Khatu Shyam Temple Rajasthan: हारे का सहारा खाटू श्याम दर्शन के लिए कम से कम कितनी बार जाना चाहिए? ज्योतिषाचार्य से जानें

Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के सीकर में स्थित हारे का सहारा खाटू श्याम दर्शन के लिए देश-दुनिया से हजारों लोग रोजाना दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बाबा श्याम के दरबार पर कम से कम कितने बार आना चाहिए।
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Baba Khatu Shyam Mandir: बाबा श्याम को कलियुग का हारे का सहारा कहा जाता है। राजस्थान जिले के सीकर में स्थित खाटू श्याम बाबा के पट 24 घंटे खुले रहते हैं और दिन में 5 बार आरती होती है। इस मंदिर की खास बात यह है कि हर रोज बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया जाता है। खाटू श्याम बाबा जी को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां पर आया हुआ भक्त काफी खाली हाथ नहीं जाता है। खाटू श्याम के दरबार पर आए दिन देश भर से हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बाबा के दरबार पर कम से कम कितनी बार जाना जरूरी होता है। साथ ही यहां जानें कि श्याम बाबा की कितनी बार आरती की जाती है। चलिए जानते हैं आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी जानते हैं इसके बारे में-

खाटू श्याम में कब और कितनी बार होती है आरती?

How much time it takes for Khatu Shyam darshan

खाटू श्याम जी की पहली आरती गर्मियों में सुबह 4.30 बजे और सर्दियों में 5:30 बजे होती है। मंगला आरती में शामिल होने के लिए यहां पर भक्तों की अपार भीड़ देखने को मिलती है। आरती से पहले बाबा श्याम को विशेष फूलों से श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद बाबा श्याम की आरती और भक्तों को उनके दर्शन कराए जाते हैं। सुबह के कारण इसे श्रृंगार आरती भी कहा जाता है। इस आरती का समय सुबह 7 बजे होती है।

तीसरी आरती दोपहर के 12.30 बजे की जाती है। इस आरती के दौरान बाबा श्याम को गाय की दूध से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। वहीं संध्या आरती सूरज ढलने के दौरान की जाती है। संध्या आरती गर्मी में सुबह 7.30 और सर्दियों शाम 6.30 बजे की जाती है। बता दें कि ग्यारस के समय बाबा का दरबार चौबीस घंटे के लिए खुला रहता है।

कितनी बार करनी चाहिए बाबा के दर्शन?

Which days are crowded in Khatu Shyam

वैसे तो बाबा के दर्शन के लिए आप चाहें कितनी बार भी जाएं। लेकिन अगर आप कोई मन्नत या विनती करते हैं, तो ऐसा कहा जाता है खाटू श्याम के दरबार पर कम से कम तीन बार दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए। बाबा जी को तीन बाण का धारी कहा जाता है। अगर आप बहुत परेशान है, तो पहले दर्शन में अपनी अर्जी लगाएं। दूसरी बार बाबा से विनती करें। इसके बाद तीसरी बार जाकर भक्त और भगवान की तरह उनसे बात बहस कर सकते हैं।

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