा साझा किया था। इस डेटा में भारत के वो शहर थे, जहां 2021 में महिलाओं के प्रति उत्पीड़न के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। इसमें भारत की राजधानी दिल्ली पहले नंबर पर थी। साल 2021 में भारत में महिला उत्पीड़न के जो सबसे ज्यादा केसेस दर्ज किए उनमें दिल्ली में ही 1,023 से अधिक मामले थे। इसके बाद, मुंबई और जयपुर देश में दूसरे और तीसरे स्थान पर थे।
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यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाओं ने दर्ज किए अपने अनुभव
ऑफिस, कॉलेज और कैंपस में ऐसे मामले अक्सर सामने आए हैं, जब महिलाओं के साथ छेड़छाड़ हुई है। ऐसी कई महिलाओं ने शिकायतें कीं और जब किसी ने उनकी नहीं सुनी, तो मामला अपने हाथों में लेकर किसी ने पलटकर जवाब दिया, तो किसी ने नौकरी छोड़ दी। ऐसे ही कुछ अनुभव हम आपके सामने लेकर आए हैं।
मैं एक ट्रेनी थी और एक बहुत बड़े और नामी मीडिया हाउस का हिस्सा थी। मेरे मैनेजर को लेकर सभी ने मुझे आगाह किया था। मैंने सुना था कि वह 'लड़कियों के प्रति दिलदार' कुछ ज्यादा ही रहते हैं। काम सीखने की मंशा से मैंने कभी उस ओर ध्यान नहीं दिया। वह अक्सर मुझे अपनी सीट पर बुलाते और घंटों फिजूल के सवाल करते थे। मेरा बॉयफ्रेंड कौन है, मैं घर जाकर क्या करती हूं और मेरे घरवाले फोन पर क्या कहते हैं, उन्हें सब जानना होता था। जब मैं सीट पर जाने से मना कर देती, तो वह काम के बहाने मुझे लोगों के आगे जलील करते।
एक सुबह उन्होंने मुझे काम के बहाने बुलाया और मेरे काम की तारीफ भी की। लेकिन बातों-बातों में उन्होंने कुछ ऐसा कहा, जिसने मुझे शर्मिंदा कर दिया था। उन्होंने मेरी तारीफ करते हुए- तुम काम अच्छा करती हो। अच्छे से सीख रही हो। मैंने जवाब दिया, "सर मुझे अभी और सीखना है। मुझे लगता है कि मैं अपने काम में एकदम गोल हूं।" उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि गोल तो तुम कहीं और से हो। यह सुनते ही मैं स्तब्ध हो गई थी। वह मुस्कुराए, लेकिन जब उन्होंने मेरे चेहरे के बदलते हाव-भाव देखे तो बात पलट दी। मैं उस दिन बहुत असहज हुई और इस असहजता के साथ ही घर वापस चली गई।
अगले दिन सुबह उन्होंने मुझे काम के सिलसिले में फिर अपने क्यूबिकल में बुलाया। मैंने जब मना कर दिया, तो उन्होंने यह कहते हुए कि मैं ठीक से काम नहीं करती, मुझे सबके सामने डांटा। इतना ही नहीं, उन्होंने मुझे कई ऐसे शब्द बोले जो बिल्कुल सही नहीं थे। आसपास बाकी लोग देखते रहे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा।
इस बात ने मुझे बहुत गुस्सा दिला दिया था। मैंने आवाज उठाई और पलटकर उनसे कहा कि यदि वह बार-बार मुझे बुलाकर मेरा वक्त बर्बाद नहीं करेंगे, तो मैं अपना काम समय पर कर सकूंगी। मेरे इस जवाब ने उन्हें शांत कर दिया था। उनके खिलाफ आवाज उठाकर मुझे हल्का महसूस हुआ। इस घटना के बाद मैंने सोच लिया था कि ऐसे कल्चर में मुझे बिल्कुल काम नहीं करना और कुछ समय बाद मैंने नौकरी छोड़ दी थी।
"उसने सिर्फ छुआ ही तो है, बाकी तो कुछ नहीं किया"
बेंगलुरू के एक फेमस एडटेक फर्म में एसोसिएट कंटेंट डेवलेपर पूर्वा तिवारी को उनके मैनेजर ने जब हैरास किया, तो उनके एचआर का यही जवाब था। पूर्वा बताती हैं, "मेरे मैनेजर ने मेरा यौन उत्पीड़न किया और मैंने उसके बारे में शिकायत भी दर्ज नहीं कराई।" इसका कारण मेरा एचआर था जिसने मुझसे पूछा था, "उसने सिर्फ तुम्हें छुआ, उसने और कुछ नहीं किया, है ना?" इसके बाद पूर्वा ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जाने से पहले उन्होंने अपने मैंनेजर को कंफ्रट किया था।
