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difference between shivratri and mahashivratri

Mahashivratri 2023: जानें शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों में ही भगवान शिव की पूजा का विधान है लेकिन फिर भी दोनों एक दूसरे से भिन्न मानी जाती हैं। 
Editorial
Updated:- 2023-02-09, 17:13 IST

Mahashivratri Aur Shivratri Mein Aantar: 18 फरवरी, दिन शनिवार को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के शिवलिंग रूप की आराधना करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

जहां एक ओर महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है तो वहीं, शिवरात्रि के दिन भी महादेव की आराधना का विशेष विधान है। महाशिवरात्रि और शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित होती हैं लेकिन एक होते हुए भी दोनों बहुत भिन्न हैं। दोनों में बहुत बड़ा अंतर है।

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के बीच का अंतर और दोनों का अलग-अलग महत्व।

क्या होती है शिवरात्रि?

why shivratri is celebrated

हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है जिसे मासिक शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। इस गणना के आधार पर साल में 12 मासिक शिवरात्रि पड़ती हैं। हर माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का महत्व अलग-अलग है। हालांकि सावन के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि अधिक महत्व रखती है।

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क्या होती है महाशिवरात्रि?

how shivratri and mahashivratri is different

फाल्गुन माह (फाल्गुन माह के नियम और पूजा विधि) में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। यह शिवरात्रि महाशिवरात्रि इसलिए कहलाती है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने वैराग्य को त्याग कर माता पार्वती से विवाह किया था। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा का भी विशेष विधान है।

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शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर

why mahashivratri is celebrated

  • जहां एक ओर मासिक शिवरात्रि में सिर्फ महादेव की पूजा की जा सकती है। वहीं महाशिवरात्रि में महादेव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा का भी विधान है।
  • जहां एक ओर शिवरात्रि की पूजा का अर्थ यह है कि भगवान शिव को मन में बसा कर उन्हीं का अंश खुद को समझते हुए उनके प्रति समर्पण करना।
  • तो वहीं, महाशिवरात्रि की पूजा का अर्थ है अग्नि तत्व को मन में जागृत करना क्योंकि इस दिन महादेव पहली बार शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
  • जहां शिवरात्रि के दिन पूजा-पाठ (पूजा-पाठ से जुड़ी जरूरी बातें) करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और व्यक्ति आध्यात्म की ओर बढ़ता है और भक्ति रस मन में स्थान लेता है।
  • वहीं, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और प्रेम संबंध भी मजबूत होता है।

तो ये था शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Herzindagi

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