First Woman Judge: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और पूर्व राज्यपाल, जस्टिस फातिमा बीवी का हुआ निधन

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश एम. फातिमा बीवी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल के तौर पर भी काम किया है।

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सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश एम. फातिमा बीवी का 23 नवंबर, 2023 को केरल के कोल्लम के निजी अस्पताल में निधन हो गया। एम. फातिमा बीवी की उम्र 96 थी। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश एम. फातिमा बीवी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल के तौर पर भी काम किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, "उनके पार्थिव शरीर को पथानामथिट्टा के पास उनके आवास पर वापस लाया जा रहा है। उन्हें कल 24 नवंबर पथानामथिट्टा जुमा मस्जिद में दफनाया जाएगा।"

जस्टिस बीवी देश की उच्च न्यायपालिका में नियुक्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला और किसी एशियाई देश में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला थीं। शीर्ष अदालत में नियुक्त होने वाली पहली महिला न्यायाधीश जो तमिलनाडु की राज्यपाल और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य के तौर पर भी काम किया है।

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फातिमा बीवी थीं गोल्ड मेडलिस्ट

1927 में केरल के पथानामथिट्टा जिले में जन्मी फातिमा बीवी ने तिरुवनंतपुरम के महिला कॉलेज से रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और बाद में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की। बीवी गोल्ड मेडलिस्ट भी थीं, उन्होंने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपना कानूनी करियर शुरू किया और आठ साल बाद मजिस्ट्रेट के तौर पर ज्यूडिशियल सर्विस में शामिल हो गईं। फातिमा बीवी 1974 में डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट में जज बनीं और 1983 में केरल हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त हुईं।

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1989 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया।

उनके निधन पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने शोक संदेश में कहा कि उनका जीवन कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की एक प्रेरणादायक कहानी है और उनका योगदान उनकी गहन सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि फातिमा बीवी एक "प्रेरणादायी व्यक्तित्व" थीं जिन्होंने भारत की महिलाओं के लिए एक मजबूत आवाज उठाई।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि फातिमा बीवी "एक महान न्यायाधीश और एक प्रेरणादायक महिला" थीं। फातिमा बीवी के निधन से भारत के कानूनी जगत में एक बड़ा नुकसान हुआ है। वह एक महान न्यायाधीश और एक प्रेरणादायक महिला थीं।

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स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शोक जताते हुए कहा

तमिलनाडु राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शोक जताते हुए कहा कि जस्टिस बीवी के निधन की खबर बेहद दर्दनाक है।

मंत्री ने कहा कि न्यायमूर्ति बीवी ने उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी। जॉर्ज ने एक बयान में कहा, "वह एक बहादुर महिला थीं, जिनके नाम कई रिकॉर्ड थे। वह एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपने जीवन से लोगों को दिखाया है कि इच्छाशक्ति और उद्देश्य की भावना से किसी भी विपरीत परिस्थिति को पार किया जा सकता है।"

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Image credit: ANI

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