ग्रंथों में बताया गया है तिथि के अनुसार भोजन, जानें महत्व और कारण

शास्त्रों में नहाने, सोने, खाने आदि नित्य कर्मों के नियम बताए गए हैं। इसी कड़ी में किस दिन क्या क्या खाना चाहिए इस बात की भी जानकारी वर्णित है।   

eating foods on hindu dates

Tithi Ke Anusar Bhojan: शास्त्रों में सोने, नहाने, खाने, शौच जाने आदि से जुड़े कई नियम बताये गए हैं। इसी कड़ी में किस दिन कौन सा भोजन करना चाहिए इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें हिंदी तिथि के अनुसार भोजन करने से जुड़ी कई बातों के बारे बताया जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

तिथि के अनुसार भोजन

eating food according to hindu dates

  • प्राचीन काल में महान ऋषि थे जिनक नाम था सुमन्तु मुनि। इन्होनें ही पुराणों में भोजन को लेकर विस्तार से लिखा है। सुमन्तु मुनि ने पुराणों और ग्रंथों के जरिये व्रत (हिन्दू धर्म में क्यों रखा जाता है व्रत), व्रत से जुड़े भोजन और व्रत विधि के बारे में बताया है। सुमन्तु मुनि के अनुसार, व्यक्ति को प्रतिपदा यानी एकम तिथि पर दूध का सेवन करना चाहिए।
  • वहीं, द्वितीय तिथि नमक के भोजन के लिए उत्तम मानी गई है। साथ ही, तृतीय तिथि पर तिल और अन्न खाने का विधान है। सुमन्तु मुनि ने चतुर्थी तिथि के लिए पुनः दूध और पंचमी तिथि के फल खाने के बारे में लिखा है। षष्ठी तिथि पर शाक और सप्तमी तिथि पर बिल्व आहार लेने की बात कही है।
eating food list as per hindu dates
  • वहीं,अष्टमी तिथि पर पिष्ट, नवमी को अनग्रिपाक यानी कि आग में भूनकर बनाई हुई सब्जियां और दशमी व एकादशी को घी का सेवन उचित माना गया है। द्वादशी को खीर, त्रयोदशी को गो मूत्र, चतुर्दशी को यवान्न सेवन की बात कही गई है। साथ ही, मुख्य तिथियां जैसे कि पूर्णिमा और अमावस्या पर कुशा का जल और हल्के भोजन की बात लिखी है।
  • ये तो हो गई खाने की बात अब अगर व्रत की बात करें तो सुमन्तु मुनि ने इसका वर्णन करते हुए लिखा है कि अश्विन माह की नवमी तिथि, माघ माह की सप्तमी तिथि, वैशाख की तृतीया तिथि और कार्तिक मास पूर्णिमा तिथि व्रत के लिए सर्वोच्च हैं।

तिथि के अनुसार भोजन करने का महत्व

eating food as per hindu dates

  • ग्रंथों में यह बात स्पष्ट रूप से वर्णित है कि हर एक तिथि का किसी न किसी ग्रह (ग्रह शांति का उपाय) से संबंध होता है। ऐसे में अगर तिथि के अनुसार भोजन किया जाए तो इससे ग्रहों को प्रसन्न रखा जा सकता है और उनके अशुभ प्रभावों को कम कर शुभ परिणाम पाए जा सकते हैं।
  • मान्यता यह भी है कि पूरे 8 महीनों तक तिथि के अनुसार, इसी विधि से भोजन करने पर स्वास्थ्य लाभ में वृद्धि होती है और मृत्यु तक को व्यक्ति पराजित कर सकता है। तिथि से भोजन करने पर 1000 अनुष्ठानों के बराबर फल मिलता है।

तो ये थी खाने के व्यंजन और उन्हें खाने की हिंदी तिथि। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Wikipedia

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP