आजकल कई महिलाएं शिक्षा कैरियर और भी कई करणों से मां बनने का निर्णय काफी देर से लेती हैं। वहीं अक्सर कहा जाता है कि ज्यादा उम्र में मां बनने से बच्चे कमजोर और बीमारियों के साथ पैदा होते हैं। क्या यह सच है? इस सवाल का जवाब देने के लिए हमने डॉक्टर पूजा ठाकुराल, सीनियर कंसल्टेंट गाइनेकोलॉजिस्ट, क्लाउड नाइन ग्रुप आफ हॉस्पिटल फरीदाबाद से बात की
डॉक्टर पूजा ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि है पूरी तरह से सच नहीं है। उम्र के साथ कुछ जोखिम जरूर बढ़ाते हैं लेकिन यह कहना गलत है कि सभी उम्रदराज मांओं के बच्चे कमजोर ही होते हैं।
क्या जोखिम होते हैं ?
उम्र बढ़ाने के साथ कुछ स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं। खासकर 35 साल और उससे ऊपर की महिलाओं को अनुवांशिक विकार जैसे डाउन सिंड्रोम कम वजन वाले बच्चे का खतरा अधिक रहता है। हालांकि जरूरी नहीं है कि हर उम्रदराज महिला के बच्चे में यह समस्याएं हो।
ज्यादा उम्र में मां बनने के कारण क्रोमोजोमल असमानताओं का जोखिम बढ़ जाता है जैसे की डाउन सिंड्रोम जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उनके अंडाणुओं की गुणवत्ता और संख्या में कमी आती है, जिससे कोशिका विभाजन में गलतियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए वह 25 साल की आयु में डाउन सिंड्रोम के साथ बच्चे का जन्म होने का जोखिम लगभग एक में 1200 होता है जबकि 40 साल की आयु में यह जो की एक में 100 हो जाता है।
इसके अलावा जेस्टेशनल डायबिटीज, प्रीक्लैंप्सिया या समय से पहले जन्म से पहले जैसी जटिलताएं हो सकती है। वहीं अगर इसे सही तरीके से प्रतिबंधित नहीं किया जाए तो बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है, हालांकि डॉक्टर की देखभाल में कई महिलाएं इन चुनौतियों को सफलतापूर्वक पर कर सकती हैं और स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
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उम्रदराज मां के बच्चों को समय से पहले जन्म या कम वजन होने का अधिक जोखिम हो सकता है। यह कारक बच्चों के स्वास्थ्य पर काफी कम समय के लिए प्रभाव डाल सकते हैं। जैसे की सांसों से जुड़ी समस्याएं, हालांकि अगर आप नवजात बच्चे की सही देखभाल करें तो इन बीमारियों का खतरा टाल सकते हैं।
एक्सपर्ट बताती है की उम्र दराज मां के लिए कुछ जोखिम होते हैं लेकिन पूरी तरह से यह मान लेना कि उनके बच्चे कमजोर ही होंगे यह बिल्कुल भी सही नहीं है। एक्सपर्ट बताती है कि हर महिला के गर्भावस्था अलग होती है और बच्चे के स्वास्थ्य पर बहुत सारे कारक असर डालते हैं। उम्र सिर्फ एक पहलू है और अकेले किसी गर्भावस्था के परिणाम को निर्धारित नहीं करता
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