आज के समय में इनकम कम और जरूरतें आसमान को छू रही हैं। ऐसे में कई बार जरूरतों और कई बार लग्जरी या शौक को पूरा करने के लिए लोन या कर्ज लेना पड़ता है। बैंक या प्राइवेट फाइनेंस संस्थानों से आसान किश्तों पर पैसा उधार लेने में कोई मुश्किल नहीं होती है। लेकिन, मुश्किल तब आती है जब हम किश्त नहीं चुका पाते हैं और आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। ऐसे में कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या पुराना लोन चुकाने के लिए नया कर्ज लिया जा सकता है।
पुराना कर्ज चुकाने के लिए नया लोन लेना कुछ ही परिस्थितियों में फायदेमंद होता है। खासकर जब आप सही कैलकुलेशन और सोच-समझकर लोन लेते हैं। अगर आप एक लोन चुकाने के लिए नया कर्ज लेने जा रहे हैं, तो पहले अपनी सैलरी और इनकम जरूर चेक कर लें। वहीं, आप ऐसा नहीं करते हैं, तो एक बड़े आर्थिक संकट में पड़ सकते हैं। अगर आप भी किसी आर्थिक संकट में फंस गए हैं और पुराने लोन की किश्ते नहीं चुका पा रहे हैं और नया लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले यहां इसके फायदे और नुकसान के बारे में समझ लें।
एक कर्ज चुकाने के लिए दूसरा लोन लेना तब फायदेमंद हो सकता है, जब नए लोन का इंटरेस्ट रेट पहले वाले के मुकाबले कम होता है। इसे आप उदाहरण के साथ भी समझ सकते हैं। जैसे- क्रेडिट कार्ड से आपने बड़ा अमाउंट खर्च कर दिया है और ड्यू डेट में पैसा चुका नहीं पा रहे हैं, तब इसे चुकाने के लिए पर्सनल लोन लिया जा सकता है। क्योंकि, क्रेडिट कार्ड पर ड्यू डेट के बाद लगभग 25 से 30 परसेंट का इंटरेस्ट रेट लगता है। वहीं, पर्सनल लोन पर लगभग इंटरेस्ट रेट 20 से 25 परसेंट लगता है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड का पैसा चुकाने के लिए अन्य पर्सनल लोन लेना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन, नया लोन अपनी इनकम और खर्चों को देखने के बाद ही लें।
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कई बार हम आसान किश्तों के जाल में फंस जाते हैं और सालों तक लोन चलता रहता है। ऐसे में पुराना लॉन्ग टर्म लोन चुकाने के लिए शॉर्ट टर्म कर्ज लेना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।
एक लोन नहीं चुका पाने की स्थिति में दूसरा कर्ज आपको बड़े आर्थिक जंजाल में फंसा सकता है। जी हां, एक समय पर दो या बहुत सारे लोन लेने से आर्थिक बोझ बढ़ता है, क्योंकि आपकी इनकम तो उतनी ही रहती है जितनी पहले वाले लोन की स्थिति में थी।
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नए लोन के लिए अप्लाई करने के साथ ही ओरिजिनेशन फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टी जैसे चार्जेस जमा कराने पड़ते हैं। यह चार्जेस लोन के अमाउंट को बढ़ा देते हैं।
एक लोन के चालू रहने के दौरान दूसरा कर्ज लेने से क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। इसकी वजह से भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोई भी बैंक या प्राइवेट फाइनेंस संस्थान लोन देने से पहले क्रेडिट स्कोर चेक करता है।
कई बार हम पुराना लोन चुकाने की जल्दबाजी में ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाला नया लोन ले बैठते हैं। ऐसी स्थिति में परेशानी और कर्ज का बोझ, दोनों ही बढ़ जाता है।
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Image Credit: Herzindagi and Freepik
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