हर साल दुनियाभर से लाखों मुस्लिम श्रद्धालु सऊदी अरब के मक्का में हज यात्रा पर जाते हैं। लेकिन हज 2025 से पहले सऊदी अरब सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जो भारत समेत 14 देशों के तीर्थयात्रियों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है। सऊदी अरब ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित कुल 14 देशों के नागरिकों के लिए उमराह, बिजनेस और फैमिली विजिट वीज़ा को अस्थायी रूप से जून 2025 तक सस्पेंड कर दिया है। यह रोक हज सीजन (4 जून - 9 जून 2025) खत्म होने तक जारी रहेगी।
इस फैसले की सबसे बड़ी वजह गैर-पंजीकृत तीर्थयात्रियों की भीड़ है। पिछले कुछ वर्षों से बड़ी संख्या में लोग उमराह या विजिट वीज़ा लेकर सऊदी में दाखिल होते हैं और फिर वहीं रुककर गैरकानूनी तरीके से हज में हिस्सा लेते हैं। इससे भीड़ और अव्यवस्था बढ़ जाती है।
हालांकि, 13 अप्रैल 2025 तक उमराह वीजा वालो को सऊदी अरब में एंट्री की छूट है। लेकिन, उसके बाद हज तक कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करने पर 5 साल तक सऊदी अरब में प्रवेश पर रोक भी लग सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत से हज पर जाने की पूरी प्रक्रिया क्या है, कैसे आवेदन करना चाहिए और किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है?
भारत से हज यात्रा के लिए आवेदन Haj Committee of India के जरिए किया जाता है। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से होती है।
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भारत से हज जाने के लिए एक तय कोटा होता है। अगर आवेदन संख्या कोटे से ज्यादा होती है, तो लॉटरी सिस्टम से चयन किया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों और महिला तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी जाती है। चयनित लोगों को SMS और ईमेल के जरिए सूचना दी जाती है। चयन के बाद एक निर्धारित तारीख में तीर्थयात्री को भुगतान और मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी होता है।
तीर्थयात्रियों को एक निर्धारित तारीख और समय पर भुगतान करना जरूरी होता है। इस राशि में हवाई यात्रा, सऊदी अरब में ठहरने का इतंजाम और खाना, मेडिकल और ट्रांसपोर्टेशन शामिल होता है।
सभी तीर्थयात्रियों को सरकारी अस्पताल से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है।
तीर्थयात्रियों को हज पर जाने से पहले, वहां के रिवाजों, सुरक्षा टिप्स और सऊदी अरब के नियमों को समझाने के लिए हज कमेटी विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित करती है, जिनमें भाग लेना जरूरी होता है। इन सेशन्स में तीर्थयात्रियों को हज की विधियां, सऊदी नियम, सुरक्षा व स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है।
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हज कमेटी चयनित तीर्थयात्रियों की फ्लाइट्स दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, लखनऊ जैसे 20+ Embarkation Points से तय करती है। यात्रा की जानकारी हज कमेटी द्वारा कुछ हफ्ते पहले दे दी जाती है।
हज की शुरुआत पैंगबर इब्राहिम की उस परंपरा से मानी जाती है, जिसमें उन्होंने अल्लाह के आदेशपर अपने बेटे इस्माईल के साथ मिलकर काबा का निर्माण किया था। बाद में इस्लाम के अंतिम पैगंबर हजरत मुहम्मद ने साल 628 ईस्वी के लगभग 1400 अनुयायियों के साथ मक्का की ओर ऐतिहासिक यात्रा की थी। तभी से यह तीर्थयात्रा हज के रूप में स्थापित हो गई। आज दुनिया भर के लाखों मुसलमान हर साल मक्का हज करने जाते हैं। हज में 5 दिन लगते हैं और इसका समापन बकरीद के साथ होता है।
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