Maha Kumbh 2025: कितने किलोमीटर में फैला है महाकुंभ संगम क्षेत्र? जहां शामिल होने के लिए पहुंच रहे करोड़ों लोग

Maha Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में शामिल होने के लिए करोड़ों लोग संगम की रेती पर आ रहे हैं। वर्तमान समय की स्थिति यह है कि इसकी वजह जगह-जगह पर जाम लग रहा है। चलिए जानते हैं कुंभ मेला कितने बड़े एरिया में फैला हुआ है।
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How many acres is Maha Kumbh: आस्था और श्रद्धा का केंद्र प्रयागराज में इन दिनों लोगों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। हजार, लाख नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु इस पर्व का साक्षी बनने के लिए संगम की रेती पर आ रहे हैं। 144 वर्षों बाद लगने वाले इस महाकुंभ में अब तक लगभग 53 करोड़ भक्तों ने संगम में डुबकी लगा ली है। वहीं महाशिवरात्रि तक इस आकड़े का 60 करोड़ के पास पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। अब ऐसे में मन सवाल आता है कि आखिर इतनी भीड़ के लिए महाकुंभ को कितने बड़े क्षेत्र में फैलाया गया है। साथ ही कुंभ नगरी में कितने घाट तैयार किए गए हैं। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि महाकुंभ जहां लोगों का महासंगम हो रहा है, वह क्षेत्र कितने बड़े एरिया में फैला है।

कब से शुरू हुई महाकुंभ का पर्व?

What is the area of Kumbh Mela

मकर संक्राति के एक दिन पहले यानी 13 जनवरी से शुरू इस पर्व में साधु-संत, नागा साधु से लेकर देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी शामिल होने पहुंची। जिन लोगों ने अभी तक संगम में डुबकी नहीं लगाई है, वह मौका मिलते ही यहां के लिए रवाना हो रहे हैं। महाकुंभ का त्योहार 26 फरवरी तक रहेगा। सरकार द्वारा लोगों की भीड़ और सुविधाओं को देखते हुए कुंभ मेले को बड़े क्षेत्र में फैलाया गया है।

कितने क्षेत्र में फैला है महाकुंभ?

महाकुंभ 2025 का आयोजन लगभग 4000 हेक्टेयर यानी 40 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। यह क्षेत्र साल 2019 के कुंभ मेले के मुकाबले लगभग दोगुना बड़ा है। इस विशाल क्षेत्र में 12 किलोमीटर लंबा स्नान घाट तैयार किया जाएगा, जहां करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस क्षेत्र में विभिन्न सुविधाओं का भी निर्माण किया गया है, जिसमें महिला श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम लेकर सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और यातायात व्यवस्थाएं शामिल है ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

महाकुंभ क्षेत्र में कितने तैयार किए गए हैं घाट?

Prayagraj Kumbh Mela Area

12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले संगम में 44 घाट बनाए गए हैं, ताकि स्नान के लिए श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़ा। इसमें संगम नोज से लेकर अलग-अलग डायरेक्शन में घाट बने हैं ताकि अगर आप किसी कारण वश त्रिवेणी घाट पर नहीं आ पा रहे हैं, तो अन्य घाटों पर स्नान पर सकें।

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Image credit- herzindagi

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