मूंगफली केक एक जैविक खाद है जो मूंगफली के तेल निकालने के दौरान प्राप्त होता है। तेल निकलने के बाद मूंगफली खली जैविक खाद के रूप में कार्य करता है, जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभकारी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। मूंगफली केक में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक तत्व शामिल होते हैं। साथ ही फाइबर और प्रोटीन भी होते हैं। ऐसे में आप इसका उपयोग बगीचे में लगे पौधों में खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। चलिए जानते हैं इसे घर पर कैसे बनाकर तैयार कर सकते हैं।
मूंगफली छिलके से खाद कैसे बनाएं?
मिट्टी में मूंगफली की खली मिलाकर, बागवान और किसान पौधों को पोषक तत्वों का प्राकृतिक और जैविक स्रोत प्रदान कर सकते हैं, जिससे प्लांट हेल्दी और हरे-भरे रहेंगे।
- मूंगफली के छिलके
- पानी
- गोबर का खाद
- चाय की पत्तियां
खाद बनाने का तरीका
- मूंगफली के छिलके को सुखाकर आप बायो-फर्टिलाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल करें।
- अब सुखाए हुए छिलकों को बारीक पीस लें।
- पीसे हुए छिलके को पानी में डालकर 24-48 घंटे के लिए एक कंटेनर में छोड़ दें ताकि यह अच्छे से फरमेंट हो सके।
- अब फरमेंटेड छिलके के मिश्रण में गोबर का खाद और चाय की पत्ती मिलाएं।
- सभी सामग्री को अच्छे से मिलाकर एक हफ्ते के लिए ढक कर छोड़ दें। हर दिन इसे हिलाते रहें ताकि सभी सामग्री अच्छे से मिल जाए।
- एक हफ्ते बाद, मिश्रण को छानकर दूसरे बर्तन में रखें। अब इसमें पानी मिलाकर इस्तेमाल करें।
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ग्राउंडनट केक से कैसे बनाएं खाद
- ग्राउंटनट को पीसकर इसका पाउडर आप खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा जब समय की कमी के कारण बार-बार मिट्टी का मिश्रण तैयार करना संभव न हो, तो आप मूंगफली की खली का पाउडर को सीधे गमले की मिट्टी में मिला दें।
- पौधे के लिए इस्तेमाल करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप पाउडर डालने से पहले मिट्टी की गुड़ाई कर लें, फिर इसका इस्तेमाल करें। साथ ही पौधे को पानी दें।
लिक्विड खाद कैसे बनाएं?
- मूंगफली केक से खाद बनाने के लिए 100 ग्राम मूंगफली केक को 4-4.5 लीटर पानी में घोलकर तरल टॉनिक तैयार करें।
- अगर केक में किसी भी प्रकार के कीड़े निकलते हैं , तो इसका उपयोग करने से बचें।
- घोल को ऐसी जगह पर रखें जहां सूर्य की सीधी रोशनी न पड़े।
- केक को पानी में अच्छी तरह घुलने के लिए कम से कम 2 दिन के लिए छोड़ दें।
- यदि इसे 4 दिनों से अधिक समय तक छोड़ दिया जाए तो उसमें कीड़े और फफूंद लग सकते हैं।
- अब इस टॉनिक में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलाकर पतला करें। इसके बाद पौधे में इस्तेमाल करें।
- इस टॉनिक का अक्टूबर से मार्च के बीच पौधों पर प्रयोग करना सबसे अच्छा होता है।
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