5 Satis: कौन हैं पांच सतियां जिनकी पूजा से मिल सकता है अखंड सौभाग्य?

आज हम आपको हिन्दू धर्म की उन पांच सतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अत्यंत पूजनीय माना जाता है। 

panch satiyon ke naam

5 Satis: सती का अर्थ होता है वो स्त्रियां जिन्होंने अपने पावन पत्नी धर्म से संसार में स्त्री की पवित्रता और स्त्री की शक्ति को स्थापित किया हो। हिन्दू धर्म में पांच ऐसी ही सतियों का वर्णन मिलता है जिन्होंने अपने तप, कर्म और वचन से एक स्त्री को न सिर्फ सर्व शक्तिशाली दर्शाया है बल्कि पति के प्रति प्रेम और निष्ठा का उदाहरण स्थापित किया है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि हिन्दू धर्म में जिन 5 सतियों का वर्णन मिलता है अगर उनकी पूजा सच्चे मन और पवित्र आचरण से की जाए तो पत्नी को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की आयु में वृद्धि हो सकती। तो चलिए जानते हैं उन पांच सतियों के बारे में।

अनुसूया

anusuaya

पतिव्रता देवियों में माता अनुसूया सर्व प्रथम स्थान रखती हैं। माना जाता है कि इनकी स्त्रीत्व की शक्ति के आगे स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव नतमस्तक हुए थे और त्रिदेवियों ने माता अनुसूया को सती की पवित्रता का सर्वोच्च शिखर माना था।

मंदोदरी

mandodari

मंदोदरी लंकापति रावण की धर्म पत्नी थीं। उन्होंने हमेशा रावण को सत्कर्म करने और भगवत भजन में लीन होने की सलाह दी। रावण दुराचारी था लेकिन मंदोदरी ने उसे सही मार्ग बताते हुए अपने पत्नी धर्म का हमेशा निर्वाहन किया। इसलिए शास्त्रों में मंदोदरी (मंदोदरी ने करवाया था रावण का वध) की पूजा करने का विधान वर्णित है।

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द्रौपदी

draupadi

द्रौपदी न सिर्फ पांच पांडवों की पत्नी थीं बल्कि अग्नि से उत्पन्न हुईं अग्नि पुत्री भी थीं। अग्नि को अत्यंत पवित्र माना जाता है। वहीं, अग्नि पुत्री होने के कारण द्रौपदी को भी सती रूप में पूजा जाता है। द्रौपदी (द्रौपदी के 8 नाम) ने अनेकों संघर्ष के बाद भी अपने तप की शक्ति से अपने धर्म का पालन किया था।

सुलक्षणा

sulakshna

माना जाता है कि मेघनाद की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी सुलक्षणा ने घोर तपस्या की थी और अपने तप की ऊर्जा को उन्होंने लंका वासियों के लिए सत्कर्म के मार्ग खोले थे। इसी कारण से पांच सतियों में इनका नाम भी शामिल है और इनकी पूजा करना पति की शुभता के लिए फलदायी माना जाता है।

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सावित्री

savitri

देवी सावित्री के पतित्व के बारे में तो हम सभी जानते हैं। उनकी तपस्या, उनके पति प्रेम और उनके सत्कर्मों के ताप ने यमराज तक को उनके पति के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था। इनकी पूजा करने से पति की रक्षा होती है।

तो ये थीं हिन्दू धर्म की पूजनीय सती देवियां। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Herzindagi

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