What Is The Process to Rename Roads: दिल्ली इलेक्शन के बाद से यह देश की राजधानी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसी बीच एक और खबर सामने आई कि दिल्ली की कुछ सड़कों का नाम बदला जा रहा है। इसमें मुगलों के नाम वाली सड़कें शामिल हैं। बता दें कि हाल ही में नजफगढ़ को नाहरगढ़ और मोहम्मदपुर को माधवपुर बनाने के प्रस्ताव के बाद अब तुगलक लेन का नाम बदलने की बात उठने लगी है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं कि जब किसी सड़क का नाम बदला गया। अब ऐसे में कई बार लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि आखिर किसी जगह, स्थान, सड़क या शहर का नाम कैसे बदला जाता है और इसे बदलने की परमिशन कौन देता है। इस लेख में आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं, कि कैसे किसी सड़क का नाम बदला जाता है।
कब बदला जाता है किसी सड़का का नाम
कई बार सड़क का नाम बदलने का उद्देश्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या सामाजिक कारणों से होता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी प्रसिद्ध नेता या स्वतंत्रता सेनानी की याद में सड़क का नाम बदलना हो, तो संबंधित समिति या सरकारी निकाय इसे मान्यता दे सकते हैं।
कौन देता है परमिशन?
नगर निगम, स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार और कभी-कभी केंद्र सरकार सड़क के नाम बदलने की अनुमति देती है। छोटे शहरों में, यह पूरी प्रक्रिया स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाती है, जबकि बड़े शहरों और राज्यों में राज्य सरकार और नगर निगम का सहयोग आवश्यक होता है। नीचे समझिए सड़क का नाम बदलने के लिए किन प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है।
प्रारंभिक प्रस्ताव
सड़क का नाम बदलने का प्रस्ताव किसी स्थानीय निवासियों, नेता, या संगठन द्वारा किया जा सकता है। यह प्रस्ताव संबंधित नगर निगम, जिला परिषद, या अन्य स्थानीय प्रशासन के पास भेजा जाता है। प्रस्ताव में सड़क के नाम बदलने के कारण, उद्देश्य, और नया नाम सुझाया जाता है।
सार्वजनिक राय
कई बार यह प्रस्ताव आम जनता से राय लेने के लिए भी रखा जाता है। स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि नाम बदलने से समुदाय में किसी प्रकार की नाराजगी न हो। आमतौर पर, यदि नाम बदलने से कोई बड़ी सार्वजनिक आपत्ति नहीं होती है, तो प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।
नगर निगम/स्थानीय प्रशासन की मंजूरी
सबसे पहले नगर निगम (या संबंधित स्थानीय प्राधिकरण) इस प्रस्ताव की समीक्षा करता है। यदि सड़क का नाम बदलने का प्रस्ताव सही और उचित लगता है और कोई कानूनी या राजनीतिक अड़चन नहीं है, तो उसे मंजूरी दी जाती है। यदि सड़क का नाम राज्य या केंद्र सरकार के अंतर्गत है, तो राज्य सरकार या केंद्र सरकार से भी मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है।
मंत्री निकाय की मंजूरी
बड़े शहरों या राज्यों में, सड़क का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार या नगर निगम बोर्ड के शासी निकाय जैसे मेयर, काउंसलर्स, राज्य मंत्री से भी मंजूरी लेनी पड़ती है। यह प्रक्रिया अक्सर एक ऑर्डर या निर्देश के रूप में होती है, जिसमें नाम बदलने की तारीख और विधि को स्पष्ट किया जाता है।
सार्वजनिक घोषणा पुलिस और सुरक्षा परमिशन
नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इसे एक सार्वजनिक सूचना के रूप में घोषित किया जाता है। इसके बाद, संबंधित सड़क पर नए नाम का बोर्ड या संकेत लगाया जाता है। कभी-कभी, सुरक्षा कारणों से भी सड़कों के नाम में बदलाव की जरूरत होती है, जो संबंधित पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित हो सकती है। सड़क का नाम बदलने के बाद, इसे सभी सरकारी दस्तावेजों, रोड मैप्स, चुनावी रिकॉर्ड्स और अन्य प्रशासनिक रिकॉर्ड्स में अपडेट किया जाता है।
इसे भी पढ़ें-Delhi Accident: हमेशा खतरनाक क्यों मानी जाती हैं दिल्ली की सड़कें?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image credit-Freepik, meta ai
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों