Durga Ashtami 2023 Puja Vidhi & Shubh Muhurat: कब है दुर्गाअष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा माता के महागौरी स्वरुप का पूजन करने का विधान है। आइए जानें इस साल कब पड़ेगी अष्टमी तिथि और किसी विधि से किया गया पूजन फलदायी होगा। 

 

chaitra navratri ashtami  date shubh muhurat by expert

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि को विशेष स्थान दिया गया है और इसके सभी दिनों में माता के स्वरूपों का पूजन किया जाता है। इनमें से चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन को महाअष्टमी कहा जाता है। महा अष्टमी को चैत्र नवरात्रि के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

इस साल चैत्र नवरात्रि में अष्ठमी तिथि 29 मार्च को पड़ेगी और इस दिन मां दुर्गा के आठवें अवतार देवी महागौरी की पूजा की जाएगी। माता गौरी की पूजा का विशेष महत्व है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें अष्ठमी तिथि की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि के बारे में।

दुर्गा अष्टमी कब है (Durga Ashtami Kab Hai 2023)

chaitra navratri  ashtami shubh muhurat

  • इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च, बुधवार को पड़ेगी। इस दिन माता के अष्टम रूप देवी महागौरी की पूजा की जाती है।

दुर्गा अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Puja Shubh Muhurat 2023)

  • चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ - 28 मार्च , सायं 07.02 मिनट से
  • चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समापन -29 मार्च 2023, रात 09.07 मिनट पर
  • उदया तिथि की मानें तो दुर्गा अष्टमी का उपवास 29 मार्च, को रखा जाएगा और इस दिन दो बहुत शुभ शोभन योग और रवि योग का संयोग भी हो रहा है जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाएगा।
  • शोभन योग- 28 मार्च, रात्रि 11:36 से 29 मार्च, प्रात: 12:13 तक
  • रवि योग- 29 मार्च, रात्रि 08:07 से 30 मार्च, प्रातः 06:14 तक

दुर्गा अष्टमी की पूजा विधि ( Durga Ashtami Puja Vidhi 2023)

mahagauri puja vidhi in astrology

चैत्र नवरात्रि के दिन माता के आठवें स्वरूप की पूजा की जाती है जिन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। यदि आप विधि-विधान से पूजन करती हैं तो समस्त मनोकामनाओं को पूर्ति होती है। मुख्य रूप से शादीशुदा महिलाओं के मलिए माता गौरी का पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है और जीवन में सौभाग्य के संकेत देता है।

  • इस दिन पूजन करने के लिए प्रातः जल्दी उठें और साफ़ वस्त्र धारण करें।
  • माता महागौरी की तस्वीर किसी चौकी पर स्थापित करें और माता को सिंदूर लगाएं।
  • महागौरी माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें और लाल फूल चढ़ाएं।
  • माता गौरी का ध्यान करते हुए उनके मंत्र ओम देवी महागौर्यै नम: का जाप करें।

अष्टमी के दिन भी होता है कन्या पूजन (Chaitra Navratri Kanya Pujan)

kanya pujan in ashtami tithi

कई लोग चैत्र अष्टमी के दिन अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं, वहीँ यदि इस दिन माता महागौरी का पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाता है और उन्हें श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है तो बहुत ह लाभदायक हो सकता है।

कई जगह इस दिन कन्या पूजन (राशि अनुसार करें कन्या पूजन)का विधान भी होता है। यदि आपके घर में कन्या पूजन अष्टमीतिथि के दिन ही होता है तो विधि-विधान से इस दिन कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं। साथ ही, कन्याओं को उनकी पसंद के उपहार भी दें।

यदि आप इस दिन कन्या पूजन करती हैं तो इसी दिन व्रत का पारण भी करें। हालांकि यदि आप घरों में कलश की स्थापना करती हैं तो इस दिन इसका विसर्जन न करें बल्कि कलश विसर्जन हमेशा दशमी के दिन ही करें।

इसे भी पढ़ें: Chaitra Navratri Wishes & Quotes in Hindi: चैत्र नवरात्रि के मौके पर अपनों को भेजें ये शुभकामनाएं और बधाई संदेश

चैत्र नवरात्रि अष्टमी का महत्व (Chaitra Navratri Asthami Significance)

ऐसी मान्यता है कि जो भक्त चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन माता गौरी का पूजन श्रद्धा भाव से करता है और माता की उनकी पसंद अनुसार भोग अर्पित करता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

यही नहीं इस दिन सुहागिन स्त्रियां अखंड सौभाग्य की कामना में यदि श्रृंगार की सामग्री माता को अर्पित करती हैं तो इससे भी शुभ फल मिलते हैं। माता महागौरी मां के 9 रूपों और 10 महाविद्या सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं।

चूंकि भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में महागौरी का पूजन होता है, इसलिए इस दिन श्रद्धा से पूजन करने से महादेव की भी विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार, शुंभ निशुंभ से पराजित होने के बाद देवताओं ने गंगा नदी के तट पर देवी महागौरी से ही अपनी सुरक्षा की प्रार्थना की थी। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप के पूजन से शारीरिक क्षमता का विकास होने के साथ मानसिक शांति भी मिलती है।

महागौरी का पूजन उनके भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है और इनके पूजन से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images: freepik.com

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP