घरेलू हिंसा किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार है, जो किसी व्यक्ति को डराने, नियंत्रित करने या चोट पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह शारीरिक, यौन, भावनात्मक या आर्थिक हो सकता है। अगर आप घरेलू हिंसा की शिकार हैं, तो डरें नहीं और चुप मत रहिए। कानून आपके साथ है और आपको सुरक्षा प्रदान करता है। अपने अधिकारों के बारे में जानें और उनका इस्तेमाल करें। सहायता के लिए कई संसाधनों का लाभ उठा सकते हैं।
पीड़ित, परिवार का कोई सदस्य या हिंसा के बारे में जानने वाला कोई भी व्यक्ति पुलिस या मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) या घरेलू घटना रिपोर्ट (DIR) दर्ज कर सकती है। वे पीड़ित को क्षेत्र के किसी संरक्षण अधिकारी के पास भी भेज सकते हैं।
आप अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज करा सकती हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको अपनी पहचान का प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, आदि), निवास प्रमाण, और घरेलू हिंसा का सबूत (चोट के निशान, डॉक्टर का सर्टिफिकेट, ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग, गवाहों के बयान, आदि) प्रस्तुत करना पड़ सकता है। पुलिस अधिकारी आपकी शिकायत दर्ज करेंगे और मामले की जांच करेंगे।
पीड़ित मजिस्ट्रेट के पास सुरक्षा आदेश के लिए भी आवेदन कर सकता है। यह आदेश पीड़िता को घरेलू हिंसा से बचाता है। जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में संरक्षण अधिकारी (Protection Officer) से भी संपर्क कर सकती हैं। संरक्षण अधिकारी आपको कानूनी सहायता प्रदान करेंगे और मामले की जांच करेंगे। वे आपको आश्रय, चिकित्सा सहायता और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं भी प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
संरक्षण अधिकारी डीआईआर की एक प्रति पुलिस स्टेशन और मजिस्ट्रेट को भेजता है। मजिस्ट्रेट कोई भी आदेश देने से पहले डीआईआर पर विचार करता है। इसके अलावा आप किसी गैर-सरकारी संगठन (NGO) या सरकारी संस्था द्वारा संचालित घरेलू हिंसा सेवा प्रदाता से भी सहायता पा सकती हैं। ये सेवा देने वाले आपको कानूनी सलाह, मनोवैज्ञानिक सहायता और अन्य सहायता प्रदान कर सकते हैं।
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प्रतिवादी और अन्य को बुलाया जाता है, और मामला मजिस्ट्रेट के समक्ष जारी रहता है। अगर मजिस्ट्रेट को लगता है कि प्रतिवादी ने घरेलू हिंसा की है या करने की संभावना है, तो वह एक पक्षीय आदेश दे सकता है। घरेलू हिंसा के मामलों में स्वीकार किए गए साक्ष्य में शारीरिक हिंसा, धमकी, भावनात्मक शोषण या जबरदस्ती नियंत्रण के बारे में पीड़ित की गवाही शामिल हो सकती है। अगर आप तत्काल खतरे में हैं, तो तुरंत 100 नंबर पर पुलिस को कॉल करें या 1091 नंबर पर महिला हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
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