आज के समय में एकल परिवारों का चलन बढ़ने लगा है। जिसके कारण परिवार में पैरेंट्स और बच्चे ही होते हैं। यह कॉन्सेप्ट भले ही चलन में हो, लेकिन इस कारण बच्चे अपने ग्रैंड पैरेंट्स से वह बॉन्ड नहीं बना पाते हैं, जो वास्तव में उनका होना चाहिए। इतना ही नहीं, जिन परिवारों में ग्रैंड पैरेंट्स साथ में भी होते हैं, वहां पर भी अपने स्कूल से लेकर ट्यूशन व एक्स्ट्रा क्लासेस में इतना बिजी होते हैं, कि वह अपने ग्रैंड पैरेंट्स के साथ एक अच्छा बॉन्ड शेयर नहीं कर पाते हैं।
हालांकि, ग्रैंड पैरेंट्स के साथ बच्चों का एक अच्छा कनेक्शन होना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, ग्रैंड पैरेंट्स उस मजबूत पेड़ की भांति होते हैं, जिनकी छाया में बच्चा बहुत कुछ सीखता है और दुनिया के अनुभवों को घर में रहकर ही जानने लगता है। इतना ही नहीं, इस तरह आप बच्चों को रिश्तों के मायने व परिवार की अहमियत के बारे में भी बता सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर ग्रैंड पैरेंट्स के लिए भी बच्चे उनके सबसे अच्छे दोस्त हो सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ग्रैंड पैरेंट्स से बच्चों की बॉन्डिंग को क्रिएट करने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं-
बच्चों को ग्रैंड पैरेंट्स के पास छोड़ दें
अगर आप अपने माता-पिता या ससुराल पक्ष के लोगों के साथ रह रही हैं तो ऐसे में बच्चों की ग्रैंड पैरेंट्स के साथ बॉन्डिंग बनाने का एक अच्छा तरीका है कि आप बच्चों को उनके साथ कुछ समय बिताने दें। अपने बच्चे को उनकी देखरेख में छोड़ दें और उन्हें सब कुछ अपने आप संभालने दें। इस तरह वह कब दोस्त बन जाएंगे, इसका पता भी नहीं चलेगा।
जरूर जाएं ग्रैंड पैरेंट्स के घर
अगर आपके माता-पिता आपसे दूर रहते हैं, तो ऐसे में आप सप्ताह में एक बार ग्रैंड पैरेंट्स के घर अवश्य जाने की कोशिश करें। इससे बच्चों को अपने ग्रैंड पैरेंट्स के साथ वक्त बिताने का मौका मिलेगा। हालांकि, अगर यह संभव नहीं है तो कम से कम अपने बच्चों को उनकी तस्वीरें दिखाएं और कुछ अच्छे किस्से सुनाएं। जब आप ऐसा करते हैं तो इससे बच्चा उनसे मिले बिना भी एक कनेक्शन फील करता है।
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बच्चों को दें ग्रैंड पैरेंट्स की जिम्मेदारी
यह भी एक तरीका है बच्चों व ग्रैंड पैरेंट्स के बीच बॉन्ड को मजबूत करने का। अगर बच्चे का स्कूल ब्रेक है तो आप कुछ वक्त के लिए बच्चों को दादा-दादी के पास छोड़ दें। ऐसे में जब बच्चे ग्रैंड पैरेंट्स की और ग्रैंड पैरेंट्स बच्चों की देखभाल करेंगे तो इससे उनके बीच का कनेक्शन मजबूत होगा। (बच्चे को पढ़ने के लिए कैसे करें मोटिवेट)
कहानियों से बनेगा कनेक्शन
अगर बच्चा छोटा है तो ऐसे में रीडिंग भी बच्चों की दादा-दादी के साथ कनेक्शन क्रिएट करता है। जब ग्रैंड पैरेंट्सबच्चों को कोई बुक पढ़कर या कहानी सुनाते हैं, तो इससे ना केवल वह स्टोरी उनके दिमाग में रह जाती है, बल्कि कहानी के जरिए उसका बॉन्ड भी अपने ग्रैंड पैरेंट्स से मजबूत होता है। हम सभी ने बचपन में अपने दादा-दादी से कहानियां सुनी हैं और उन कहानियों के साथ कई तरह की यादें आज भी हमारे जेहन में ताजा हैं।
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बनें रोल मॉडल
एक बात का आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे वही करते हैं जो उनके माता-पिता करते हैं। इसलिए, अगर आप बच्चे की ग्रैंड पैरेंट्स के साथ एक मजबूत बॉन्ड क्रिएट करना चाहती हैं तो पहले खुद एक उदाहरण स्थापित करें। अपने माता-पिता और ससुराल वालों के लिए अपना प्यार और देखभाल दिखाएं। (बच्चों में जरूर डालें ये संस्कार)इससे बच्चे भी उसका अनुसरण करेंगे और उसी तरह करेंगे।
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Image Credit- freepik
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