(foundation stone of kalki dham temple in sambhal) धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जब भी धरती पर अधर्म बढ़ा है। तब धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु ने अवतार लिया है। इस तरह धर्म-शास्त्रों में भगवान विष्णु के कुल 24 अवतारों का वर्णन किया गया है, जिसमें कल्कि अवतार भगवान विष्णु का 10वां अवतार है। जिसका अवतरित होना अभी बाकी है। ऐसी मान्यता है कि कलियुग की समाप्ति भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से होगी। अब ऐसे में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार कब और कहां होगा। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें कब होगा कल्कि अवतार? (when will Kalki avatar happen?)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलियुग का आरंभ 3102 ईसा पूर्व से हो चुका है। अभी कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है। वहीं पुराणों के अनुसार कलियुग 04 लाख 32 हजार का होगा। बता दें, 3102+2024 = 5126 साल बीत चुके हैं और अभी 426875 साल बाकी है। शास्त्रों में कल्कि अवतार कलियुग के अंत में होगा, यानी कि भगवान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) का कल्कि अवतार होने में अभी कुल 426875 साल बाकी है। भगवान कल्कि की समाप्ति और सतयुग का आरंभ होगा।
श्रीमद्भगवत पुराण के 12वें संकद के 24वें श्लोक के अनुसार जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। तब भगवान कल्कि अवतरित होंगे। वहीं गणना के अनुसार, कल्कि अवतार सावन माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को जन्म लेंगे। इसलिए हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष को कल्कि जयंती मनाई जाती है।
जानें कहां होगा कल्कि अवतार? (where Kalki avatar will be?)
पुराण के अनुसार कलियुग का अंत भगवान विष्णु के रूप कल्कि का अवतार लेकर होगा। इसके बाद ही सतयुग आरंभ हो जाएगा। कल्कि पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु का कल्कि अवतार संभाल गांव में होगा। ऐसी मान्यता है कि उत्तरप्रदेश के संभल गांव में भगवान विष्णु का 10वां अवतार होगा। इसलिए यहां कल्कि धाम बनाया गया है। इस कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं।
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आज दिनांक 19 फरवरी दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभल में श्री कल्कि धाम का शिलान्यास किया। कल्कि धाम का निर्माण गुलाबी बलुआ रंग के पत्थर से किया गया है। इस भव्य मंदिर में कुल 10 गर्भगृह होंगे। जिसमें भगवान विष्णु (भगवान विष्णु फूल) के 10 अवतारों की प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी।
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जानें कैसा होगा भगवान कल्कि का स्वरूप (what will be the form of Lord Kalki)
अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में इनके स्वरूप के बारे में विस्तार से बताया गया है। कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए गुए घुड़सवार के रूप में किया है। भगवान कल्क देवदत्त नाम के एक सफेद घोड़े पर बैठकर आएंगे और सभी पापियों का विनाश करेंगे। भगवान कल्कि 64 कलाओं से युक्त होंगे।
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