अगर आप खरीद रही हैं रीसेल प्रॉपर्टी, तो इन 8 बातों का रखें ध्यान

आजकल लोग बनी हुई प्रॉपर्टी लेना पसंद कर रहे हैं और कुछ लोग रीसेल प्रॉपर्टी भी खरीद रहे हैं। ऐसे में अगर आप रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें। 
6 essential things to keep in mind before buying resale property

जब इंसान कमाता है, तो वह जिंदगी में एक घर खरीदने की चाह भी रखता है। आजकल रियल स्टेट मार्केट में प्रॉपर्टी के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं जमीन खरीदकर उस पर कंस्ट्रक्शन करवाना भी मुश्किल है। आज की महंगाई के जमाने में घर का निर्माण करवाना जेब ढीली करने जैसा है। ऐसे में, लोग इस प्रोसेस से बचने के लिए रीसेल मार्केट में तैयार प्रॉपर्टी खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हालांकि, रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने में अक्सर कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है, जिनके बारे में खरीदार को पहले पता नहीं होता है। इसलिए, रीसेल प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले आपको 8 जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रॉपर्टी के ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स

अगर आप रीसेल प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो उसके मालिक से प्रॉपर्टी के ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स दिखाने की मांग करें। जब आप टोकन मनी या बयाना देने जा रहे हैं, तो उनसे प्रॉपर्टी के पेपर्स की फोटोकॉपी मांग सकते हैं, जिससे आप उनको वेरिफाई कर सकें। प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स में सेल डीड, प्रॉपर्टी को कितनी बार बेचा और खरीदा गया है उसके पेपर्स , टाइटल, लैंड यूज, पहले प्रॉपर्टी को खरीदने वालों के पेमेंट की रिसीप्ट और पजेशन सर्टिफिकेट जैसे जरूरी दस्तावेज शामिल होते हैं।

टाइटल जरूर देखें

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आप रीसेल प्रॉपर्टी जिससे खरीद रहे हैं, उससे टाइटल की मांग करें। टाइटल का मतलब होता है कि जो आपको प्रॉपर्टी बेच रहा है, उसके पास ही प्रॉपर्टी की ओनरशिप है। टाइटल देखकर आप पता करें कि प्रॉपर्टी बेचने वाले व्यक्ति ने अपने पैसों से इसे खरीदा है या प्रॉपर्टी उसके पूर्वजों के जरिए वसीयत या गिफ्ट के तौर पर उसे मिली है। जब प्रॉपर्टी का टाइटल साफ हो जाए, इसके बाद ही उस प्रॉपर्टी पर आपको इन्वेस्ट करना चाहिए। आप टाइटल की जांच के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस भी जा सकते हैं।

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बेचने वाले के बारे में जानकारी

जब आप रीसेल प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो प्रॉपर्टी बेचने वाले से पूछ लें कि उस पर किसी तरह का को-ओनरशिप तो नहीं है। मतलब यह है कि उस प्रॉपर्टी पर केवल बेचने वाले का ही अकेला अधिकार है या उसे किसी दूसरे व्यक्ति की सहमति की जरूरत पड़ेगी। अगर आप किसी मेंटल अनस्टेबल इंसान से प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको परेशानी हो सकती है। इसलिए, आपको अगल-बगल वालों से पूछ लेना चाहिए कि क्या उस प्रॉपर्टी का मालिक किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित तो नहीं है।

कंस्ट्रक्शन की जांच

जब आप रीसेल प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो यह देखे लें कि आप उस प्रॉपर्टी पर किस तरह से कंस्ट्रक्शन करवा सकते हैं। अगर आपका मन है कि आप ग्राउंड फ्लोर पर दुकान बनवा लें, 2-4 माले बनवाकर उसे किराए पर उठा दें या घर को फॉर्म हाउस में कन्वर्ट करा दें। इन सभी बातों का पता आप स्थानीय नगरपालिका या जोनल प्लानिंग ऑफिस से कर सकते हैं।

सेल डीड और चेन की जांच करें

सेल डीड का मतलब होता है कि प्रॉपर्टी बेचने वाला किन शर्तों या किस दाम पर आपको प्रॉपर्टी बेचने वाला है। इस डीड में प्रॉपर्टी के आकार और इस्तेमाल जैसी चीजों के बारे में लिखा होता है। यह डीड बनवाते समय इसमें जरूर लिखवा लें कि प्रॉपर्टी खरीद लेने के बाद भी अगर इस प्रॉपर्टी पर किसी तरह का बकाया होगा, तो उसकी रकम बेचने वाला ही देगा। इसके अलावा, रीसेल प्रॉपर्टी कितनी बार बिकी है और उसकी ओनरशिप किसके पास रही है और कितने समय तक रही है, इन सभी की जांच करना जरूरी है।

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पजेशन सर्टिफिकेट

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रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि उस प्रॉपर्टी पर किसी तरह का कब्जा तो नहीं है। अगर उस पर कोई किराएदार रह रहा है, तो आपको बेचने वाले से प्रॉपर्टी को खाली करने के लिए कहना चाहिए। आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रॉपर्टी बेचने वाले के नाम पर ही प्रॉपर्टी के सभी कागजात हों। जब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो जाए, तो आप इस बात को न्यूजपेपर्स पर छपवा सकते हैं कि आप इस प्रॉपर्टी को खरीदने जा रहे हैं और अगर किसी को परेशानी है या उसे लेकर कोई क्लेम करना चाहता है, तो वह आपसे संपर्क कर सकता है।

प्रॉपर्टी की उम्र की जांच

अगर आप रीसेल प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो यह जांच लें कि प्रॉपर्टी की उम्र 50 साल से ज्यादा न हो। अगर आप 50 साल पुरानी प्रॉपर्टी को खरीदते हैं, तो आपको उस पर कन्स्ट्रक्शन करवाने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, पुरानी प्रॉपर्टी खरीदने पर आपको मरम्मत, रेनोवेशन जैसे काम करवाने पड़ सकते हैं।

ब्रोकरेज

आमतौर पर रीसेल प्रॉपर्टी को बेचने का काम प्रॉपर्टी कंसल्टेंट करते हैं और वह प्रॉपर्टी बेचने के साथ-साथ ब्रोकरेज भी आपसे वसूलते हैं। ऐसे में आपको ब्रोकरेज चार्ज देने से बचना चाहिए क्योंकि कंसल्टेंट पहले से ही रीसेल प्रॉपर्टी बेचते समय विक्रेता से कमीशन ले चुके होते हैं।

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Image Credit - freepik

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