परफेक्ट बनने की चाहत तो हर किसी के मन में होती है। खासतौर से, महिलाओं से यह खासतौर से उम्मीद की जाती हैं कि वह हर चीज में कुशल हों, फिर चाहें बात पढ़ाई-लिखाई की हो या फिर जॉब की। यहां तक कि शादी करके जब वह दूसरे घर जाती हैं तो वहां पर भी हर कोई यह उम्मीद करता है कि लड़की एक दिन में ही ना सिर्फ उनके तौर-तरीकों को सीख ले, बल्कि उन्हें खुले दिल से अपना लें। घर-परिवार से लेकर बच्चों और बाहरी जिम्मेदारी को पूरी perfection से निभाए। इतना ही नहीं, बचपन से लड़की से की जाने वाली perfection की उम्मीद कहीं ना कहीं उनके मन में भी परफेक्ट बनने की इच्छा जागृत कर देती है। ऐसे में लड़की खुद को पूरी तरह परफेक्ट बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ती। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपके मन की यह चाहत वास्तव में आपके लिए बेहद हानिकारक है।
महिलाएं खुद को परफेक्ट बनाने के लिए इतना अधिक दबाव में रहने लगती हैं कि इससे उनके मन की खुशी कहीं खो जाती है। इतना ही नहीं, किसी जिम्मेदारी को निभाने में अगर वह कहीं पर भी कम थोड़ा सा भी कम पड़ जाती हैं तो उसके लिए मन ही मन खुद को दोष देने लग जाती हैं। जिससे उन्हें मानसिक रूप से काफी कष्ट होता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप खुद को थोड़ा imperfect ही रहने दें। तो चलिए आज हम आपको परफेक्शन की चाहत रखने से होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में बता रहे हैं-
इसे भी पढ़ें:लड़कियों का मूड जल्दी होता है खराब, इन 5 तरीकों से करें सही
मानसिक रूप से परेशान
जब आप खुद को परफेक्ट देखना चाहती हैं तो इसका अर्थ है कि आप खुद को मानसिक रूप से परेशान कर रही होती हैं। दरअसल, इस तरह की सोच रखने पर आपको सिर्फ और सिर्फ अपनी कमियां दिखती हैं और आप अपनी अच्छाईयों के लिए कभी भी खुद को रिवार्ड नहीं देती। ऐसे में आप मानसिक शांति और खुशियां कहीं खो जाती है। इससे आपके मन में एक अधूरापन आ जाता है और धीरे-धीरे आपका स्वभाव भी चिड़चिड़ा और नकारात्मक होने लगता है।
आत्मग्लानि
यह समस्या भी अधिकतर महिलाओं के साथ देखी जाती है और इसके पीछे का भी मुख्य कारण उनकी परफेक्शन की चाहत ही है। एक ओर समाज तो उन्हें हर तरह से परफेक्ट ही देखना चाहता है, वहीं दूसरी ओर वह खुद से भी यहीं उम्मीद रखती हैं और उम्मीदों पर खरा ना उतरने की परिस्थिति में वह हमेशा आत्मग्लानि में रहने लगती है। मसलन, अगर उनके बच्चे के नंबर एग्जाम में कम आ जाएं तो उन्हें मन ही मन लगता है कि वह एक अच्छी मां नहीं है और वह अपने बच्चे की पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रही हैं। इस तरह वह खुद को ही दोष देती हैं।
बनावटी जीवन
परफेक्शन की चाहत के कारण अधिकतर लड़कियां जिन्दगी को उस तरह से जीती हैं, जिस तरह से वह कभी जीना ही नहीं चाहतीं। लेकिन उन्हें समाज के सामने एक अच्छी छवि को बनाना और उसे बरकरार रखना होता है। जिसके कारण उनके मन की सच्चाई कहीं दबकर रह जाती है। ऐसे में वह चाहते हुए भी कभी खुश नहीं रह सकतीं।
इसे भी पढ़ें:इस राज्य ने सरकारी अस्पताल में पांच ट्रांसजेंडर को रखा सुरक्षा गार्ड की नौकरी पर
करें यह उपाय
सबसे पहले तो खुद को परफेक्ट बनाने की दौड़ से बाहर करें। आपको यह समझना होगा कि दुनिया में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता और इसलिए लोगों की बातों पर परवाह किए बिना खुद को खुश रखने का प्रयास करें।
समाज के मानसिक दबाव से बचने के लिए कुछ ऐसी एक्टिविटीज करें, जो आपको मन से खुशी दें। आप कुछ देर संगीत सुन सकती हैं या मेडिटेशन कर सकती हैं। इससे आप खुद को रिलैक्स महसूस करेंगी।
imperfection का यह अर्थ यह नहीं है कि आप खुद को बेहतर बनाने के प्रयास ना करें। नई चीजें सीखने का मौका कभी ना छोड़े और अपने व्यक्तित्व को मजबूत बनाएं। कोशिश करें कि हर गुजरते दिन के साथ आप और भी ज्यादा बेहतर इंसान बनें ना कि परफेक्ट इंसान।
हरदम अपनी कमियों की जगह अपनी अच्छी बातों पर भी ध्यान दें। इसके लिए आप एक डायरी में अपनी दस अच्छी बातें लिखें। साथ ही उन बातों को भी लिखें, जिनमें आप खुद को बेहतर बनाना चाहती हैं। इससे आपको खुद को आंकने का मौका मिलेगा। साथ ही जब आपको अपनी खूबियों के बारे में पता होगा तो आपको
लोगों की बातें बहुत अधिक प्रभावित नहीं करेंगी।
कुछ महिलाओं के दुखी होने का एक कारण यह होता है कि वह भी समाज की तरह दूसरों में परफेक्शन ढूंढती हैं। लेकिन आपकी ही तरह आपका पार्टनर या बच्चे कभी परफेक्ट नहीं हो सकते। इसलिए उन्हें उनकी कमियों के साथ स्वीकारिए और प्यार करें। ऐसा करने से वह भी आपको आपकी कमियों के साथ स्वीकारते हैं।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों