पितृ पक्ष में गंगाजल के उपाय दूर करेंगे जीवन के सारे दोष

आप भी पितृ पक्ष के दौरान पंडित जी द्वारा बताए गए तरीकों से गंगाजल का इस्तेमाल कर सकती हैं और जीवन में सुख पा सकती हैं। 

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भारत देश में बहुत सारी नदियां बहती हैं, मगर उन सभी में सबसे पवित्र नदी गंगा को माना गया है। यह देवों की नदी है और इसके जल को अमृत समान फलदायी माना गया है। ऐसे में ज्‍योतिष शास्‍त्र में गंगाजल को बहुत अधिक महत्व दिया गया है।

खासतौर पर पितृ पक्ष के दौरान गंगाजल का प्रयोग आप कई तरह से करके अपने पूर्वजों की आत्मा को शांत कर सकते हैं और कई तरह के दोषों से मुक्ति पा सकते हैं।

इस विषय पर हमारी मुलाकात भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद सोनी जी से हुई है। पंडित जी कहते हैं, 'गंगाजल सबसे पवित्र है और सकारात्मक ऊर्जा का भंडार है। पितृ पक्ष के दौरान इसके उपाय करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।'

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गंगाजल से तिलांजलि

पितृ पक्ष के दौरान आप अपने पूर्वजों को जब तिलांजलि दें , तो उस पानी में थोड़ा सा गंगाजल भी मिक्‍स कर लें। दरअसल, गंगाजल आत्मा की शुद्धि के लिए होता है। इससे आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति भी मिलेगी और आपको उनका आशीर्वाद भी मिलेगा।

गंगाजल से स्नान

पितृ पक्ष के दौरान आप स्‍नान करने वाले पानी में भी थोड़ा सा गंगाजल मिक्‍स कर सकते हैं, इससे आपका शरीर तो शुद्ध होगा ही साथ ही अगर आप पर पितृ दोष (कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष) है तो उसका प्रभाव भी कम होगा।

मंदिर में गंगाजल

पितृ पक्ष के दौरान आपको नियमित घर में रखे मंदिर में सभी भगवानों की प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। हो सके तो आपको गंगाजल से ही सभी देवी-देवताओं को स्नान भी करना चाहिए।

गंगाजल कहां रखें

पितृ पक्ष के दौरान आपको गंगाजल को एक पीतल की बोतल या पात्र में भरकर रखना है और इस बोतल या पात्र कमरे में उत्तर-पूर्व कोण में रख दें। ऐसे करने से आपके ऊपर जो भी कर्ज चढ़ा हुआ है, वह धीरे से उतर जाता है।

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पीपल के वृक्ष को गंगाजल करें अर्पित

इस दौरान आपको अपने पूर्वजों के कुशल-मंगल की कामना करते हुए पीपल के वृक्ष पर गंगाजल, पुष्प और अक्षत अर्पित करने चाहिए। ऐसी मान्‍यता है कि यदि आप ऐसा करते हैं, तो पूर्वजों का अगला जन्म जिस भी योनी में होता है, उसमें वे प्रसन्न रहते हैं।

पुराने गंगाजल का क्या करें

यदि आपके घर में बहुत समय पुराना गंगाजल रखा हुआ है और आप उसे बदलना चाहती हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान आप यह काम कर सकती हैं। पुराने गंगाजल को आप या तो नदी में प्रवाहित कर दें या फिर तुलसी के पौधे को अर्पित कर दें और पात्र में नया गंगाजल भर लें।

पितृ दोष के लिए गंगाजल

पितृ दोष के साथ-साथ अगर आप ग्रह दोष भी दूर करना चाहती हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान आपको पूरे घर में नियमित गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा(नकारात्मक ऊर्जा को हटाने के उपाय) दूर हो जाती है। इससे आपके घर में शांति का वातावरण भी बना रहता है।

गंगा नदी में डुबकी लगाना

कई बार जब हम ठीक से अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं करते हैं, तो वे हमसे नाराज हो जाते हैं और पितरों के नाराज होने के संकेत हमें गृह क्‍लेश, व्यापार में नुकसान या फिर परिवार में किसी सदस्य का नजर दोष के प्रभाव में आ जाना आदि के रूप में मिलते हैं। ऐसे में घर के मुखिया को गंगा नदी में 3 बार डुबकी जरूर लगानी चाहिए।

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