अरे मास कम्यूनिकेशन के लिए डीयू का यह वाला कॉलेज काफी अच्छा है...नहीं, नहीं इस कॉलेज में फैसिलिटी अच्छी नहीं है। तुम साउथ कैंपस के इस कॉलेज में एडमिशन ले सकते हो। हर साल लाखों बच्चे डीयू में एडमिशन लेते हैं और अप्लाई करते हैं।
अप्लाई करते वक्त यकीनन ये तमाम सवाल आपके दिमाग में जरूर आते होंगे, पर जरा सोचिए कि डीयू ही ना होता तो आप किस यूनिवर्सिटी को सेलेक्ट करते? जी हां, एक वक्त था जब डीयू का वजूद नहीं था। ऐसे में यह जानना काफी रोचक होगा कि कैसे डीयू को बनाया गया और आज की डेट में यह फेमस यूनिवर्सिटी में तब्दील हो गया।
कैसे शुरू हुआ दिल्ली यूनिवर्सिटी का सफर?
दिल्ली यूनिवर्सिटी, साल 1922 में स्थापित किया गया था। कहा जाता है कि इसकी संरचना सन 1911 में बनना शुरू हो गई थी। यह वह दौर था जब भारत की राजधानी कलकत्ता को दिल्ली में बदला जा रहा था। लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद डीयू की संरचना को पूरा किया गया, जिसे बनने में लगभग 10 साल लगे।
हालांकि, डीयू का साउथ कैंपस को सन 1973 में बनाया गया था। कहा जाता है कि शुरुआत में डीयू के कुल 3 ही कॉलेज थे। इन कॉलेज की लिस्ट में पहला सेंट स्टीफंस कॉलेज था, दूसरा कॉलेज हिंदू कॉलेज और रामजस कॉलेज था।
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इसके अलावा, अंग्रेजों के खिलाफ छात्रों द्वारा किए गए कई विरोध और हड़तालों के आयोजन का यह विश्वविद्यालय साक्षी रहा है। राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता लाला हरदयाल, उन्होंने गदर पार्टी की स्थापना में केंद्रीय भूमिका निभाई थी, वे स्टीफन कालेज के छात्र थे।
कुल 750 स्टूडेंट्स से शुरू किया था सफर
आज लाखों स्टूडेंट्स की पहली पसंद बनने वाला डीयू का सफर लगभग 750 छात्रों के साथ शुरू किया गया था। आज डीयू से लगभग 90 कॉलेज और 86 विभाग जुड़े हुए हैं। आज डीयू में एडमिशन लेने के लिए छात्र काफी मेहनत करते हैं।
डीयू की रिपोर्ट के मुताबिक 70 हजार सीटों के लिए हर साल लाखों छात्र एडमिशन के लिए अप्लाई करते हैं, जिनका चयन उनकी काबिलियत के मुताबिक किया जाता है। इतना ही नहीं यहां सिर्फ भारत के स्टूडेंट पढ़ने आते हैं, बल्कि विदेशों से भी स्टूडेंट अपने सपनों को साकार करने आते हैं।
डीयू के कॉलेज के बारे में जानें
यह तो आपको पता है कि डीयू कितना पुराना है, तो जाहिर है इससे जुड़े हुए कॉलेजों का इतिहास भी काफी पुराना होगा। डीयू की लॉ फैकल्टी के बारे में आप तो जानते ही होंगे, लेकिन आपको यह नहीं मालूम होगा इसकी शुरुआत सन 1924 में हुई थी। वहीं, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स को 1926 में शुरू किया गया और लेडी इरविन कॉलेज का उद्घाटन 1932 में हुआ था।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का तेजी से विस्तार हुआ, जिसमें सन 1984 में धौला कुआं के पास बेनिटो आरेज रोड में बदला गया। बता दें कि आज के दौर में यह परिसर लगभग 69 एकड़ भाग में फैला हुआ है। यहां आपको हर तरह की सुविधा आसानी से मिलेगी।
सन 1957 में हुई दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ स्थापना
दिल्ली विश्वविद्यालय का अपना एक शिक्षक संघ है जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटाके नाम से जाना जाता है। डूटा की स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी, जबकि इसके अध्यक्ष पद का चुनाव 1967 से शुरू हुआ था।
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देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जब भी शिक्षक हितों की बात आती है, सभी जगह के शिक्षक डूटा की तरफ देखते हैं। केवल शिक्षकों और छात्रों के हित के लिए ही नहीं बल्कि देशहित के लिए भी यहां के शिक्षक नेता कई बार जेल गए हैं। दरअसल शिक्षक संघ, विश्वविद्यालय और सत्ता के बीच एक सेतु का कार्य करता है।
जब हजारों स्टूडेंट और टीचर समय के साथ ईंटें में अपने एफर्ट्स लगाते हैं....नींव तैयार करते हैं, तब जाकर एक अच्छी यूनिवर्सिटी बनकर तैयार होती है और डीयू इसी की एक मिसाल है।
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