पूर्वा बताती हैं, “इस घटना से ठीक पहले वह मुझसे पूछ रहा था कि मेरे बॉयफ्रेंड के साथ मेरा रिलेशनशिप कैसा चल रहा है। मैंने जवाब दिया कि अभी मेरी प्राथमिकता पढ़ाई है। उसने न जाने क्यों और कैसे इसे एक सिग्नल के रूप में लिया कि शायद मेरे बॉयफ्रेंड के साथ अच्छे शारीरिक संबंध (लंबे समय तक फिजिकल रिलेशन न बनाने के इफेक्ट्स) नहीं हैं।
बस इसलिए उसने एक ऐसी जगह की तलाश की जो कैमरे में कैद नहीं थी और फिर उसने अपने हाथ मेरी जांघ और ऊपरी जांघ पर रखना शुरू किया। ऐसा करते समय वह सामान्य रूप से मुझसे बात कर रहा था और नजरें नहीं मिला रहा था। मैं इस एक्शन से स्तब्ध थी और इसके बाद भी मैं बहुत घबरा गई थी। इसके बाद मैंने अपने एक सहकर्मी को फोन किया था और कहा था, "मुझे लगता है कि सूर्या ने मेरा यौन उत्पीड़न किया है।"
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उसने दोस्ती का फायदा उठाकर मेरा उत्पीड़न किया
कृतिका पुन मुंबई में रहती हैं। अपने करियर की शुरुआत में वह हैदराबाद की एक एमएनसी में ट्रेनी के तौर पर कार्यरत थी, जब उनका कार्यस्थल पर उत्पीड़न हुआ। वह ऑफिस में एक ऐसे व्यक्ति से मिली, जो उनकी काफी मदद करता था। कुछ ही समय में वह ऑफिस बडी बन चुके थे। "उसकी आदत थी कि वह लोगों को छू-छूकर बातें करता था। कुछ सहकर्मियों ने उसे टोका भी था, लेकिन यह कभी मुझे खराब नहीं लगा।" कृतिका ने बताया।
"हम अक्सर कॉफी पीने के लिए पैंट्री चले जाया करते थे। एक दिन बातों-बातों में जब वह इधर-उधर मुझे छूने लगा, तब पहली बार मुझे असहज महसूस हुआ। मुझे लगा, मैं ज्यादा ही सोच रही हूं। हालांकि, शाम को उसने मुझे घर छोड़ने की बात कही। रास्ते में वह कभी मेरे बाल, तो कभी मेरी पीठ पर हाथ लगाने लगा। मैं इतनी घबरा गई थी कि मैंने उन्हें खुद को बीच रास्ते में ही छोड़ने के लिए कहा। मैंने बहाना बनाया कि मेरा कुछ दोस्तों से मिलने का प्लान बन गया है।"
अगले दिन उसने मुझसे कॉफी के लिए पूछा, तो मैंने मना कर दिया, लेकिन जब उसने जोर दिया तब मुझे जाना पड़ा। पेंट्री में उस आदमी ने कृतिका से पूछा कि उन्होंने नीचे क्या पहना है। इस सेंटेंस को सुनकर कृतिका हैरान हो गईं। उन्होंने कहा, "मैं हक्की-बक्की थी।" उस आदमी को जरा भी शर्म नहीं आई और वह फिजूल सवाल करता रहा। कृतिका ने जब यह बात अन्य सहकर्मियों को बताई, तो उन्होंने कहा कि प्रबंधन में एक वरिष्ठ व्यक्ति उसके साथ है इसलिए शिकायत करने का कोई मतलब नहीं है (क्या है POSH)।
कृतिका ने कहा, " मैं एकदम सदमे थी और सोचती रही कि मैंने एक गलत व्यक्ति पर भरोसा किया, जिसने न जाने कितनी महिलाओं के साथ भी छेड़छाड़ की थी।" कृतिक इस घटना को याद करते हुए कहती हैं, "मैंने वह जगह जल्द ही छोड़ दी थी और आज सात साल हो गए, लेकिन वह घटना अभी भी मुझे परेशान करती है।"
इन सभी घटनाओं में आपने देखा कि महिलाओं को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी और उत्पीड़न करने वाले लोगों को खरोंच तक नहीं आई। ऐसे मामले यह सवाल खड़ा करते हैं कि आखिर हम महिलाएं कहां सुरक्षित हैं?
जरूरी है कि ऐसे मामलों में बिना किसी देरी के जल्दी कदम उठाए जाएं। जब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब महिलाएं शायद कहीं भी सुरक्षित न रहें।
इस मामले में आपका क्या ख्याल है, हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो इसे लाइक करें और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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