महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नई शुरुआत

महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नई पहल की गई है विजयवाड़ा में। यहां महिला अधिकारों की रक्षा के लिए वुमन प्रोटेक्शन सेंटर खोला गया है।

 
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चाहें घरेलू हिंसा हो या यौन हिंसा, महिलाएं अक्सर अपनी समस्या के बारे में खुलकर बात नहीं कर पातीं। इस कारण वे कई बार शोषण की शिकार भी होती हैं। इससे पार पाने के लिए विजयवाड़ा में अपनी तरह की अनोखी पहल की गई है। यहां महिला अधिकारों की रक्षा के लिए महिला रक्षणा केंद्रम (वुमन प्रोटेक्शन सेंटर) खोला गया है। महिलाओं की हर तरह की समस्या को सुलझाने के लिए यह केंद्र खोला गया है।

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खुलकर अपनी बात कह सकती हैं महिलाएं

इस प्रोटेक्शन सेंटर को बनाने का मकसद है महिलाओं को कानूनी समस्याओं में सलाह देने के लिए एक प्लेटफॉर्म देना। किसी भी तरह के विवाद के लिए महिलाएं यहां जाकर प्रोफेशनल काउंसलर्स की मदद ले सकती हैं, इससे उन्हें कानूनी और इमोशनल समस्याओं से बाहर आने में मदद मिलती है। विजयवाड़ा के पुलिस कमिश्मनर डी गौतम सावंग का कहना है कि यह केंद्र इसलिए बनाया गया ताकि महिलाएं बिना किसी डर के खुलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकें।

मुश्किल की घड़ी में सेंटर से मिलेगी मदद

विजयवाड़ा पुलिस की तरफ से महिला सशक्तीकरण के लिए 'महिला मित्र नाम' से एक विशेष पहल की गई थी, जो कामयाब रही है। सावंग का कहना है कि महिला सशक्तीकरण एक लंबी प्रक्रिया है और वुमन प्रोटेक्शन सेंटर स्थापित करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद महिलाओं को हर तरह की सुविधा मुहैया कराना है, चाहे वह कितनी ही छोटी क्यों ना हो। हो सकता है कि महिलाएं किसी स्थिति में दुविधा में पड़ जाएं और फैसले खुद ना ले पाएं जैसे कि वे घरेलू हिंसा की शिकार हो गई हों, ऐसी स्थिति में उन्हें एक्सपर्ट गाइडेंस मिलने से समस्या के जल्द समाधान मिलने में मदद मिलेगी।

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राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर के जरिए भी संपर्क संभव

अच्छी बात ये है कि राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन 1091, राज्य सरकार की हेल्पलाइन 181 डायल करने पर और 100 डायल करने पर भी यहां की महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा सकती हैं। इस सेंटर पर महिला रक्षक टीमें भी तैनात होंगी, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके। इस सेंटर में वुमन एक्टिविस्ट, काउंसलर, साइकेट्रिस्ट, एडवोकेट और महिला पुलिस मेंबर होंगी, जो हर तरह की इमरजेंसी स्थितियों से निपटने में सक्षम होंगी। एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि यौन हिंसा, घरेलू हिंसा, रेप जैसे मामलों में पीड़िता की काउंसिलिंग की जाती है, स्पेशल टीम उनकी लोकेशन पर भेजी जाती हैं और स्थिति के हिसाब से एक्शन लिया जाता है।

सभी राज्यों में ऐसी पहल होने की जरूरत

विजयवाड़ा की इस अनोखी पहल से सबक लेते हुए देश के अन्य राज्यों में भी महिला अधिकारों की रक्षा के लिए पहल की जा सकती है। देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की खबरें अक्सर ही सुनने को मिल जाती है, ऐसे में महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करने के साथ उनके लिए इस तरह के सेंटर खोले जाने की जरूरत है। जाहिर है अगर ऐसे केंद्र हर राज्य में स्थापित किए जाएं तो महिलाएं बिना किसी संकोच के मदद मांगने की अपील के लिए आगे बढ़ पाएंगी।

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