आज भी जब बात आती है बॉलीवुड की मूवीज की तो 90 का दशक याद आ जाता है। बॉलीवुड में तब कुछ सुपरस्टार्स का जलवा सर चढ़कर बोलता था और मूवी का हर एक सीन सबके दिलो दिमाग में मनोरंजन का तड़का तो लगाता ही था, साथ ही हर मूवी के हर एक लम्हे से एक अलग लगाव हो जाता था। वैसे तो ये दौर था बॉलीवुड की हिट मूवीज और जानेमाने सुपरस्टार्स का, जिसमें रिलीज़ होने वाली हर एक मूवी अपने आपमें कुछ अलग ही होती थी। लेकिन जब बात आती है 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' मूवी की, तो राज और सिमरन को भला कौन भूल पाया है। इस मूवी को रिलीज़ हुए बहुत जल्द ही, यानी कि 20 अक्टूबर 2020 को 25 साल पूरे होने वाले हैं ऐसे में आइए बात करते हैं इस फिल्म से जुड़े कुछ ऐसे प्रतिष्ठित लम्हों के बारे में जो आज भी हम सभी को अपना 90 के दशक का समय याद दिला देते हैं।
जब राज और बाबूजी कबूतर को दाना डालते हैं
आम बॉलीवुड प्रेम कहानियों की तरह ही राज यानी कि शाहरुख़ खान ,सिमरन यानि काजोल के बाबूजी ,अमरीश पूरी को इम्प्रेस करने की चाहत लिए हुए खेतों में उनके साथ कबूतर को दाना डालता है। ये उस समय का सीन है जब राज और बाबूजी लन्दन में हैं और राज बाबू जी के आगे एक आदर्शवादी लड़के की तरह सामने आता है। वो सुबह जल्दी उठता है और कबूतर को दाना देना उसकी रोज़ की आदत है।
राज और सिमरन की मां की हुई मुलाक़ात
ये दृश्य उस समय का है जब राज पहले बार सिमरन की मां से मिलता है। सिमरन की मां यानि कि फरीदा जलाल राज से इतनी प्रभावित हो जाती हैं कि वो उसे अपना बेटा ही मान बैठती हैं। राज और सिमरन के खुशहाल जीवन जीने के लिए और बाबूजी के सख्त रवैए को देखते हुए सिमरन की मां उन्हें भाग जाने की सलाह देती हैं । लेकिन राज ने सिमरन की माँ का हाथ पकड़ लिया और उसे आश्वासन दिया कि वह सिमरन से शादी बाबूजी की मर्जी से ही करेगा। ये दृश्य वास्तव में दर्शकों को इमोशनल करके रुला देता है।
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जब राज चांद को देखकर सिमरन को याद करता है
ये लम्हा उस समय का है जब राज यानी कि शाहरुख़ खान अपनी यूरोप यात्रा से लौटने के बाद सिमरन को याद करता है और दोनों एक दूसरे जी याद में चाँद को देखते हैं और इमेजिन करते हैं के दोनों एक दूसरे के करीब हैं। जहां एक तरफ राज लगातार चांद को निहार रहा है और साथ में मैंडोलिन बजा रहा है, वहीं सिमरन का परिवार वापस भारत लौटने की योजना बना रहा है। उसी समय राज के पिता उसके राज के पास आकर उसकी उदासी के बारे में पूछते हैं तब वो सिमरन से प्यार और शादी की बात करता है।
जब राज बाबूजी से पंजाब में मिलता है
ये उस समय का दृश्य है जब राज, सिमरन से शादी की जिद मन में लिए भारत आ जाता है और पंजाब में सिमरन के पिता से मिलता है। यह सबसे प्रतिष्ठित और मज़ेदार दृश्यों में से एक था क्योंकि जब राज सिमरन के पंजाब वाले घर में पहुँचता है, तब सिमरन की शादी की तैयारी में व्यस्त सिमरन के पिता सभी मेहमानों का स्वागत कर रहे होते हैं और राज को देखकर कुछ सोचने लगते हैं कि शायद वो पहले भी कहीं राज से मिल चुके हैं। राज को याद है कि सिमरन के पिता वही हैं जिनसे वो बियर खरीदते समय लन्दन में मिला था और उन्हें धोखा देकर बेयर की बोतल लेकर भाग गया था। जबकि सिमरन के पिता कोई मेडिसिन खरीदने वहां आये थे।
जा सिमरन जा जी ले अपनी जिंदगी
मूवी का क्लाइमेक्स हर एक कहानी की तरह थोड़ी लड़ाई झगड़ों,थोड़ी नोंक झोंक के साथ ख़त्म होता है। लेकिन हर बार की तरह जीत प्यार की होती है और सिमरन के पिता उसे राज के साथ भाग जाने के लिए और अपनी ज़िन्दगी में खुश रहने के लिए बोलते हैं और इस दृश्य का ये डायलॉग जा सिमरन जा जी ले अपनी ज़िन्दगी आज भी पुरानी यादों में डुबो देता है।
इस तरह बेहद खूबसूरत लम्हों को एक बार फिर से ताजा करती हुई ये फिल्म अपने 25 साल पूरे करने जा रही है और हमें पुरानी यादों को फिर से ताजा करने को प्रेरित कर रही है।
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Image Credit: pintrest
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