Living with Pride: पिता बनने के बाद बदल गई जिंदगी, पढ़िए ड्रैग क्वीन पात्रुनि की कहानी

आपके हिसाब से ड्रैग क्वीन की परिभाषा क्या है? आज अपने ड्रैग के बारे में बता रही हैं पात्रुनि जिन्हें अपनी पहचान पर गर्व है। पढ़िए उनका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू। 

Life of Drag queen in india

ड्रैग क्वीन की जिंदगी कैसी होती है, क्या आपको पता है? LGBTQ+ कम्युनिटी के लोगों को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग भ्रांतियां हैं। कम्युनिटी के कुछ मेंबर्स को ना तो ठीक से समझा जाता है और ना ही उनकी जिंदगी को जानने की कोशिश की जाती है। ऐसा ही कुछ-कुछ ड्रैग क्वीन्स के साथ भी होता है। हमने अपने खास प्रोजेक्ट लिविंग विद प्राइड के तहत ड्रैग क्वीन्स की जिंदगी के कुछ पहलुओं को जानने की कोशिश की।

हमने पात्रुनि चिदानंद शास्त्री की जिंदगी के बारे में जानने की कोशिश की। पात्रुनि एक ड्रैग क्वीन हैं और अब वो पिता बन चुके हैं।

सवाल: लोग आमतौर पर ड्रैग क्वीन के कॉन्सेप्ट को नहीं समझते हैं और इसके बारे में कई गलत धारणाएं बना लेते हैं। आप इसे कैसे डिफाइन करेंगे?

जवाब: मेरे लिए ड्रैग एक पर्सनल और सेल्फ डिफाइनिंग आर्ट फॉर्म है। मैं इसे जेंडर यूफोरिया के तहत लेता हूं। मैं ऐसे लुक्स क्रिएट करता हूं जो नॉर्मल नहीं होते। इसे महिमामंडन ही कहा जाएगा जो नॉर्मल चीजों को बढ़ाकर दिखाते हैं। मेरे लुक्स समाज में जेंडर रिप्रेजेंटेशन का एक अलग तरीका हैं। इसलिए ड्रैग एक पावरफुल टूल बन जाता है जो जेंडर एक्सप्रेशन का एक तरीका है। अगर ड्रैग की परिभाषा कही जाए, तो यह जेंडर रिप्रेजेंटेशन का एक आर्ट फॉर्म है जहां नॉर्मल चीजों को बढ़ाकर दिखाया जाता है जिससे जेंडर की एक डेफिनेट परिभाषा सामने निकलकर आए।

patruni chidanand shashtri

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सवाल: हमें अपने बारे में बताएं, खुद को पहचानने से लेकर ड्रैग क्वीन बनने का आपका सफर कैसा रहा?

जवाब: मैं एक पैन सेक्सुअल इंसान हूं जो अपने जेंडर को कंफर्म नहीं करता है। मैंने एक हेट्रोसेक्सुअल महिला से शादी की है। मेरी जेंडर आइडेंटिटी की जर्नी तो 5-6 साल पहले से ही शुरू हुई, लेकिन बचपन से ही मुझे सपोर्ट बहुत मिला। मैं पांच साल की उम्र से क्लासिकल डांस कर रहा हूं। मेरे माता-पिता सपोर्टिव रहे और बचपन से ही मैंने अलग जेंडर एक्सप्रेशन दिए। मेरी उम्र के सभी लड़कों से अलग था मैं। डांस मेरे लिए एक स्कोप बन गया जिससे मैं अपनी सेक्सुएलिटी को एक्सप्लोर कर सकता था। डांस मेरे लिए एक सेफ स्पेस था। हालांकि, काफी समय तक मैं अपनी जेंडर आइडेंटिटी के बारे में किसी को बता नहीं पाया।

drag queen patruni

21 साल की उम्र में मैं काम के लिए हैदराबाद आया और मैंने क्वीर कम्युनिटी के साथ काम करना शुरू किया। उस वक्त मैंने इनके बारे में और जाना। 2018 में आर्टिकल 377 हटा दी गई और मैं खुश था और एक स्टेज परफॉर्मेंस दे रहा था। उस वक्त एक रिपोर्टर ने आकर मुझे पूछा कि आपको क्या लगता है 377 के बारे में। मैंने कहा बहुत अच्छा। फिर उसने कहा कि आप खुद को कैसे डिफाइन करते हैं और मैंने एकदम से कहा- जेंडर फ्लूइड। मुझे अंदाजा नहीं था कि मेरा यह स्टेटमेंट अखबार में छपेगा और मैं पूरी दुनिया के सामने एकदम से अपनी जेंडर आइडेंटिटी बता दूंगा।

