महिलाएं घर में डेकोरेशन और उपयोगिता के हिसाब से सोफा, रैक और अन्य वुडन फर्नीचर की प्लेसिंग करती हैं। लेकिन फर्नीचर की व्यवस्था करते हुए अगर वास्तु टिप्स को फॉलो किया जाए तो इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ाया जा सकता है। दरअसल वास्तु में घर में हर चीज की व्यवस्था करने के लिए नियम बताए गए हैं, जिनको अपनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।वास्तु एक्सपर्ट नरेश सिंगल से आइए जानते हैं कि घर के अलग-अलग कमरों में वास्तु के हिसाब से फर्नीचर की व्यवस्था किस तरह से की जाए-
लिविंग रूम
- वास्तु के अनुसार घर के मुखिया और उसकी पत्नी के बैठने की व्यवस्था साउथ-वेस्ट कॉर्नर में होनी चाहिए। इस दौरान मुख पूर्व या उत्तर पूर्व की तरफ होना चाहिए। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बना रहता है।
- मेहमानों के बैठने की व्यवस्था उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए। अगर ऐसा करना मुश्किल हो तो उत्तर पूर्व में फर्नीचर लगाया जा सकता है, ताकि मुख दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम की तरफ बना रहे। इससे घर का स्वामी किसी भी तरह की परिस्थिति में हालात पर काबू पाने में सक्षम बना रहता है।
- इस बात का ध्यान रखें कि उत्तर और पूर्व के क्षेत्र को जितना संभव हो सके, खाली रखें। दूसरी तरफ दक्षिण और पश्चिम के क्षेत्र में भारी फर्नीचर की व्यवस्था करें।
- यहां पर टीवी लगाना चाहती हैं तो उत्तर-पूर्व में इसकी व्यवस्था करना उचित रहेगा। इस बात का ध्यान रखें कि टीवी जिस टेबल पर रखें, वह हल्की और देखने में खूबसूरत हो।
- कुछ घरों में हर कमरे में टीवी लगाना पसंद किया जाता है। ऐसा ना करें, क्योंकि टीवी हर कमरे में लगा होने से परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े बढ़ सकते हैं।
किचन
- वास्तु के अनुसार किचन में अनाज और स्टोर करने वाली दूसरी चीजों का रैक उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में रखना ठीक रहता है।
- ऐसा माना जाता है कि अगर डाइनिंग टेबल को उत्तर-पश्चिम में रखा जाए तो खाना खाते हुए चेहरे को पूर्व में रखा जा सकता है। यह दिशा वास्तु सम्मत मानी जाती है। किचन के वास्तु टिप्स फॉलो करने से यहां नेगेटिविटी दूर होती है।
- आजकल मॉड्यूलर किचन और ट्रॉली सिस्टम की व्यवस्था बहुत आम हो गई है। अगर आपके किचन में भी ऐसी ही व्यवस्था है तो अनाज को किचन प्लेटफॉर्म से ऊपर बने कबर्ड में या फिर ट्रॉली में रखें। उत्तर-पश्चिम कोने में कम से कम 5 तरह के अनाज रखने से घर में कभी अनाज की कमी नहीं होती।
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डाइनिंग रूम
- डाइनिंग रूम आदर्श रूप में दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए और डाइनिंग रूम उत्तर-पश्चिम में। अगर आपका डाइनिंग टेबल किचन के बहुत करीब है यानी कि पूर्व या दक्षिण पूर्व में है तो वह वास्तु के अनुरूप नहीं है। इसीलिए डाइनिंग टेबल की किचन से उचित दूरी बनाए रखें।
- बेहतर होगा कि घर में चौकोर या आयताकार डाइनिंग टेबल रखें।
- इस बात का ध्यान रखें कि डाइनिंग टेबल को घर के केंद्र या किचन के बीचोंबीच ना रखें।
- इस बात पर विशेष ध्यान दें कि डाइनिंग टेबल बीम के नीचे ना हों, क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है और हेल्थ प्रॉब्लम्स होने का अंदेशा रहता है।
- डाइनिंग टेबल के करीब टीवी सेट लगाना उचित नहीं रहता। खाना खाते हुए टीवी देखने से परहेज करना चाहिए।
बेडरूम
- बेडरूम में वार्डरोब को दक्षिण या पश्चिमी दीवार के सहारे रखना ठीक रहता है। इस बात का ध्यान रखें कि वार्डरोब के दरवाजे पूर्व या उत्तर की तरफ खुलते हों।
- कमरे में एसी, टीवी सेट और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लिए फर्नीचर की व्यवस्था करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि इनकी प्लेसिंग दक्षिण पूर्व में सही रहती है। वैसे अगर बेडरूम में टीवी ना रखा जाए तो यह ज्यादा अच्छा रहता है।
- ड्रेसिंग टेबल दक्षिण या पश्चिम में रखें और शीशे को जितना संभव हो ढंक कर रखें। सोते वक्त शीशे का प्रतिबिंब नहीं दिखाई पड़ना चाहिए, क्योंकि इससे सेहत पर बुरा असर होता है।
- कमरे के उत्तर या पूर्व दिशा में स्टडी टेबल रखी जा सकती है।
- बेडरूम में रखे बेड पर सिंगर मेट्रेस बिछानी उचित रहती है। अगर कमरे में दो बेड जोड़कर रखे गए हैं, तो सिंगल बेडशीट उन पर बिछाई जानी चाहिए। अगर गद्दे अलग-अलग हैं तो उन्हें स्टिच करके जोड़ देना अच्छा रहता है। बेडरूम के वास्तु टिप्स को फॉलो करने से यहां पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बना रहता है।
स्टडी रूम
- स्टडी रूम घर के पश्चिम, उत्तर पश्चिम या दक्षिण पश्चिम में रखना ठीक रहता है।
- आजकल बहुत से घरों में स्टडी टेबल छोटे आकार का होता है और दीवार से लगा हुआ होता है। स्टडी टेबल से लगी दीवार पर कबर्ड बना होने से बच्चे का पढ़ाई करते हुए ध्यान भंग होता है। इसीलिए ऐसी व्यवस्था से बचें।
- स्टडी टेबल के सामने का स्पेस खुला रखें। वास्तु के अनुसार इससे बच्चे को ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
- स्टडी टेबल अगर इस तरह से लगाई जाए कि बच्चा पढ़ाई करते हुए चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर रहे तो यह वास्तु के अनुसार उत्तम माना जाता है।
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