Chaitra Amavasya 2022: जानें चैत्र अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और पितरों की शांति के लिए कुछ उपाय

हिंदुओं में चैत्र अमावस्या तिथि का बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन विधि विधान से पूजन करने, दान -पुण्य करने और पवित्र नदियों में स्नान करने की प्रथा है। 

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हिंदू धर्म में सभी महीनों का विशेष महत्व है। वहीं इन महीनों में कुछ विशेष तिथियों में अलग तरीकों से पूजा पाठ करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि हिंदी महीनों की कुछ तिथियां ऐसी होती हैं जिनमें आपको अलग रूप में पूजा पाठ करना चाहिए। ऐसी ही हिंदी तिथियों में से एक है अमावस्या की तिथि। यह तिथि हर महीने में एक बार पड़ती है और पूरे साल में 12 अमावस्या तिथियां होती हैं। इन सभी अमावस्या तिथियों का अपना अलग महत्व है और इन सभी तिथियों में पितरों की शांति के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।

हिन्दुओं में सभी महीनों में से प्रमुख है चैत्र का महीना। ऐसा माना जाता है कि इसी महीने में नए साल की शुरुआत होती है और इस महीने में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का अपना अलग महत्व होता है। चैत्र अमावस्या को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। इस अमावस्या तिथि में मुख्यतः दान-पुण्य करने और पवित्र नदी में स्नान करने को फलदायी माना जाता है। आइए जाने माने ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस बार चैत्र के महीने में कब पड़ेगी अमावस्या तिथि, इसका क्या महत्व है और इस दिन कौन से उपाय आपको पितृ दोष से मुक्ति दिला सकते हैं।

चैत्र अमावस्या की तिथि और मुहूर्त

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ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल चैत्र अमावस्या दो दिन पड़ रही है। 31 मार्च और 1 अप्रैल दोनों ही दिन अमावस्या तिथि पड़ने की वजह से दोनों दिन इसे मान्य माना जाएगा।

  • चैत्र अमावस्या तिथि आरंभ: 31 मार्च, गुरुवार, दोपहर 12.22 पर
  • चैत्र अमावस्या तिथि समापन: 1 अप्रैल, शुक्रवार प्रातः 11.54 पर
  • चूंकि 31 मार्च, गुरुवार के दिन अमावस्या तिथि दोपहर 12.22 बजे के बाद प्रारंभ है इसलिए पितरों के लिए तर्पण इसी दिन शुभ माना जाएगा। चूंकि तर्पण का सही समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक का ही होता है इसलिए पितृ शांति के सभी उपाय इसी दिन किए जाएंगे।
  • चूंकि 1 अप्रैल, शुक्रवार को अमावस्या तिथि सूर्योदय के बाद तक रहेगी इसलिए इस दिन पवित्र स्नान और दान पुण्य किया जाएगा।

अमावस्या तिथि में पवित्र स्नान का महत्व

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पुराणों के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन पवित्र स्नान करना विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदी में डुबकी लगाने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि जो लोग नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं उन्हें भी इस दिन नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल (गंगाजल के ये 7 उपाय) मिलाकर स्नान करना चाहिए जिससे वो पाप से मुक्त हो सकें। इस दिन नदी में स्नान करने से मनोकामनाओं को पूर्ति भी होती है।

चैत्र अमावस्या का महत्व

ऐसा माना जाता है कि मुख्य रूप से चैत्र अमावस्या के दिन ही कई दोषों से मुक्ति मिलती है। इन दोषों में से प्रमुख हैं पितृ दोष और कालसर्प दोष। ज्योतिष में इस दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि आप जिन नाग और नागिन की पूजा करें उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें। इसके साथ ही अमावस्या के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

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चैत्र अमावस्या में कैसे करें पूजन

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  • जो लोग अमावस्या तिथि के दिन पापों से मुक्ति चाहते हैं उन्हें प्रातः जल्दी उठना चाहिए और पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
  • नदी में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दें और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें।
  • इसके बाद अपनी सामर्थ्य अनुसार गरीबों को दान करना चाहिए।
  • इस दिन अपने पितरों को याद करते हुए उनके नाम से तर्पण करें और उनके नाम का दीपक प्रज्वलित करके नदी में प्रवाहित करें।

चैत्र अमावस्या में पितरों की शांति के लिए उपाय

  • ऐसा माना जाता है कि चैत्र अमावस्या दिन पितरों की शांति के लिए गरीबों को काली वस्तुओं जैसे कंबल का दान देना चाहिए।
  • अमावस्या तिथि के दिन आप मंदिर में पितरों के नाम से 5 अनाज दान करें। इसमें उड़द की दाल और चावल मुख्य रूप से सम्मिलित होने चाहिए।
  • इस दिन पानी में तिल मिलाकर पितरों का नाम लेते हुए सूर्य को जल दें और दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करें। जल तर्पण के समय पितृ दोष से मुक्ति की कामना करें।
  • चैत्र अमावस्या तिथि के दिन घर के ईशान कोण में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और पितरों की सलामती की कामना करें।
  • इस दिन काले कुत्ते को भोजन खिलाएं और आटे की लोई में तिल मिलाकर गाय को खिलाएं।
  • ज्योतिष में चैत्र अमावस्या के दिन तालाब में मछली को दाना खिलाना भी विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

चैत्र अमावस्या के दिन आप यहां बताए कुछ ख़ास उपायों से पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व ज्योतिष से जुड़े इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit: freepik and pixabay

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