अगले दिन मेरे माता-पिता भी शॉक्ड थे। मैंने उन्हें बैठकर समझाया कि मैं कुछ दिन फेमिनाइन फील करता हूं, कुछ दिन मैस्कुलिन। मैंने समझाया कि मैं पुरुष और महिला दोनों को पसंद करता हूं। मेरे पापा ने कहा कि भले ही उन्हें मेरी भाषा समझ ना आए, लेकिन वो मुझे सपोर्ट करेंगे। इसके एक साल बाद मैं बतौर पैन सेक्सुअल सामने आया। मैंने ड्रैग भी 2019 में शुरू किया क्योंकि मैं इसे हैदराबाद शहर में लेकर आना चाहता था।

क्वीर कम्युनिटी के लिए नाइट लाइफ वैसे आसानी से नहीं मिलती है, लेकिन मैंने कोशिश की। शुरुआत एक कैफे से की और मुझे लगा था कि 15-20 लोग ही आएंगे, लेकिन करीब 500 लोग मेरी परफॉर्मेंस देखने आए। इसके बाद मैंने ड्रैग रेगुलर किया। मैंने Ted Talks किए हैं, मैंने 1000 से ऊपर शो किए हैं। मेरा ड्रैग किसी क्लब तक सीमित नहीं है। मैं पब्लिक स्पेस में भी आता हूं और यह मेरी यात्रा का एक हिस्सा है।

drag queens of india

सवाल: आप खुद को कैसे परिभाषित करते हैं?

जवाब: मैं खुद को पहले जेंडर फ्लूइड डिफाइन करता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि फैशन इंडस्ट्री के कारण यह टर्म थोड़ी बदल गई है। मैं अब खुद को ट्रांसजेंडर नॉन कंफर्मिंग (Trans Gender Non Conforming) इंसान के तौर पर डिफाइन करता हूं। मैं बाइसेक्सुअल हूं और खुद को पैन सेक्सुअल अम्ब्रेला के अंर्तगत डिफाइन करता हूं।

life of a drag queen

सवाल: आप हाल ही में पिता बने हैं और यह अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है। उसके बाद आपका जीवन कैसे बदला है?

जवाब: इसे रोलर कोस्टर राइड ही कहेंगे। ट्रांस कम्युनिटी के लिए पेरेंट बनना अपने आप में कुछ अलग होता है। ऐसे में बच्चे के फ्यूचर के बारे में भी चिंता होती है। लंबे समय से मैं अपनी जिंदगी में बच्चा चाहता था और अपनी फैमिली बनाना चाहता था। पार्टनर के साथ मेरा फैसला था कि हम किसी को आने से रोकेंगे नहीं। जब राजी ने कंसीव किया तब हम दोनों ही थोड़े डरे हुए थे। आगे क्या होगा और बच्चे को बड़ा कैसे किया जाएगा। कोई इंसान जो ओपन क्वीर है उसके लिए बच्चे के फ्यूचर की चिंता लाजमी है। क्या होगा अगर कोई मुझे लेकर मेरे बच्चे को बुली करेगा? पर मैंने कई लोगों से बात की और इस ओवरथिंकिंग को कम किया। 17 मई 2023 को मेरा बच्चा इस दुनिया में आया। यह एक महीना एकदम अलग था।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के साथ-साथ मैं अपने बच्चे के लिए कुछ नया कर रहा हूं। धीरे-धीरे मैं और मेरी पार्टनर भी सीख रही है। मुझे पता है कि मेरे बच्चे को मुझपर गर्व होगा जब वो इसके बारे में समझेगा।

सवाल: आपको क्या लगता है कि LGBTQ+ व्यक्ति के रूप में आपके अनुभवों ने आपकी सोच को आकार दिया है और आपकी पर्सनल ग्रोथ को प्रभावित किया है?

