महिलाओं के अधिकार पर अक्सर बातें की जाती हैं। कुछ लोग उनके अधिकारों का समर्थन करते हैं तो कुछ उनकी आजादी को समाज के लिए बुरा बताते हैं। इस पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं अपने हक के लिए हमेशा से लड़ती आई हैं। अब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई संस्थाएं विश्व स्तर पर भी काम कर रही हैं, जो न सिर्फ महिलाओं के विकास के लिए काम करती हैं बल्कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का विरोध भी करती हैं। पर इन सब प्रयासों के बावजूद भी कई ऐसे देश हैं जहां आज भी महिलाओं को बराबरी के अधिकार तो दूर उन पर पढ़ने- लिखने की भी पाबंदियां लगा दी जाती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम ऐसे देशों के बारे में ही बात करेंगे जहां महिलाओं पर सख्त कानून लगाए गए हैं।
अफगानिस्तान -
तालिबान के कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान की महिलाओं में अपनी आजादी के छिनने का डर था। यह डर इस कारण से और भी ज्यादा था क्योंकि तालिबान ने अपने पिछले शासन में अफगानी महिलाओं पर बहुत जुल्म किए थे। हालाकि तालिबान ने अपने दूसरे शासनकाल की शुरुआत में ही महिलाओं को शरिया कानून के तहत पढ़ने-लिखने की आजादी देने की बात कही। इसके बावजूद भी वहां की महिलाओं को इस बात पर यकीन नहीं हुआ। शासन के कुछ समय बाद ही तालिबान ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए। महिलाओं को यह कहकर काम करने से मना कर दिया गया कि अभी देश का माहौल सही नहीं है।
सत्ता में आते ही तालिबान ने महिलाओं के पोस्टर तक को भी बाजारों से हटावा दिया। देश में शरिया कानून लगा दिया गया, जिसके बाद महिलाओं के सारे अधिकार उनसे छीन लिए गए। अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं ने इस हालात का विरोध किया, वहीं तालिबान विरोध को कुचलने में सफल रहा। इस वक्त अफगानिस्तान में महिलाओं की हालत बहुत खराब है, पर तालिबान के डर से कोई भी महिला संगठन इस पर खुलकर आवाज नहीं उठा रहा।
ईरान-
अफगानिस्तान की तरह ईरान में भी पहले महिलाओं पर इतने प्रतिबंध नहीं थे। 1979 में इस्लामिक क्रांति हुई जिसके बाद कट्टर इस्लामिक संगठन सत्ता में आया, तब से लेकर आज तक महिलाओं पर कई नियम कानून लगाए जा चुके हैं। इस देश की औरतें मैदान में जाकर फुटबॉल मैच नहीं देख सकतीं। इस्लाम धर्म गुरुओं के मुताबिक महिलाओं को पुरुषों के खेल से दूर रहना चाहिए। यह ऐसा देश है जहां औरतें गैर मर्दों से हाथ भी नहीं मिला सकती, यहां पर इसे अपराध माना जाता है। हिजाब(पुराने हिजाब को इन तरीकों से करें दोबारा इस्तेमाल ) को लेकर यहां सख्त कानून है। इस देश में महिलाओं के शोषण का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि गोद ली बच्ची से बच्ची का पिता भी शादी कर सकता है। यहां तक कि महिलाओं को खुद से तलाक लेने का अधिकार भी इस देश में नहीं है।
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सऊदी अरब-
दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिने जाने वाला देश सऊदी अरब भी अपने देश की महिलाओं पर कड़े नियम-कानून लगाता है। शरिया कानून से चलने वाला देश जहां महिलाओं के लिए पब्लिक प्लेस में बुर्का पहनने का कानून है, प्रिंस सलमान के आने के बाद से कई नियमों में बदलाव भी हुए। पर अभी भी अरब में महिलाएं किसी गैर पुरुष के साथ अगर पाई जाती हैं, तो उनपर सख्त कार्रवाई होती है। इस देश में महिला को गर्भपात कराने के लिए पुरुष की सहमति लेनी पड़ती है। शादी और तलाक के फैसले भी शरिया कानून से लिए जाते हैं। यहां महिला खुद की मर्जी से किसी और से शादी नहीं कर सकती, इसके लिए परिवार की रजामंदी जरूरी होती है। किसी बिजनेस की शुरुआत करने के लिए भी यहां महिला को पुरुष की परमिशन लेनी पड़ती है।
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सुडान-
नॉर्थ अफ्रिका का देश सुडान में भी महिलाओं को लेकर बहुत सख्त कानून बनाए गए हैं। इस देश में महिलाओं के पैंट पहनने पर भी मनाही है, महिला अगर घर पर देरी से आती है तो उसके लिए उसे कानूनी सजा भी हो सकती है। यहां महिलाएं किसी गैर मर्द के साथ डांस नहीं कर सकती। इस देश में महिलाओं पर बहुत अत्याचार किए जाते हैं जिनको लेकर कोई भी सजा का प्रावधान नहीं है। यहां महिलाओं की जबरन शादियां भी करा दी जाती हैं, इस देश की महिलाओं को घरेलू हिंसा जैसी प्रताड़नाओं से गुजरना पड़ता है पर इन सब से लड़ने के लिए वहां कोई भी कानून नहीं है। जिस वजह से इस देश में महिलाओं के प्रति अपराध बहुत ज्यादा है।
जॉर्डन -
एशिया में बसा देश जॉर्डन भी महिलाओं पर सख्त प्रतिबंध लगाता है। इस देश में ऑनर किलिंग को लीगल माना जाता है। अपने सम्मान के लिए पुरुष अपनी पत्नी,बेटी या बहन की हत्या कर सकता है। इस अपराध पर जॉर्डन में कोई दंड नहीं दिया जाता,जिस कारण इस देश में हॉनर किलिंग के रेट बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। यह भी महिलाओं के प्रति शोषण का एक बड़ा कारण बनकर सामने आता है, इसके अलावा महिलाओं को खुद से शादी करने का अधिकार इस देश में नहीं मिला है। जिस वजह से अगर महिला कहीं और शादी करना चाहे तो उसकी हत्या को अपराध नहीं माना जाता है।
तो ये थे कुछ ऐसे देश जहां की महिलाओं पर कई सख्त कानून लगाए गए हैं। यहां की महिलाएं अपनी आजादी के लिए लंबे समय से लड़ रही हैं, पर उनके विरोध को पुरुष प्रधान तबका बड़ी आसानी से खत्म करने में सफल हो जाता है। आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करें और महिलाओं से जुड़ी ऐसी खबरें पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़े रहें।
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