आज यहां हम बहुत ही जरूरी चर्चा करने जा रहे हैं। ये चर्चा है फिजिकल रिलेशन्स उर्फ इंटरकोर्स या से*स की। क्या आपने नोटिस किया कि मैंने एक शब्द को यहां सेंसर कर दिया है। आखिर हमारे समाज में इस शब्द को सेंसर करना ही तो सिखाया जाता है। यकीनन सेक्शुअल रिलेशन्स की बात करने पर जहां लोग झेंप जाते हैं वहां अगर इसकी जरूरत की बात की जाए तो लोग चकरा ही जाएंगे। पर महिलाओं के लिए कुछ मामलों पर बात करना जरूरी होता है।
इस स्टोरी की हेडिंग पढ़कर तो आप समझ ही गए होंगे कि यहां किस बारे में बात हो रही है। हर इंसान के लिए फिजिकल रिलेशन्स की जरूरत कुछ अलग होती है, लेकिन आखिर इनकी जरूरत किस तरह से है इसपर सवाल है।
National Center for Biotechnology Information (NCBI) की एक स्टडी इसके बारे में चर्चा करती है कि अगर लोग काफी समय तक सेक्शुअल रिलेशन ना बनाएं तो उससे क्या फर्क पड़ेगा।
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जिस स्टडी का जिक्र यहां हो रहा है उसमें 17,744 लोगों का डेटा लिया गया था जिनमें से 15.2% पुरुष और 26.7% महिलाएं थीं जिन्होंने एक साल से सेक्स नहीं किया था और 8.7% पुरुष और 17.5% महिलाएं थीं जिन्होंने 5 साल से सेक्स नहीं किया था।
इसमें सामने आया था कि ये हैप्पीनेस लेवल से लेकर शारीरिक गतिविधियों तक सभी चीज़ों पर असर डाल सकता है।
ये रिसर्च बताती है कि फिजिकल रिलेशन्स के कारण कुछ हेल्थ बेनेफिट्स भी हो सकते हैं जिसमें से ये शामिल हैं जैसे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, स्ट्रेस लेवल कम रहता है आदि।
लेकिन अगर ये ना किया जाए तो इस तरह की चीज़ें सामने आ सकती हैं-
जो लोग एक हेल्दी सेशुअल लाइफ जीते हैं उनके लिए टच स्टारवेशन यानी पार्टनर के टच की कमी महसूस होने लगती है। कोविड के लॉकडाउन के समय भी लोगों के साथ इसी तरह की समस्या सामने आई थी। जो लोग अकेले रहते थे वो खुद को डिप्रेस महसूस करते थे। ऐसे में मेंटल स्ट्रेस बढ़ सकता है।
वैसे ये सीधे तौर पर सेक्स से जुड़ा नहीं है, लेकिन अगर स्ट्रेस लेवल बढ़ता है तो स्ट्रेस की समस्या भी काफी बढ़ती है। ऐसे में अगर स्ट्रेस बढ़ेगा तो ब्लड प्रेशर की समस्या भी बढ़ सकती है।
2015 में की गई एक और स्टडी बताती है कि अगर सेक्शुअल रिलेशन सही ना हों तो रिश्तों पर असर पड़ता है। कई शादियां भी इनके कारण टूट जाती हैं। फिजिकल रिलेशन्स से रिश्तों की मधुरता बनी रहती है और एक पर्सनल खुशी का अहसास होता है।
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इसका असर भी स्ट्रेस से जुड़ा हुआ है। रेगुलर रिलेशन बनाने से आपको स्ट्रेस कम होता है, लेकिन अगर ये रेगुलर ना मिले तो कई बार एंग्जाइटी जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं। हालांकि, ये सीधे तौर पर कनेक्टेड नहीं है, लेकिन रिसर्च मानती है कि रेगुलर सेक्शुअल एक्टिविटी से जो हार्मोन्स निकलते हैं वो एंग्जाइटी लेवल काफी कम करते हैं।
फिजिकल रिलेशन ना बनाने से कई बार आपकी पर्सनल लाइफ पर भी असर हो सकता है। ह्यूमन टच में कमी आने से कई बार यूं ही अकेलेपन का अहसास होने लगता है।
इसके अलावा, फिजिकली कोई बड़ा बदलाव सेक्स कम करने की वजह से नहीं होता है। हां, मानसिक तौर पर संतुष्टि हो सकती है। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? इसके बारे में हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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