प्रॉपर्टी में निवेश करने की चाहत हर किसी की होती है, फिर चाहे वह भारत के निवासी हो या NRI। अक्सर NRI यानी नॉन रेजिडेंट इंडियन अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए भारत में प्रॉपर्टी खरीदते या निवेश करने की चाहत रखते हैं। लेकिन, इसी के साथ सवाल उठता है कि क्या कोई NRI भारत में प्रॉपर्टी खरीद सकता है। तो इस सवाल का जवाब है हां। विदेशी मुद्रा प्रबंधन प्राधिकरण (Foreign Exchange Management Authority) के नियमों के तहत NRI को शेयर, बॉन्ड्स, म्युचुअल फंड्स और प्रॉपर्टी में निवेश करने के अधिकार हैं।
भारत में किस तरह की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं NRI?
भारत में NRI आवासीय और व्यापारिक, दोनों तरह की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। लेकिन, किसी भी NRI को कृषि भूमि खरीदने की अनुमति नहीं होती है। यानी वह कृषि भूमि, फॉर्म हाउस या प्लांटेशन प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते हैं। साथ ही NRI पर प्रॉपर्टीज खदीरने की कोई लिमिट नहीं होती है। इसका मतलब है कि अगर NRI असंख्य आवासीय और व्यापारिक प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
NRI के लिए भारत में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए क्या नियम और प्रक्रिया है?
परमिशन
एक्सिस बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, NRI को सरकार या RBI से भारत में आवासीय और व्यावसायिक प्रॉपर्टी खरीदने के लिए किसी विशेष परमिशन की जरूरत नहीं होती है। लेकिन, अगर NRI कृषि भूमि, फॉर्महाउस या प्लांटेशन प्रॉपर्टी खरीदना चाहता है तो विशेष परमिशन की जरूरत पड़ सकती है।
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मालिकाना हक
प्रॉपर्टी का पूरा मालिकाना हक किसी भी NRI के पास जा सकता है। ऐसे में कई बार सवाल उठता है कि क्या कोई NRI व्यक्ति किसी भारतीय निवासी के साथ मिलकर प्रॉपर्टी खरीद सकता है तो इसका जवाब भी हां है। वहीं, अगर व्यक्ति पहले भारतीय निवासी था और किसी प्रॉपर्टी का मालिक था, तो वह NRI बनने के बाद भी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक अपने पास रख सकता है।
डॉक्यूमेंट्स
किसी भी NRI को भारत में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है। इन डॉक्यूटमेंट्स में वीजा की कॉपी, पासपोर्ट, लेटेस्ट इनकम टैक्स रिटर्न्स, जिस देश में रह रहे हैं उसका वर्क परमिट, 6 महीने की सैलरी या इनकम स्लिप। इसके अलावा प्रॉपर्टी से जुड़े कागजों की जरूरी होते हैं।
पॉवर ऑफ अटोर्नी
जब NRI भारत से बाहर हो तब प्रॉपर्टी की देखरेख और उसकी डील करने के लिए देश में रहने वाले व्यक्ति को पॉवर ऑफ अटोर्नी देने की जरूरत होती है। हालांकि, इससे पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि पॉवर ऑफ अटोर्नी वैध और नोटरी स्टैंप्ड हो। जिससे प्रॉपर्टी की खरीद या डील में किसी तरह की बाधा न आए।
पेमेंट
प्रॉपर्टी खरीद के लिए NRI को भारतीय मुद्रा में ही पेमेंट करना होता है। किसी भी विदेशी मुद्रा में प्रॉपर्टी का भुगतान स्वीकार्य नहीं होता है। ऐसे में NRI भारत आकर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के तहत NRE यानी नॉन-रेजिडेंट एक्सटरनल अकाउंट, NRO यानी नॉन-रेजिडेंट ऑर्डनरी अकाउंट और FCNR यानी फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट अकाउंट खोल सकते हैं।
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टैक्स और चार्जेस
भारत में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले NRI को टैक्स और चार्जेस के बारे में अच्छी तरह से जान लेना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम पर भारत में टैक्स लगता है। अगर आप प्रॉपर्टी से किराया कमाते हैं, तो उसपर 30 परसेंट टीडीएस लगता है। वहीं, अगर आप प्रॉपर्टी बेचते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में 20 परसेंट टीडीएस कटता है। इसके अलावा GST, स्टैंप ड्यूटी चार्जेस और रजिस्ट्रेशन चार्जेस आदि भी लगते हैं।
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Image Credit: Freepik
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