सेक्सुअल हैरेसमेंट कितना खराब हो सकता है? ये सवाल शायद बचकाना लगे क्योंकि सेक्सुअल हैरेसमेंट चाहे किसी भी स्तर पर हो रहा है उसे सबसे खराब श्रेणी में ही रखा जाएगा। अगर आपने न्यूज देखी होगी किसी भी प्लेटफॉर्म में तो आपको दिख रहा होगा कि किस तरह एक कोरियाई ब्लॉगर को लाइव ब्लॉग पर दो भारतीय लड़कों ने हैरेस किया और उसे परेशान किया। ये वीडियो ऑनलाइन शेयर किया गया और यूट्यूबर को चिल्लाते हुए देखा गया 'No No', और ये घटना मुंबई की है जिसे भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है।
इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक आदमी उस यूट्यूबर का हाथ पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचता दिख रहा है और साथ ही साथ वो बद्तमीज़ी भी कर रहा है।
ये वीडियो असल मायने में भारत की स्थिति दिखलाता है जिसमें आपको ये समझ आए कि आखिर महिलाओं की इज्ज़त किस तरह से की जा रही है और यहां हैरेसमेंट कितना बड़ा इशू बनता जा रहा है। कुछ भी आगे कहने से पहले आप ये वीडियो देख लें।
Last night on stream, there was a guy who harassed me. I tried my best not to escalate the situation and leave because he was with his friend. And some people said that it was initiated by me being too friendly and engaging the conversation. Makes me think again about streaming. https://t.co/QQvXbOVp9F
— Mhyochi in (@mhyochi) November 30, 2022
ये बहुत आम है कि महिलाओं के साथ आते-जाते किसी ना किसी तरह की हरकत कर दी जाए। ये शर्मिंदगी से भरी हुई बात है, लेकिन है बिल्कुल सच कि हर महिला को किसी न किसी तरह से ऐसे हैरेसमेंट का सामना करना पड़ा है।
कुछ दिनों पहले ट्विटर पर एक थ्रेड वायरल हुआ था जिसमें अलग-अलग लड़कियों ने अपने साथ हुई घटनाओं का जिक्र किया था।
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महिला डिब्बे में मास्टरबेशन
इस ट्वीट के अनुसार महिला डिब्बे में मास्टरबेशन किया गया। ये मुंबई लोकल का फर्स्ट क्लास डिब्बा है जिसमें हाना मोहसिन खान नामक एक ट्विटर यूजर के सामने बैठकर एक पुरुष ने खुद को सहलाना शुरू किया।
A man got into the Mumbai first class women compartment by “mistake” in the very last second. Started staring at me and mastrubating. There were three other women in the compartment but none who could see. I changed my seat to change my line of sight and he also changed position https://t.co/YWeacKihQD
— Hana Mohsin Khan | هناء (@girlpilot_) November 27, 2022
लड़की ने सीट बदलने की कोशिश की, लेकिन फिर भी हालात नहीं बदले।
दिल्ली में कनॉट प्लेस में सबके सामने किया मास्टरबेशन
अगर आप दिल्ली में हैं तो आपको कनॉट प्लेस या राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के बारे में पता ही होगा। यहां पर हजारों लोग एक साथ रहते हैं और मेट्रो पकड़ रहे होते हैं। वहां सलवार कमीज़ पहने मंजरी के सामने एक लड़के ने मास्टरबेशन किया। वहां मौजूद सब लोग हंस रहे थे।
Mastrubated on in a packed metro from CP to Noida. I screamed, every man there laughed. I was on my way to office, and wearing salwar kameez. Why are we *still* going on with the same rhetoric? Stop blaming women for the doings of men. It's tragic this fake doc has a daughter https://t.co/miyuwz9P2R
— Manjiri (@ManjiriIndurkar) November 26, 2022
DTC बस में होती है छेड़-छाड़
ऐसा ही एक रिप्लाई दीपिका नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि DTC बसों में हर रोज़ उनके साथ इस तरह के एन्काउंटर होते हैं जहां उनके सामने कोई ना कोई इस तरह की हरकत करता ही रहता है।
I used to travel in dtc buses wherein I used to daily encounter such men who used to masturbate whnever I was sitting on outside seat.thk God now I have a car but it's strange to hear tht things have still not changed.
