कुंभ में शाही स्नान का बहुत महत्व माना जाता है। इस साल प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हुआ है। विशेष तिथियों पर शाही स्नान का मुहूर्त भी निकला है। जहां एक ओर 13 और 14 जनवरी को पौष पूर्णिमा एवं मकर संक्रांति के दिन शाही स्नान हुआ था वहीं, अभी 4 तिथियां शेष हैं जिनमें 29 जनवरी माघ अमावस्या, 3 फरवरी बसंत पंचमी, 12 फरवरी माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी महाशिवरात्रि शामिल हैं। इन तिथियों को महाकुंभ में शाही स्नान के लिए अत्यंत पुण्यकर माना जा रहा है।
महाकुंभ में शाही स्नान को लेकर ऐसा माना जाता है कि इन विशेष तिथियों पर जिस भी व्यक्ति ने शाही स्नान कर लिया उसके जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है एवं उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। उसके पापों के कर्म फल से उसे छुटकारा मिलता है। शाही स्नान को लेकर एक ख़ास बात और भी है कि कुछ लोग इसे शाही कहते हैं तो कुछ अब इसे अमृत स्नान कहने लगे हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि शाही और अमृत स्नान में क्या अंतर है।
क्या होता है शाही स्नान?
शाही स्नान, जिसका अर्थ है 'राजसी स्नान', 19वीं शताब्दी में पेशवाओं के शासनकाल के दौरान प्रारंभ हुआ था। 'शाही' एक उर्दू शब्द है, जिसका अर्थ है राजसी या शाही। इसे विशेष रूप से कुंभ मेले के दौरान उन दिनों के लिए उपयोग किया जाता है, जब भक्तों का विश्वास होता है कि पवित्र नदियों में स्नान करने से उनके पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त होती है।
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क्या होता है अमृत स्नान?
अमृत स्नान, जिसका अर्थ है 'अजर अमर स्नान', यह एक संस्कृत शब्द है जो पवित्रता और अमरता को प्रमुखता से दर्शाता है। 'अमृत' के बारे में शास्त्रों मेंन बताया गया है कि यह एक ऐसा दिव्य जला है जो शाश्वत जीवन प्रदान करता है। यह शब्द हिंदू धर्म में पानी की दिव्यता एवं शुद्धता को उजागर करता है और सनातनी मान्यताओं से गहरे रूप में लोगों को जोड़ने का काम करता है।
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क्या शाही और और अमृत स्नान में अंतर?
शाही और अमृत स्नान के बीच बहुत गहरा अंतर है जिसे सरल शब्दों में समझाएं तो महाकुंभ के दौरान पवित्र नदियों में किये जाने वाले स्नान को अगर हम शाही कहते हैं तो इसकी छवि सिर्फ राजसी स्नान के रूप में ही बनकर रह जाएगी लेकिन अमृत स्नान कहलाने पर इसका प्रभाव जीवन में सकारात्मक रूप से पढ़ेगा जिससे आध्यात्म में वृद्धि होगी और व्यक्ति की चेतना जागृत होगी।
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