How To Buy 22 Karot Gold: त्योहार के मौके पर हम सभी सोने या चांदी से बनी ज्वेलरी और सिक्के खरीदते हैं। ऐसे में बहुत सारे लोगों आभूषणों को अपने हिसाब से बनवाने के ऑर्डर देते हैं। सुनार द्वारा ज्वेलरी बनने के बाद उस पर मेकिंग चार्ज जोड़ा जाता है, जो कभी कम या ज्यादा होता है।
ऐसे में खरीदारों को उनके द्वारा खरीदे गए प्रत्येक आभूषण पर सोने के मेकिंग चार्ज का भुगतान करना पड़ता है। बता दें, क्वालिटी और शुद्धता के आधार पर मेकिंग चार्ज अलग-अलग हो सकता है। अगर आपको मेकिंग चार्ज समझने में दिक्कत होती है और यह नहीं समझ पाते कि ऐसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है, तो यहां हम आपको सोने के मेकिंग चार्ज कैलकुलेट के बारे में बताने जा रहे हैं।
मेकिंग चार्ज क्या है? (What is making charge of gold)
जब आप सोने का कोई आभूषण खरीदते हैं तो आप गोल्ड मेकिंग चार्ज का भुगतान करते हैं। आभूषणों को कच्चे सोने से डिजाइन करने और बनाने की लागत है। जवाहरात बनाने की लागत उसकी शुद्धता और आकार पर निर्भर करती है। क्रिएटिविटी करके डिजाइन तैयार करना और उन्हें आभूषण के मजबूत टुकड़ों में ढालना महंगा है।कठिन डिजाइन वाले महीन टुकड़ों के सोने के मेकिंग चार्ज आमतौर पर अधिक होते हैं क्योंकि सोनार उन्हें तैयार करने में अधिक समय लगाते हैं। भारत में सोने के आभूषणों पर मेकिंग चार्ज 3% से 25% या प्रति ग्राम सोने के हिसाब से एक समान दर है ।
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मेकिंग चार्ज की गणना कैसे की जाती है? (How to calculate gold wastage)
मेकिंग चार्ज ज्वेलरी बनाने में लगने वाले मेहनत, समय, डिजाइन, कारीगरी और अन्य लागतों को दर्शाता है। यह सोने या चांदी के शुद्ध वजन के अलावा एक अतिरिक्त शुल्क होता है। बता दें इसके अलावा मेकिंग चार्ज कई कारकों पर निर्भर करता है। चलिए जानते हैं उसके बारे में-
जटिल डिजाइन वाले ज्वेलरी के लिए अधिक मेकिंग चार्ज सोनार द्वारा बताया जाता है। सोने, चांदी या अन्य धातु के आधार पर मेकिंग चार्ज अलग-अलग हो सकता है। साथ ही ज्वेलरी का वजन जितना अधिक होगा, मेकिंग चार्ज उतना ही अधिक होगा। देश भर में मौजूद ज्वेलरी मेकिंग कंपनियों के अलग-अलग मेकिंग चार्ज हो सकते हैं। हालांकि मेकिंग चार्ज की गणना आमतौर पर ज्वेलरी के क्वालिटी, वजन के आधार पर की जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आप 10 ग्राम का सोने का मंगलसूत्र खरीद रहे हैं और मेकिंग चार्ज 15% है, तो आपको 10 ग्राम सोने की कीमत के अलावा 1.5 ग्राम सोने के बराबर मेकिंग चार्ज देना होगा।
मेकिंग चार्ज कम करने के टिप्स
अगर आप अधिक मेकिंग चार्ज देने से बचना चाहती हैं, तो आपको सरल और सुलझी हुई डिजाइन चुनने की जरूरत है। इससे कम मेकिंग चार्ज लगेगा। कान, गले और हाथ के आभूषण पर अलग-अलग मेकिंग चार्ज लगता है। ऐसे में अगर आप ऑफ सीजन में ज्वेलरी खरीदती हैं, को मेकिंग चार्ज आपको कम देना पड़ेगा। अगर आपके पास पुराने ज्वेलरी हैं, तो उन्हें रिडिजाइन करवाने पर आपको नए ज्वेलरी खरीदने की तुलना में कम मेकिंग चार्ज देना होगा।
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