Gestational Diabetes: प्रेग्नेंसी एक महिला के लिए बहुत ही नाजुक घड़ी होती है। 9 महीने में महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। हार्मोनल चेंजेस होते हैं। कई बार यह बदलाव बीमारी को भी जन्म दे देते हैं। उन्हीं बीमारियों में से एक है जेस्टेशनल डायबिटीज। क्या होता है जेस्टेशनल डायबिटीज? क्या हैं इसके कारण और बचाव के टिप्स। सबकुछ एक्सपर्ट से विस्तार से जानते हैं। इस बारे में जानकारी दे रही हैं Dr Nancy Nagpal Consultant Gynaecologist Salubritas Medcentre, South Ex -II
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को जो डायबिटीज होती है उसे हम जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से जानते हैं। यह डायबिटीज से अलग नहीं है। इस बीमारी में महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। बॉडी इंसुलिन का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं होता है। इसे हम इन्सुलिन रेजिस्टेंस के नाम से भी जानते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक हार्मोनल चेंजेस की वजह से यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा जेनेटिक फैक्टर भी जिम्मेदार होता है। अगर आपके परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज है तो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान जो महिलाएं ज्यादा शुगर ,आलू, मैदा, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करती है उन्हें भी डायबिटीज का खतरा बना रहता है। प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज ना करना, वजन ज्यादा होने के कारण हर काम बैठे बैठे करने के कारण भी डायबिटीज हो सकती है।
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