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टमाटर के पौधे में फूल तो आते हैं लेकिन फल नहीं लगते, जानें क्या है इसके पीछे ये बड़ी वजह

टमाटर के पौधे को फूल और फिर फल पैदा करने के लिए हर दिन छह से आठ घंटे धूप की जरूरत होती है। अगर पौधे को उचित धूप न मिले, तो वह फलदार और धुरीदार हो जाता है और कम या कोई फल नहीं देता। 
Editorial
Updated:- 2024-03-21, 12:15 IST

टमाटर के पौधे में फूल तो आते हैं, लेकिन फल नहीं लगते, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों के आधार पर टमाटर के पौधे में फल न लगने की वजह का पता लगाया जा सकता है।

1. धूप की वजह से (Because of the sun)

टमाटर के पौधे को फूल और फिर फल पैदा करने के लिए हर दिन छह से आठ घंटे धूप की जरूरत होती है। अगर पौधे को उचित धूप न मिले, तो वह फलदार और धुरीदार हो जाता है और कम या कोई फल नहीं देता। टमाटर के पौधे 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में फल-फूल करते हैं। अगर तापमान बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है, तो भी फूल झड़ सकते हैं और फल नहीं लगते हैं।

Why are my tomatoes flowering but not fruiting

2. परागण (Pollination)

टमाटर स्व-परागण करने वाले पौधे होते हैं। यानी, उन्हें फल पैदा करने के लिए किसी दूसरे पौधे की जरूरत नहीं होती। लेकिन, पराग को फूल के नर भाग से मादा भाग तक ले जाने के लिए हवा या कीड़ों जैसे बाहरी कारकों पर निर्भर रहते हैं। नाइट्रोजन की कमी या अधिकता से भी टमाटर के फूलों में परागण सही से नहीं होता। वहीं, अगर मधुमक्खियों या अन्य परागणकों की संख्या कम है, तो फल पर प्रभावित हो सकता है।

3. मौसम (Weather)

टमाटर के लिए सबसे बढ़िया बढ़ोतरी का मौसम 70 से 85 डिग्री फारेनहाइट का होता है। तेज हवाएं और शुष्क मिट्टी की स्थिति भी फूल गिरने में योगदान कर सकती है। गर्मियों में तापमान 86 डिग्री से ऊपर और 90 या उससे ज्यादा होने पर टमाटर का पराग कम व्यवहार्य या पूरी तरह से बांझ हो जाता है। टमाटर के पौधे को नियमित तौर पर पानी की जरूरत होती है, लेकिन जलभराव या सूखा दोनों ही फल को प्रभावित कर सकते हैं।

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my tomatoes flowering but not fruiting

4. तनाव (Stressful situations)

जब पौधे तनावपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रहे होते हैं, जैसे अत्यधिक सूखा या गर्मी, कीट संक्रमण या बीमारी, तो वे अक्सर फूल या फल उत्पादन में अपनी ऊर्जा भेजना बंद कर देते हैं। टमाटर के पौधे को अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ और थोड़ी अम्लीय मिट्टी की जरूरत होती है। अगर मिट्टी अनुपयुक्त है, तो फल पर प्रभावित हो सकता है।

5. फल का पकना (Fruit Ripening)

जैसे-जैसे फल तैयार होता है, उसका रंग हरे से धीरे-धीरे लाल (या चुने गए किस्म के अनुसार विशिष्ट रंग) में बदल जाता है। फल पकने के दौरान शर्करा का निर्माण बढ़ता है, जिससे फल मीठा हो जाता है। जब फल पूरी तरह से पक जाता है, तो उसे तोड़ा जा सकता है।

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6. अधिक फूल, कीट क्षति या बीमारी

पौधे पर क्षमता से ज्यादा फूल होने के कारण भी फूल गिरने लगते हैं। कीटों द्वारा फैलाये गये रोगों के कारण फूल सूख कर गिरने लगते हैं। 

7. पौधे की देखभाल में कमी

  • टमाटर के पौधे को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है। अगर इन पोषक तत्वों की कमी हो, तो फल पर प्रभावित हो सकता है।
  • अगर टमाटर के पौधे की कटाई अनुचित तरीके से की जाती है, तो यह फल पर प्रभावित कर सकती है।
  • टमाटर के पौधे कई रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकते हैं, जो फल को प्रभावित कर सकते हैं।

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