एक फिल्म स्टार को कभी भगवान की तरह पूजा जाता है, कभी उनका मंदिर बनवाया जाता है, लेकिन ये सब कुछ सिर्फ एक एक्टर के लिए होता है किसी एक्ट्रेस के लिए नहीं। पर जयललिता ने इस नियम को तोड़ा और वो खुद थलाइवी बन गईं। जहां पॉलिटिक्स में भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बंगलादेश आदि सभी देशों में महिलाएं हैं वहीं जयललिता का बैकग्राउंड कुछ अलग ही था। उन्हें इंदिरा गांधी, बेनजीर भुट्टो, शेख हसीना की तरह विरासत में राजनीति नहीं मिली है। वो फिल्मी दुनिया को छोड़कर राजनीति में आईं और एक ऐसा नाम बन गईं जिसे हिंदुस्तान में कोई नहीं भूल सका। 5 दिसंबर को जयललिता की पुण्यतिथि है। उनकी मौत पर पूरा तमिलनाडु बंद हो गया था। उनके चाहने वालों ने बहुत दुख मनाया था।
जयललिता का एक बहुचर्चित किस्सा है। उन्हें एक बार संसद से धक्के मारकर बाहर निकाला गया था। MGR की मौत के समय उन्हें बाल पकड़ कर घर से बाहर निकाला गया था, लेकिन उन्हीं जयललिता ने ये सब सहा और आगे बढ़कर एक ऐसी महिला बनीं जिसे पूरे तमिलनाडु ने 'अम्मा' कहकर पुकारा। जयललिता अपनी खूबसूरत साड़ियों से बहुत बड़ी थीं। उन्हें 60-70 के दशक में फिल्मों की सफलता की चाभी माना जाता था, लेकिन वो राजनीति की मल्लिका बन गईं। किसी हिट फिल्म की हिरोइन किसी राज्य को इस तरह से चलाए ऐसा कम ही देखा गया है। चलिए आज बात करते हैं जयललिता के बारे में।
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1. जयराम जयललिता या प्यार से जिन्हें अम्मा कहा जाता था वो बचपन से ही टैलेंटेड थीं। उन्होंने 3 साल की उम्र में भरतनाट्यम सीखना शुरू कर दिया था और बचपन में ही कत्थक, मोहिनीअट्टम, मनीपुरी डांस वो सीख चुकी थीं। इसी के साथ, वो क्लासिकल म्यूजिक और वेस्टर्न क्लासिकल पियानो की ट्रेनिंग भी ले चुकी थीं। बच्चों के टैलेंट की बात करें तो शायद जयललिता अपनी उम्र से काफी ज्यादा आगे थीं।
2. जयललिता पढ़ाई में भी अव्वल थीं। उन्होंने 10वीं क्लास में तमिल नाडु राज्य में गोल्ड अवॉर्ड जीता था जो सबसे होथियार बच्चों को दिया जाता है। वो लॉ की डिग्री हासिल करना चाहती थीं, लेकिन उनकी मां ने उन्हें फिल्मों की ओर ढकेल दिया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए उन्होंने फिल्मों में काम शुरू किया।
3. पहली फिल्म में वो भगवान कृष्ण के बाल अवतार की भूमिका में थीं। ये 1962 की फिल्म मन-मौजी थी और इस फिल्म में किशोर कुमार भी थे।
4. जयललिता की पहली तमिल फिल्म थी Vennira Aadai इस फिल्म को 1965 में A सर्टिफिकेट मिला था। यानी अडल्ट फिल्म। इसके पहले 1951 में ऐसा सर्टिफिकेशन किसी फिल्म को दिया गया था। दरअसल, इस फिल्म में एक गाना था जिसमें जयललिता स्लीवलेस ब्लाउज और साड़ी पहन कर झरने के नीचे नहा रही थीं।
5. A सर्टिफिकेशन का मतलब था कि जयललिता खुद वो फिल्म नहीं देख सकती थीं क्योंकि वो सिर्फ 17 साल की थीं। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और वो सिनेमा हॉल में 100 दिनों तक चली। जयललिता रातों रात स्टार बन गईं। जयललिता ने इसके बाद पीछे पलट कर नहीं देखा उन्हें 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड और 6 तमिल नाडु सिनेमा फैन अवॉर्ड मिले थे।
