भयंकर दुश्मनी के बाद भी क्यों साथ रहते हैं गरुड़ और शेषनाग

गरुड़ और नागों की दुश्मनी सबसे प्राचीन है फिर भी दोनों साथ रहते हैं। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण क्या है। 

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Garuda Aur Sheshnag: हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से ही गरुड़ और नागों के बीच दुश्मनी की बात कही जाती है। माना जाता है कि गरुड़ और नागों के संबंध शुरू से ही खराब रहे हैं लेकिन फिर भी गरुड़ और नाग साथ रहते हैं। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें कई दिलचस्प बातें बताईं जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

ऋषि कश्यप के हैं पुत्र

  • नाग और गरुड़ दोनों ही ऋषि कश्यप के पुत्र हैं। जहां एक ओर 1000 नाग (हिन्दू धर्म के बलशाली नाग) ऋषि कश्यप की पत्नी कद्रू के पुत्र हैं तो वहीं, दूसरी ओर गरुड़ माता बनिता के पुत्र हैं।
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  • पौराणिक कथा के अनुसार, नाग माता कद्रू ने गरुड़ माता बनिता से एक शर्त लगाई थी जिसमें छल से माता कद्रू ने माता बनिता को हराकर उन्हें दास बन लिया था।
  • दरअसल हुआ यूं कि, माता कद्रू और गरुड़ माता बनिता के बीच इस बात को लेकर शर्त लगी थी कि भगवान सूर्य (सूर्य देव की आरती के लाभ) के रथ में लगे सातों घोड़ों का रंग सफेद है या काला।
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  • माता कद्रू का कहना था कि सूर्य के घोड़ों का रंग काला है तो वहीं माता बनिता का कहना था कि सूर्य के रथ में लगे घोड़े सफेद हैं। हालांकि माता बनिता की बात सत्य थी।
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  • इसका आभास माता कद्रू को भी हुआ तो उन्होंने अपने पुत्रों से बनिता माता के साथ छल करने को कहा जिसके तहत उन्हें अगले दिन जब सूर्य के घोड़े समुद्र से निकलते तो नागों को उनसे लिपट जाना था।
  • इससे घोड़े दूर से देखने पर काले लगते और माता कद्रू शर्त जीत जातीं। हुआ भी ठीक ऐसा ही माता कद्रू शर्त जीत गईं और माता बनिता के साथ-साथ गरुड़ भी नागों के दास बन गए।
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  • हालांकि, बाद में ऋषि कश्यप के सच सामने लाने के बाद माता बनिता और गरुड़ को दासत्व से मुक्ति मिल गई। तो ये था पहले कारण गरुड़ और नागों के साथ रहने का कारण।

भगवान विष्णु हैं स्वामी

धर्म ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जहां एक ओर गरुड़ भगवान विष उ का वाहन हैं तो वहीं, शेषनाग भगवान विष्णु की शय्या हैं। इस कारण से भी गरुड़ और नाग, खासतौर पर शेषनाग साथ रहते हैं।

तो ये था गरुड़ और नागों के साथ रहने का कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock

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