अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग के बाद डिलिवर हुए डिफेक्टिव प्रोडक्ट का कंपनी के कस्टमर केयर से कंप्लेंट कर के सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। या फिर सोशल मीडिया पर कंपनी को टैग कर के स्टोरी लगाते हैं, तो सावधान हो जाइए, आपके साथ स्कैम हो सकता है। असल में जब कोई कस्टमर सोशल मीडिया पर ऐसी कोई पोस्ट करता है तो स्कैमर्स सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर के आपके साथ धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग में तेजी से बढ़ोतरी के साथ, फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं। प्रोडक्ट डिफेक्टिव यानी फॉल्टी प्रोडक्ट के रिफंड के नाम पर भी स्कैम हो रहे हैं, इसके लिए स्कैमर्स सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। ये स्कैमर्स, फेक ब्रांड कस्टमर बनकर लोगों से बात करते हैं। फिर, ग्राहक को प्रोडक्ट के रिफंड के नाम पर मैसेज पर लिंक भेजते हैं। इस लिंक में ग्राहक से बैंक डिटेल्स भरवाई जाती हैं और फिर अकाउंट खाली कर दिया जाता है।
रिफंड और रिकवरी घोटालों से बचने के लिए, इन बातों का ध्यान रखें
- UPI की गाइडलाइन के मुताबिक कभी भी बैंक ट्रांजैक्शन की डिटेल सोशल मीडिया पर नहीं डालनी चाहिए।
- इसके अलावा ब्रांड के ही कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर पर ही कंप्लेंट करें।
- अगर कंप्लेंट करने पर भी कार्रवाई न हो तो, कंज्यूमर फोरम में शिकायत करें।
- ऐसी किसी भी कार्रवाई के लिए मामले का निवारण न हो जाने तक कस्टमर और कंपनी के बीच बात रखें, गोपनीयता बनाए रखने से स्कैम होने का डर कम हो जाता है।
- अपनी खोई हुई रकम से ज़्यादा रकम का रिफंड चेक न जमा करें।
- कुछ घोटालेबाज कहेंगे कि उन्होंने चेक भुनाने, बकाया राशि अपने पास रखने और बाकी रकम लौटाने में गड़बड़ी की है। इससे अक्सर घोटाला हो सकता है।
- किसी बैंक को यह पता लगाने में कई हफ्ते लग सकते हैं कि उसके द्वारा क्लीयर किया गया चेक नकली था।
- इस बीच, अगर आप घोटालेबाज को पैसे लौटाते हैं, तो बैंक आपसे वह पैसा चुकाना चाहेगा।
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इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर भी स्कैम होते हैं। ऐसे में, इन बातों का ध्यान रखें
- अनचाहे मैसेज
- अर्जेंट रिक्वेस्ट
- संदिग्ध लिंक
- निजी जानकारी के लिए रिक्वेस्ट
- सोर्स को वेरीफाई करें
- पर्सनल डिटेल्स साझा करने से बचें
- सेफ प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें
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ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित खरीदारी
- केवल पहचानें वेबसाइटों और विक्रेताओं से खरीदारी करें।
- खरीदने से पहले उत्पाद समीक्षाएं और रेटिंग जरूर पढ़ें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय, इस बात का ध्यान रखें कि वेबसाइट HTTPS सुरक्षित है।
- अपनी निजी जानकारी शेयर करने में सावधानी बरतें, किसी भी विक्रेता के साथ अपनी बैंक अकाउंट जानकारी या अन्य जानकारी शेयर करने से पहले सावधान रहें।
- अगर कोई ऑफर या छूट बहुत अच्छी लगती है, तो कई बार यह सच नहीं भी होता है।
- अपने बैंक स्टेटमेंट और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को नियमित तौर पर जांचें और किसी भी अनऑथराइज्ड लेनदेन की रिपोर्ट करें।
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