— Deepika11177 (@deepika11177) November 28, 2022
ऐसे ही ना जाने कितने उदाहरण आपको अपने आस-पास की सीट पर बैठी सहयात्रियों से ही मिल जाएंगे। मैंने यही सोचते हुए कुछ महिलाओं से इसके बारे में जानने की कोशिश की कि उन्हें किस तरह से सेक्सुअल हैरेसमेंट का सामना करना पड़ा है।
ऑटो वाला कहीं और ले जा रहा था
जर्नलिस्ट संविदा तिवारी के साथ हुई ये घटना है जब वो रात के 9-9.30 बजे अपने घर की ओर जा रही थीं। वो ग्रेटर नोएडा के एक सुनसान इलाके की ओर रहती हैं और वहां ऑटो वाला जानबूझकर उन्हें गलत रास्तों की ओर घुमा रहा था। जब उन्होंने आपत्ति जताई तो ऑटो वाला उन्हें सही रास्ते पर तो ले गया, लेकिन अचानक गाड़ी रोककर उनसे कहा 'मुझे सू** जाना है' इसके बाद उन्हें ऑटो वाला सही जगह लेकर गया और उनसे बार-बार कहता रहा 'मैडम आज बहुत ठंड है।'
ट्रेन के कंपार्टमेंट में गाने
बतौर मार्केटिंग कंसल्टेंट काम करने वाली सुरभि शुक्ला का कहना है कि उन्हें ट्रेन के सेकंड एसी कंपार्टमेंट में बार-बार अभद्र गाने गाकर परेशान किया गया। गाने छिछोरे थे और टीटी से शिकायत करने पर वो इंसान रुका तो सही, लेकिन रात के सफर में कई बार उन्हें छूकर जाने की कोशिश की।
मेट्रो में छेड़खानी की कोशिश
मेरे साथ काम करने वाली हेमा पंत के साथ भी एक ऐसा ही किस्सा हुआ। हेमा का कहना था कि भरी हुई मेट्रो में एक लड़के ने उनके साथ छेड़खानी करने की कोशिश की और अपना निजी अंग उनके शरीर से टच करने की कोशिश की। जब हेमा ने उसे रोका तो उस लड़के ने फोन पर किसी से बात करना शुरू किया और इस इंसिडेंट के बारे में बताना शुरू किया और हंसना भी शुरू कर दिया। यानी लड़की के मना करने पर उसका ही मज़ाक बनाया जाता है और इसे लेकर हंसी भी उड़ाई जाती है।
मैं अपने साथ हुआ एक किस्सा ही आपको बताती हूं। मैं गोवा घूमने गई थी और उस समय मेरी स्कूटी के पीछे दो लड़कों ने अपनी स्कूटी लगा दी। उन्होंने अपनी स्कूटी कुछ इस तरह से चलाना शुरू कर दिया जैसे वो मुझे घेर रहे हों। मैं नॉर्थ गोवा से साउथ गोवा के बीच के रास्ते में थी जहां बहुत ज्यादा लोग नहीं रहते। खुशकिस्मती से एक गांव बीच में आया जहां मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया। तब गांववालों ने उन लड़कों को भगाया और मैंने अपनी स्कूटी वापस मोड़ ली। जहां जाना था वहां नहीं गई।
अगर मैं इस स्टोरी को आगे बढ़ाती जाऊं तो ये बढ़ती ही जाएगी क्योंकि ऐसे ना जाने कितने ही किस्से और कहानियां मौजूद हैं जहां महिलाओं के साथ इस तरह की हरकतें होती रहती हैं।
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'गलती तुम्हारी है' वाला एटिट्यूड कब बदलेगा
अगर इन सभी इंसिडेंट्स की बात की जाए तो मदद के लिए कुछ लोग ही आए और बाकी हंसने और देखने का काम करते रहे। उस ब्लॉगर के वीडियो को ही देख लीजिए जहां आने-जाने वाले लोग सिर्फ उसके साथ होती छेड़-छाड़ को देख रहे हैं। हर मामले में लड़कियों की गलतियां भी निकाली जाती हैं। एक तरह से देखा जाए तो हर कोई इस बात पर ज़ोर देता है कि शायद लड़की ने ही कुछ गलत किया होगा। उस ब्लॉगर ने भी साफ लिखा है कि लोग उसे ज्यादा फ्रेंडली होने के लिए नसीहतें दे रहे हैं।
पुरुष चाहें किसी भी तरह से रिएक्ट करें, चाहें कुछ भी करें 'Men will be Men' वाली सोच पर ही ध्यान दिया जाता है। लोग यही सोचते हैं कि गलती तो लड़कियों की ही है। वो आखिर क्यों इतनी रात को जा रही थी। वो आखिर क्यों इतनी बोल्ड ड्रेस पहने थी, वो आखिर क्यों खुद को प्रोटेक्ट नहीं कर पाई, वो आखिर क्यों अकेली जा रही थी और वगैराह-वगैराह। यहां तक कि आपने टीवी और मीडिया में कई नेताओं को ये कहते भी सुना होगा कि लड़कियां युवा लड़कों को डिस्ट्रैक्ट करती हैं। कई मामलों में तो कल्चर और ट्रेडिशन को लेकर भी बोला जाता है कि लड़कियां हमारी संस्कृति को खराब कर रही हैं।
समस्या ये नहीं कि लड़की ने क्या किया और वो कहां थी, समस्या ये है कि हमारे समाज की आदत है विक्टिम ब्लेमिंग की और हमें हमेशा ही लड़कियों की गलती दिखती है। लड़के अगर उसके सामने मास्टरबेट भी कर रहे हैं तो वो गलती लड़की की ही है क्योंकि आखिर वो लड़कों के सामने खड़ी है।
कहीं ना कहीं तो इस सोच को बदलना ही होगा, लेकिन दिक्कत ये है कि 2022 का अंत होने वाला है, लेकिन इस सोच का अंत महाभारत के समय से लेकर अभी तक नहीं हो पाया है। ये वो सोच है जिसने दुर्योधन से लेकर मौजूदा समय के दुराचारियों को अपने वश में कर रखा है। क्या कभी किसी समय लड़कियों की इज्जत हो पाएगी? सवाल बहुत बड़ा है।
आपका इस मामले में क्या ख्याल है ये हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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