Why is Number 9 So Special:पृथ्वी पर मौजूद हर एक चीज का अपना एक अहम स्थान है। बस केवल हम मानव उन चीजों को करीब से देखने के बाद भी समझ भी नहीं पाते हैं। हमारे आस-पास घटित होने वाली घटना, दृश्य का आपस में कोई न कोई संबंध अवश्य होता है। इस लेख में आज हम आपको एक ऐसे नंबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें धर्म, विज्ञान, शास्त्र, ज्योतिष, त्योहार और ब्रह्मांड सब कुछ समाया है। वह संख्या है नौ।
प्राचीन समय से नौ नंबर को एक विशेष संख्या माना जाता है, जो धर्म, ज्योतिष, विज्ञान और सांस्कृतिक दृष्टिकोणों में एक खास स्थान रखता है। इसे सार्वभौमिक ऊर्जा, पूर्णता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में, नवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण पर्व नौ दिनों तक मनाए जाते हैं, जहां देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।
धर्म और संस्कृति
हिंदू धर्म में नौ का बड़ा महत्व है। खासकर नवरात्रि जैसे पर्व, जो नौ दिनों तक मनाए जाते हैं, इस नंबर से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं को दर्शाते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो जीवन के नौ पहलुओं को दर्शाते हैं। इसी तरह, अन्य धर्मों में भी नौ का खास स्थान है, जैसे इस्लाम में नौ अरब का उल्लेख किया जाता है। जब हम ध्यान में लीन होते वक्त रुद्राक्ष, तुलसी माला या वैजयंती माला की गिनती करते है, तो उसे 108 बार करते हैं।
अगर आप इसे जोड़े तो इनका जोड़ 9 आएगा। इसके अलावा महाभारत के 18 अध्याय हैं। अगर आप इनका आपस में योग करें तो कुल 9 आएगा। साथ ही पुराणों के पाठों की संख्या को जोड़ते हैं, तो उनका सम भी 9 आएगा।
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ज्योतिष शास्त्र
अब अगर बात करें ज्योतिष की तो इसमें भी नौ अंक का बेहद खास स्थान है। इसे किस्मत और कर्म का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष में नौ ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु जो हमारे जीवन में खास प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा नौ वृषभ राशियों का भी गहरा संबंध है और इसे भाग्य, संपत्ति, और समृद्धि से जोड़ा जाता है। ब्रह्मांड की संरचना में भी नौ का विशिष्ट स्थान है। इसे ब्रह्मांड के चक्रों, ग्रहों और सितारों के कनेक्शन से जोड़ा जाता है। 9 ग्रहों का चक्कर और उनके प्रभाव का अध्ययन यह दर्शाता है कि इस नंबर का ब्रह्मांडीय महत्व है।
सांस्कृतिक महत्व
कई संस्कृतियों में नौ को एक पूर्णांक माना जाता है, जो सफलता, समृद्धि और संतुलन का प्रतीक है। इसे सार्वभौमिक ऊर्जा और ब्रह्मांड के रहस्यों से जोड़कर देखा जाता है। उदाहरण के तौर पर, पश्चिमी संस्कृति में भी नौ गिटार तारों का उल्लेख किया जाता है, जो संगीत की पूरी संरचना को दर्शाते हैं। इसके अलावा अगर बात करें कुल रस की बात करें तो उनकी संख्या भी नौ है। इतना ही नहीं बल्कि हमारा जीवन जिस वक्त बच्चे मां के गर्भ में रहते हैं उसकी संख्या भी नौ है।
विज्ञान और गणित
विज्ञान में भी नौ का अपना खास महत्व है। अणु संख्या प्रणाली में, तत्वों की संख्या के आधार पर उन्होंने परमाणु संरचना की पहचान की है, और नौ इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति को स्थिरता का संकेत माना जाता है। इसके अलावा, गणित में 9 का गुणनफल दिलचस्प होता है, क्योंकि जब आप 9 को किसी भी अंक से गुणा करते हैं, तो परिणाम के अंक जोड़ने पर हमेशा 9 जैसे 9 × 5 = 45, 4 + 5 = 9 होता है। हम सभी ने ज्यामिति में कोण के बारे में बड़े संक्षिप्त में पड़ा है। अगर आप इन एंगल को जोड़ते हैं, तो इनका योग भी 9 आएगा। भरोसा न हो तो आप एक बार करके भी देख सकते हैं।
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