Ganga Saptami 2023 Puja Vidhi: गंगा सप्तमी पर इस विधि से करें मां गंगा की पूजा

इस साल 27 अप्रैल को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में आइये जानते हैं गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की संपूर्ण पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में।     

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Ganga Saptami 2023 Par Maa Ganga Ki Puja Vidhi, Mantra Aur Aarti: 27 अप्रैल, दिन गुरुवार को गंगा सप्तमी मनाई जाएगी। गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। ऐसे में गंगा सप्तमी के अवसर पर ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं मां गंगा की पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में।

गंगा सप्तमी 2023 पूजा विधि (Ganga Saptami 2023 Puja Vidhi)

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  • गंगा सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं।
  • फिर गंगा नदी में स्नान करें और अगर नदी में संभव न हो तो गंगाजल (कहां करना चाहिए गंगाजल का इस्तेमाल) घर के पानी में मिलाएं।
  • गंगा नदी में स्नान के समय सूर्य देव को अर्घ्य अवश्य दें।
  • सूर्य अर्घ्य के बाद भगवान शिव का ध्यान कर उनके मंत्रों का जाप करें।
  • फिर 'हर हर गंगे' का उच्चारण करते हुए नदी में क्षमता अनुसार डुबकी लगाएं।
  • संभव हो तो तीन डुबकी अवश्य मारें। इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • मां गंगा को दूध चढ़ाएं। फिर मां गंगा को धुप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • मां गंगा को गेंदे के फूल की माला अर्पित करें।
  • नदी में खड़े-खड़े मां गंगा के मंत्रों का जाप करें।
  • गंगा स्तोत्र का पाठ भी करें और मां गंगा से प्रार्थना करें।
  • मां गंगा को सफेद रंग की मिठाई या अन्य खाद्य का भोग लगाएं।
  • मां गंगा की आरती उतारें और क्षमता अनुसार दान करें।

गंगा सप्तमी 2023 मंत्र (Ganga Saptami 2023 Mantra)

मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन अगर गंगा स्नान के समय मां गंगा के 'ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः' मंत्र का जाप किया जाए तो इससे न सिर्फ व्यक्ति को पापों के फल से छुटकारा मिल जाता है बल्कि मां गंगा की कृपा से उस व्यक्ति की आगे की साथ पीढ़ी तक पापों के दुष्परिणाम भुगतने से मुक्त हो जाती है।

गंगा सप्तमी 2023 आरती (Ganga Saptami 2023 Aarti)

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ॐ जय गंगे माता,

मैया जय गंगे माता।

जो नर तुमको ध्याता।

मनवांछित फल पाता।। ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

चंद्र सी ज्योति तुम्हारी।

जल निर्मल आता।

शरण पड़े जो तेरी।

सो नर तर जाता।। ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

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पुत्र सगर के तारे।

सब जग को ज्ञाता।

कृपा दृष्टि हो तुम्हारी।

त्रिभुवन सुख दाता।। ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

एक बार जो प्राणी।

शरण तेरी आता।

यम (कैसे बने यमराज मृत्यु के देवता) की त्रास मिटाकर।

परमगति पाता।। ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

आरति मातु तुम्हारी।

जो नर नित गाता।

सेवक वही सहज में।

मुक्ति को पाता।। ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

तो ये थी गंगा सप्तमी पर की जाने वाली मां गंगा की पूजा की विधि, साथ में मंत्र और आरती से जुड़ी जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: shutterstock, pinterest

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