बिहार राज्य का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यहां कई प्राचीन मंदिर, शिलालेख और ऐतिहासिक स्थल हैं जो इसे विशेष बनाते हैं। यहां विभिन्न धर्मों के प्रमुख तीर्थ स्थल भी हैं, जिनमें बोधगया, तख्त श्री हरमंदिर साहिब, विष्णुपद मंदिर और मां चंडिका स्थान सहित कई दर्शनीय स्थल शामिल हैं। गया का विष्णुपद मंदिर इन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर अपने आध्यात्मिक महत्व के साथ देश-विदेश के पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। अगर आप बिहार के प्राचीन मंदिरों को देखना चाहते हैं तो विष्णुपद मंदिर जरूर आएं। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी इसे खास बनाती है। इतना ही नहीं, इस मंदिर में पिंडदान करने का भी महत्व बताया गया है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
कहां है विष्णुपद मंदिर
विष्णुपद मंदिर बिहार के गया जिले में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर फाल्गु नदी के किनारे स्थित है। मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान विष्णु के पदचिह्न हैं।
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विष्णुपद मंदिर में पिंडदान का महत्व
बिहार के गया में, हिन्दू धर्म में पितरों के पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहाँ पितरों के निमित्त किए गए कर्म उन्हें मोक्ष की प्राप्ति कराते हैं। गया में स्थित विष्णुपद मंदिर, भस्म कूट पर्वत पर, पिंडदान और श्राद्ध के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां न केवल पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, बल्कि लोग अपने जीवनकाल में खुद का श्राद्ध भी करते हैं। गया में पिंडदान का महत्व विश्व भर में प्रसिद्ध है। पितृ पक्ष के दौरान, यहाँ देश-विदेश से लोग आकर फल्गु नदी के किनारे अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते हैं। यह मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। गया से कुछ दूरी पर स्थित बोधगया शहर को बुद्ध की नगरी के रूप में जाना जाता है। यहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। पितृ पक्ष में, लोग बोधगया में भी फल्गु नदी के किनारे पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते हैं।
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विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना करने का समय क्या है?
विष्णुपद मंदिर में दर्शन करने के लिए सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनटतक है और उसके बाद शाम 5 बजे से लेकर रात 8 बजे तक आप आराम से दर्शन कर सकते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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