सड़क पर वाहन चलाते समय, ट्रैफिक नियमों का पालन करना जरूरी होता है। अगर कोई व्यक्ति सड़क पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे जुर्माना या सजा भुगतनी पड़ सकती है। ट्रैफिक पुलिस के जवान अलग-अलग जगहों पर तैनात रहते हैं, जो किसी भी गलती पर चालान कर सकते हैं।
अब तो सड़क किनारे और रेड लाइट पर भी कैमरे लगे हुए हैं, जो आपकी गाड़ी का चालान करते हैं। इसका मैसेज गाड़ी मालिक के मोबाइल पर जाता है, जिसे उसे भरना होता है। हालांकि, आजकल फेक चालान के नाम पर भी ठगी हो रही है। इसलिए, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपने कोई गलती नहीं की है, तो बिना डरे गाड़ी के कागज दिखा दें। चालान करने वाले अधिकारी के पास ट्रैफिक चालान बुक या फिर ई-ट्रैफिक चालान मशीन होनी चाहिए।
आपको ये भी पता होना चाहिए कि
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 110 के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो किसी मोटर वाहन को सड़क पर ले जा रहा है, उसे उस वाहन के चालक के रूप में माना जाता है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति किसी मोटर वाहन को हाथ में लेकर पैदल चल रहा है, तो उसे उस वाहन के चालक के रूप में नहीं माना जाता है।
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फेक ई-चालान क्या है और कैसे बचें?
फेक ई-चालान धोखाधड़ी का एक तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी यात्रियों को नकली ई-चालान भेजकर। उनके पैसे चुराने की कोशिश करते हैं। ये ई-चालान आमतौर पर ट्रैफिक पुलिस विभाग द्वारा जारी किए गए आधिकारिक ई-चालान की तरह दिखते हैं, लेकिन वे झूठी जानकारी वाले होते हैं।
फेक ई-चालान में अक्सर कुछ ऐसी विशेषताएं होती हैं
- संदिग्ध ईमेल पता यानी यह आधिकारिक ईमेल पते से अलग दिख सकता है।
- अस्पष्ट भाषा और ग्रामर से संबंधित त्रुटियां। क्योंकि आधिकारिक ई-चालान में स्पष्ट और सही भाषा का इस्तेमाल होता है।
- भुगतान करने के लिए लिंक आपको किसी अज्ञात या संदिग्ध वेबसाइट पर ले जा सकता है।
- ई-चालान में आपको तुरंत भुगतान करने के लिए धमकाया जा सकता है, अन्यथा आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अपराधी कुछ ऐसी बातें भी करते हैं।
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फेक ई-चालान से बचने के लिए
- केवल आधिकारिक वेबसाइटों से ई-चालान डाउनलोड करें: https://echallan.parivahan.gov.in/ जैसी आधिकारिक वेबसाइटों से ही ई-चालान डाउनलोड करें।
- ईमेल पते को ध्यान से देखें। यह आधिकारिक ईमेल पते से मेल खाना चाहिए।
- ई-चालान में दिए गए भुगतान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें।
- किसी भी ईमेल में अपनी बैंकिंग जानकारी या अन्य निजी जानकारी शेयर न करें।
- अगर आपको ई-चालान की प्रामाणिकता पर संदेह है, तो संबंधित विभाग से संपर्क करें और पुष्टि करें।
- अगर आप किसी फेक ई-चालान का सामना करते हैं, तो इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को करें।

नकली ई-चालान का पता लगाने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं
- डोमेन एक्सटेंशन: वैध ई-चालान वेबसाइटों के अंत में ".gov.in" लिखा होता है।
- सेंडर: आधिकारिक ई-चालान सूचनाएं वैध सरकारी डोमेन या स्रोतों से आती हैं।
- व्याकरण: वास्तविक सरकारी अधिसूचनाएं आम तौर पर त्रुटि रहित और अच्छी तरह से लिखी जाती हैं।
- भुगतान लिंक: स्कैमर्स अक्सर ऐसे लिंक का इस्तेमाल करते हैं जो https://echallanparivahan.in के समान दिखते हैं।
- गाड़ी नंबर: संदेश में वाहन का नंबर आपके वाहन के नंबर से मेल खाना चाहिए। आप इसे अपने वाहन की नंबर प्लेट या क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के स्मार्ट कार्ड से सत्यापित कर सकते हैं।
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