कहा जाता है किसी भी घर की सुख शांति उसके किचन पर भी निर्भर करती है। इसलिए एक कहावत है कि " जैसा खाए अन्न वैसा होए मन"। यूं कहा जाए कि- व्यक्ति जिस तरह के किचन में बना खाना खाताहै उसके सोचने का ढंग और रहन सहन भी वैसा ही हो जाता है। इसलिए शास्त्रों में घर के किचन का विशेष महत्त्व बताया जाता है। इसके अलावा गृहणी को साफ़ मन और तन से खाना बनाने की सलाह भी दी जाती है। जिसकी वजह से पूरे घर के लोग स्वस्थ रहें और आत्मा भी पवित्र रहे।
कहा जाता है कि घर में किचन की दिशा और इसमें रखे सामानों की दिशा के लिए वास्तु शास्त्र बहुत ज्यादा मायने रखता है। जहां एक तरफ वास्तु के हिसाब से सजाया गया किचन घर को सुख समृद्धि से भर सकता है, वहीं इसका पालन न करने पर घर की सुख शांति नष्ट भी हो सकती है। वास्तु से जुड़े ऐसे ही सवालों में से एक है कि किचन में किन चीज़ों को भूलकर भी नहीं रखना चाहिए जिससे घर की शांति बनी रहे और आर्थिक स्थिति भी ठीक रहे। इस सवाल के उत्तर के लिए हमने नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से बात की। उन्होंने हमें किचन के वास्तु के बारे में बताया और यह भी बताया कि किन चीज़ों को भूलकर भी यहां नहीं रखना चाहिए। आइए जानें वास्तु की अहम् बातों के बारे में।
किचन में दवाइयां न रखें
आमतौर पर हम किचन के अंदर दवाइयां रखकर भूल जाते हैं और जरूरत पड़ने पर इन्हीं दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन वास्तु के हिसाब से किचन में कभी भी दवाइयां नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि किचन में दवाइयां रखने से व्यर्थ की बीमारियां आती हैं और घर के मुखिया का पूरा धन बीमारियों के इलाज में ही व्यय होता है। यही नहीं ऐसा करना मन की अशांति का कारण भी बनता है। जिससे घर में कलह कलेश होते हैं।
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किचन में दर्पण न रखें
आमतौर पर गृहणियां घर में किसी भी जगह पर दर्पण यानी कि शीशा लगा देती हैं। लेकिन घर की रसोई यानी किचन में दर्पण लगाना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। जी हां, वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में चूल्हा अग्नि देव को चिह्नित करता है और दर्पण में जब अग्नि का प्रतिबिम्ब नज़र आता है तब यह घर के विनाश का कारण भी बन सकता है। ऐसे घर में हमेशा कलह होती है और घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। पंडित प्रशांत मिश्रा जी बताते हैं कि स्त्रियों को कभी भी किचन में बैठकर दर्पण देखते हुए श्रृंगार भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना दुर्भाग्य को न्योता देना है।
फ्रिज में गुंथा हुआ आटा
कहा जाता है कि किचन में इस्तेमाल होने वाले फ्रिज का भी एक अलग ही वास्तु होता है और इसी के अनुसार किचन में फ्रिज रखा जाना चाहिए। जिससे घर में शांति बनी रहे। घर की सुख- समृद्धि कायम रखने के लिए फ्रिज में ज्यादा बासी खाना न रखें। इससे शनि- राहु दोष लगता है और आर्थिक हानि के साथ बीमारियां आती हैं। खासतौर पर किचन में कभी भी गुंथा हुआ आटा रात में न छोड़ें। ऐसा माना जाता है कि गुंथे हुए आटे का सीधा संबंध हमारे पूर्वजों से होता है और ऐसा करने से पूर्वज अपनी आत्मा की तृप्ति के लिए घर में विचरण करते हैं। वैसे वैज्ञानिक दृष्टि से भी गुंथा हुआ आटा इस्तेमाल करना सेहत को बिगाड़कर बीमारी का कारण बन सकता है।
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किचन के भीतर मंदिर न रखें
कई बार लोगों के घर में ज्यादा जगह नहीं होती है इसलिए वो घर का मंदिर किचन के भीतर ही रख लेते हैं। लेकिन ऐसा करना वास्तु के हिसाब से बिल्कुल भी उचित नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि किचन में हर तरह का खाना बनता है जिसमें लहसुन -प्याज से लेकर मांसाहर तक शामिल हो सकता है। जब किचन के भीतर मंदिर होता है तब इस खाने का प्रभाव मंदिर में भी पड़ता है जिसके दुष्प्रभाव से घर के लोगों में बीमारियां आने लगती हैं। कहा जाता है कि मंदिर में हमेशा सात्विक भोजन का ही भोग लगना चाहिए। तामसिक भोजन घर की अशांति का कारण भी बन सकता है।
जूते और चप्पल
वैसे तो ये एक आम बात है कि घर के किचन में कोई भी जूते और चप्पल नहीं रखता है। लेकिन वास्तु के हिसाब से खाना बनाते समय भूलकर भी चप्पलों या जूतों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि होनेके साथ सेहत भी खराब हो सकती है। यदि आप घर के भीतर चप्पलें पहनती भी हैं तब भी किचन में इनका प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होना चाहिए। ऐसा करना घर के मुखिया के लिए अच्छा नहीं होता है और घर की आर्थिक स्थिति खराब होती है। इसके अलावा घर के बाहर जाने वाले जूते या चप्पलों को भी, कभी किचन में प्रवेश न कराएं।
टूटे या चिटके हुए बर्तन
आमतौर पर महिलाओं की आदत होती है कि टूटी चीज़ों को भी इस्तेमाल में ले आती हैं। लेकिन घर के किचन में कभी भी टूटे या चिटके बर्तन नहीं रखने चाहिए। ऐसा करने से घर के मुखिया का कर्ज बढ़ने लगता है और आर्थिक हानि भी होती है। यदि किसी वजह से आप टूटे बर्तनों को घर से न हटा पाएं तब भी किचन से दूर कहीं रख दें और समय मिलने पर इन्हें घर से बाहर कर दें। पंडित प्रशांत मिश्रा जी बताते हैं कि ऐसे बर्तनों में भोजन करने से घर के लोगों के बीच रिश्तों में दरार आने लगती है और यदि अतिथि को इसमें भोजन कराया जाए तो उनसे भी मतभेद होते हैं। ऐसा करने से घर की शांति पूरी तरह नष्ट हो जाती है।
वास्तुशास्त्र की इन बातों को ध्यान में रखकर और किचन कीइन उपर्युक्त चीज़ों को दूर करके घर में सुख शांति कायम रखी जा सकती है और माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि भी पाई जा सकती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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