6. जयललिता 1966 में सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस बन गईं और 1964 से 1980 तक वो भारतीय सिनेमा की ही सबसे ज्यादा फीस लेने वाली हिरोइन बनी रही थीं। जयललिता वो पहली हिरोइन थीं जो 1960 के दशक में डिजाइनर स्कर्ट और स्लीवलेस सूट पहन कर बड़े पर्दे पर दिखीं थीं।
7. जयललिता ने 125 फिल्मों में काम किया और उनमें से 8 फिल्मों में डबल रोल किया था। उनके पास तमिल सिनेमा में सबसे ज्यादा सिल्वर जुबली फिल्मों का रिकॉर्ड है। उनकी 89 तमिल फिल्मों में से 84 सबसे बड़ी हिट थीं और सभी 28 तेलुगु फिल्में बड़ी हिट थीं। इसी के साथ, पांच कन्नड हिट फिल्म और 1 हिंदी और 1 अंग्रेजी फिल्म की थी।
8. जब जयललिता पहली बार MGR (दक्षिण के हीरो जो बाद में सबसे बड़े राजनेताओं में से एक बने) के साथ काम किया तब वो 48 साल के थे और जयललिता सिर्फ 17 साल की थीं। उनके एज गैप के साथ भी ये जोड़ा सुपरहिट रहा। उन्होंने साथ में 28 फिल्मों में काम किया था। उनमें से 24 बॉक्स ऑफिस पर हिट रही हैं। लोगों को ये पता नहीं था कि MGR की पत्नी जानकी ने खुद जयललिता को कास्ट करने को बोला था।
9. जब MGR ने AIADMK पार्टी बनाई थी तब जयललिता उनके काफी करीब हुआ करती थीं। जब MGR चीफ मिनिस्टर बने तब उन्होंने जयललिता को पार्टी में जोड़ा। वो बहुत ही जल्दी राजनीति में आगे बढ़ीं और इसके साथ ही जब MGR की मौत हुई तो उन्होंने खुद को MGR का वारिस बताया। ये जानकी (MGR) की पत्नी को बिलकुल पसंद नहीं आया जो AIADMK की नई महिला राजनेता बनकर सामने आई थीं।
10. जयललिता को MGR के अंतिम संस्कार में काफी अपमानित किया गया था। जयललिता राजाजी हॉल में उनके शरीर के साथ खड़ीं थीं तब MGR के भतीजे ने उन्हें सिर में मारा था और उन्हें बाहर निकाला गया था। रिपोर्ट की मानें तो MGR की पत्नी ही उनकी मौजूदगी से खुश नहीं थीं।
11. संसद में भी जयललिता के साथ बहुत खराब हुआ था। उन्होंने कहा था कि DMK की अपोजिशन लीडर बनने के बाद 26 मार्च 1989 में संसद से बाहर निकाला गया था। ये तबकी बात है जब जयललिता को करुणानिधी के बजट पेश करने के मामले में वो कुछ बोल रही थीं।
इसके बाद AIADMK ने काफी हंगामा मचाया था और इसका सत्ता पार्टी ने विरोध किया था। उसके बाद जयललिता ने कहा था कि वो तभी संसद में जाएंगी जब वो चीफ मिनिस्टर बन जाएंगी। ये काम उन्होंने 1991 के इलेक्शन के बाद किया और वो बाकायदा तमिलनाडु की चीफ मिनिस्टर बन गईं।
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12. जयललिता को उनके ऑफिस की पावर गलत तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। उनपर संपत्ती इकट्ठा करने का भी आरोप था। तमिलनाडु का फार्महाउस, उनकी साड़ियां, आदि सब जब्त किया गया था।
1997 में रेड में उनके घर से 28 किलो सोना, 800 किलो चांदी, 91 घड़ियां, 750 जोड़ी जूते, 10,500 साड़ियां मिली थीं।
वो पहली ऐसी चीफ मिनिस्टर बनी थीं जिन्हें चीफ मिनिस्टर के पद से डिस्क्वालिफाई किया गया था। वो 27 सितंबर 2014 को डिस्क्वालिफाई हुई थीं और बाद में हाई कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर उन्हें दोबारा सीएम बना दिया था।
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