केंद्रीय बजट की तारीख जैसे-जैसे पास आती है वैसे-वैसे टैक्स पेयर्स के बीच चर्चा शुरू हो जाती है। सैलरी या बिजनेस से इनकम करने वालों को कमाई के अनुसार टैक्स जमा करना होता है। टैक्स जमा करने से पहले कैलकुलेशन और सेविंग्स को लेकर लोग खूब माथापच्ची करते हैं कि कैसे टैक्स बचाया जा सकता है। वहीं, अब तो हमारे पास दो टैक्स रिजीम हैं। नया टैक्स रिजीम आने के बाद भी ज्यादातर लोगों का झुकाव ओल्ड टैक्स रिजीम की तरफ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ओल्ड टैक्स रिजीम में सेविंग्स और एग्जेंप्शन के तहत कई तरह से टैक्स बचत की जा सकती है। लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि नया टैक्स रिजीम चुनने वालों का नुकसान होगा। नया टैक्स रिजीम चुनने पर भी छूट का फायदा उठाया जा सकता है।
2023 के बजट के बाद नया टैक्स रिजीम डिफॉल्ट ऑप्शन बन गया है। जी हां, अगर आप टैक्स भरते समय खुद से ओल्ड टैक्स रिजीम नहीं चुनते हैं, तो आपका टैक्स नए टैक्स रिजीम से ही फाइल होगा। हालांकि, नए टैक्स रिजीम में किस तरह से टैक्स बचाया जा सकता है यह सवाल समय-समय पर उठता रहता है। अगर आप भी नए रिजीम में टैक्स फाइल करने वाली हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
ओल्ड रिजीम के मुकाबले, नए टैक्स रिजीम में छूट पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं है। नए टैक्स रिजीम में सबसे पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन में छूट क्लेम की जा सकती है। हालांकि, नए रिजीम में पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान नहीं था। नए टैक्स रिजीम में 75 हजार रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन करना होता है।
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नए टैक्स रिजीम में फैमिली पेंशनर्स को भी छूट मिलती है। नए रिजीम में पहले यह छूट सालाना 15 हजार रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है।
अगर आप नौकरीपेशा हैं और NPS में कंट्रिब्यूट करते हैं, तो टैक्स डिडक्शन पर क्लेम कर सकते हैं। यह कॉर्पोरेट नेशनल पेंशन सिस्टम की कैटेगरी में आता है। यानी सैलरी के हिस्से को NPS में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिल सकती है।
नए टैक्स रिजीम में ट्रांसपोर्ट अलाउंस में छूट मिलती है, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट है। अगर टैक्स पेयर दिव्यांग हैं या इस कैटेगरी में आते हैं, तो ही वह नए रिजीम में डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। वहीं, नौकरी करने वाले लोगों को ऑफिस के काम के लिए जो भी ट्रैवलिंग पर्क्स मिलते हैं वह भी इसमें छूट क्लेम कर सकते हैं।
अगर किसी शख्स ने VRS यानी वॉलंटरी रिटायरमेंट ली है और उसे ग्रैच्युटी और लीव इनकैशमेंट के तहत पैसा मिला है, तो उसे कुछ शर्तों के साथ टैक्स में छूट मिल सकती है।
नए टैक्स रिजीम में गिफ्ट्स पर भी डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। हालांकि, इसकी लिमिट केवल 50 हजार रुपये तक ही है।
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बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैलरी और बिजनेस से इनकम करने वालों के लिए नए के बाद पुराने रिजीम में जाने को लेकर अलग-अलग नियम हैं। अगर आप सैलरी से इनकम करते हैं, तो हर फाइनेंशियल ईयर के बाद नए-पुराने में स्विच कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपसे टैक्स भरने की डेडलाइन मिस हो जाती है, तो आप केवल नए रिजीम में ही टैक्स भर पाएंगे। (बिना टैक्स के कैसे कमाएं पैसा?)
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