जवाब: कम्युनिटी के इंसान के तौर पर जब मैंने अपनी आइडेंटिटी को स्वीकार किया, तब मुझे बहुत हिम्मत मिली। मुझे पब्लिक में बोलने का साहस मिला। मैं बहुत एक्सप्रेसिव हूं और मैं यह मानूंगा कि मेरा व्यू प्वाइंट काफी बदल गया। मैं अब दुनिया को बिना परिभाषा या किसी लेबल के देखता हूं। अब मैं जानता हूं कि इस दुनिया में कुछ भी हो सकता है।

patruni shahtri

सवाल: आप प्रोफेशनल सेटिंग में अपनी पहचान कैसे नेविगेट करते हैं? क्या आपने अपने करियर में किसी बाधा या भेदभाव का सामना किया है?

जवाब: मैं अपने ऑफिस में क्वीर पर्सन के तौर पर प्रसिद्ध हूं। मैं अपना ड्रैग भी करता हूं। मैं कॉर्पोरेट ऑफिस में भी फुल ड्रैग में जाता हूं। मैं खुद को बहुत अच्छे से प्रेजेंट करता हूं। मैं डेटा एनालिसिस में भी ड्रैग को यूज करता हूं। हां, भेदभाव या बाधा तो होती ही है। कॉर्पोरेट सेटअप बहुत अलग होता है। जैसे वॉशरूम यूज करना भी बहुत अलग होता है। मेरी पिछली कंपनी में एक जापानी मैनेजर थी और मुझे उसने बहुत प्रताड़ित किया। मैं डिप्रेशन में था और मैं सुसाइड के बारे में भी सोचने लगा था।

patruni drag queen

जब मैं अपनी समस्याओं को लेकर गया, तो कंपनी ने कहा कि रिजाइन कर दो। अब वही कंपनी डाइवर्सिटी के लिए पोस्टर चाइल्ड के तौर पर देखी जाती है। मैं अब जिस कंपनी में काम करता हूं वो बहुत अच्छी है और पहले दिन से ही मैं अपने जेंडर को लेकर खुलकर बात करता हूं।

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सवाल: आपकी राय में, LGBTQ+ समुदाय से जुड़ी कुछ सामान्य भ्रांतियां क्या हैं, और आप उन्हें कैसे चुनौती देंगे या उनका समाधान करेंगे?

जवाब: पहली चीज जो मुझे लगती है, वो यह कि लोग समझते हैं कि कम्युनिटी के लोग हमेशा सेक्सुअल होते हैं। किसी इवेंट के लिए हमें बुलाया जाता है, तो लोग कहते हैं कि सही से ड्रेस अप होकर आएं, जैसे हमें पता ही नहीं कि सही से ड्रेस अप कैसे हुआ जाता है। उन्हें लगता है कि मैं बहुत सेक्सुअल हूं, पर मैं बताना चाहूंगा कि कम्युनिटी के लोग अपनी बाउंड्री का बहुत ध्यान रखते हैं। उन्हें बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। सेक्सुएलिटी और जेंडर को लेकर बहुत सारी डेफिनेशन हैं और हमें यही समझने की जरूरत है कि दुनिया में हम जैसे लोग भी हैं।

हमें मोहिनी, शिखंडी और बृहनला की कहानियां पता हैं जो माइथोलॉजी में हैं। मुझे लगता है कि अगर इतने पुराने शास्त्रों में भी यह है, तो लोगों को और ज्यादा समझदार होना चाहिए।

सवाल: आपके हिसाब से, समाज LGBTQ+ समुदाय के लिए और बेहतर कैसे बन सकता है?

जवाब: मुझे लगता है कि समाज को हमारे दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो जिंदगी बहुत खूबसूरत बन जाएगी।

पात्रुनि की बातें वाकई बहुत मोटिवेटिंग हैं।

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Image Credit: Andy/ Art Warrior/ Shiva

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