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Buddhist Stupa: बौद्ध स्तूपों के बारे में ये दिलचस्प बातें नहीं जानते होंगे आप

आज हम आपको बौद्ध स्तूपों से जुड़ी बेहद ही रहस्यमयी और रोचक बातें बताने जा रहे हैं।  
Editorial
Updated:- 2022-12-12, 10:55 IST

Buddhist Stupa: ये सृष्टि विभिन्न धर्मों को समेटे हुए है। इन्हीं में से एक है बौद्ध धर्म। जिस प्रकार हिन्दू धर्म में मंदिरों का स्थान सर्वोच्च और सर्व पवित्र है। उसी प्रकार बौद्ध धर्म में स्तूपों को अत्यंत महत्व दिया गया है। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको बौद्ध धर्म से जुड़े इन्हीं स्तूपों के बारे में कुछ बेहद ही रोचक बातें बताने जा रहे हैं।

  • शिलालेखों में बौद्ध स्तूपों को थुब के नाम से उल्लेखित किया गया है। इन स्तूपों में गौतम बुद्ध की अस्थियां, अवशेषों व अन्य पवित्र वस्तुओं को याद के तौर पर रखा गया है। हर एक बौद्ध स्तूप न सिर्फ अलग आकार का है बल्कि इसके प्रकार भी भिन्न हैं।

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  • बौद्ध स्तूप हिन्दू धर्म ग्रंथों में वर्णित पंच तत्वों को दर्शाते हैं। बौद्ध स्तूप गुंबद (मंदिर में क्यों होती है गुंबद) के आकार में दिखाई देता है। बौद्ध स्तूप का मूल ढांचा चौकोर आधारशिला पर स्थापित है जो भूमि तत्व को दर्शाता है। इसके अलावा, चौकोर आधारशिला चार आर्य सत्य का प्रतीक भी है।

buddha stupa

  • बौद्ध स्तूप की छत या जिसे छतरी भी कहा जाता है वह वायु तत्व का प्रतीक मानी जाती है। इसके अतिरिक्त वास्तु के अनुसार, यह सकारात्मकता का प्रतीक भी है। जहां एक ओर छतरी और चौकोर आधारशिला को मिलाने वाली सीढ़ियां अग्नि तत्व को दर्शाती हैं। तो वहीं, छतरी के ऊपर बना मुकुट आकाश तत्व का प्रतीक माना जाता है।

bauddh stupa

  • इसके अतिरिक्त, स्तूप के अंदर जलती हुई लौ प्रबोधन यानी कि शिक्षा और परामर्श के आधार पर स्थापित है। सूर्य (सूर्य देव की आरती) और चंद्रमा सत्य को दर्शाते हैं। तेरह सीढ़ियों में से पहली दस सीढ़ियों का वास्तु के अनुसार भी अत्यंत महत्व है। क्योंकि यह दशा एवं दिशा को दर्शाती हैं।

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  • सबसे मुख्य वस्तु जो कि स्तूपों में बुद्ध पद मानी जाती है गौतम बुद्ध के पदचिह्नों के रूप में पूजी जाती है। मंदिरों की तरह ही स्तूपों में भी प्रदक्षिणा यानी परिक्रमा मार्ग होते हैं। अब बात करते हैं बौद्ध धर्म के प्रमुख स्तूपों के बारे में। बौद्ध धर्म के प्रमुख स्तूपों में सांची, सारनाथ, भरहुत, बंगाल, पिपरहवा, गांधार, अमरावती व नागार्जुन कोण्डा के स्तूप शामिल हैं।

तो ये था बौद्ध धर्म के स्तूपिं में सिमटा हुआ पंच तत्व का रहस्य और बौद्ध धर्म के प्रमुख स्तूप। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Wikipedia

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