दुनिया में मेंटल हेल्थ पर अक्सर बातें की जाती हैं। कैसे धीरे-धीरे हर आदमी अकेलापन और डिप्रेशन के चंगुल में फंसकर मानसिक बीमारियों का शिकार होता जाता है। मेंटल हेल्थ के प्रति जागरूकता के प्रयासों के बावजूद भी लोग ऐसे मुद्दों पर बात करने से डरते हैं। लोग अक्सर ऐसी समस्याओं को छुपाने का प्रयास करते हैं।
ऐसे में फिल्में लोगों के इन विषयों को उठाकर लोगों को जागरूक करने का काम करती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी फिल्मों के बारे में बताएंगे जो समाज में मानसिक बीमारी के मुद्दे को हाईलाइट करती हैं।
इतना ही नहीं ये फिल्में मानसिक समस्या फेस करने वाले लोगों की तकलीफों के बारे में बात करती हैं। मेंटली डिसेबल किरदार निभाना कलाकारों के लिए बहुत चैलेजिंग हो जाता है, ऐसे में इस तरह के रोल में अपना 100 % देना बहुत मुश्किल होता है।
तारे जमीन पर -
2007 में आयी फिल्म "तारे जमीन पर" आपने कभी न कभी देखी होगी। इस फिल्म को आमिर खान के निर्देशन में बनाया गया था, फिल्म में मेन लीड में दर्शील सफारी थे जिन्होंने मेंटली डिस्एबल बच्चे का किरदार निभाया था।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक 8 साल का बच्चा ईशान अवस्थी मानसिक बीमारी का शिकार होता है। लोग उसकी बीमारी को समझने के बजाए उसपर बेहतर होने का दबाव डालते हैं ऐसी सिचवेशन में ईशान किन-किन हालातों से गुजरता है।
यह फिल्म मेंटली डिस्एबल चाइल्ड्स को डेडिकेट की गई है। यह फिल्म बताती है कि हर बच्चा खास होता है और उसे वैसे ही ट्रीट किया जाना चाहिए।
हिरोईन-
मधुर भंडारकर की फिल्म हीरोइन में करीना कपूर ने एक मानसिक रोगी का किरदार निभाया है। फिल्म में करीना एक एक्ट्रेस होती है, जिसे बाईपोलर डिस्आर्डर होता है। हालांकि मूवी का ज्यादा फोकस बीमारी की जगह एक्टर की लाइफ को दिया गया पर इसके बावजूद भी यह फिल्म उन स्टार्स की मेंटल कंडीशन को दिखाती है जिनके पास सब कुछ होने के बाद भी डिप्रेशन और मानसिक तनाव होता है।
बर्फी -
2012 में आई सुपर हिट फिल्म बर्फी को बहुत सराहा गया। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने एक लड़की का किरदार निभाया था जो फिल्म में ऑटिज्म की शिकार होती है। फिल्म में मानसिक रोगियों की हालत और उनके द्वारा फेस की गई प्रॉब्लम को दिखाया गया है। जो बच्चे इस तरह की बीमारी का शिकार होते हैं उनमें बीमारी के लक्षण शुरुआती सालों में ही नजर आने लगते हैं।
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15 पार्क एवेन्यू -
2006 में आयी फिल्म पार्क एवेन्यू अंग्रेजी फिल्म थी। फिल्म को अपर्णा सेन ने डायरेक्ट किया था,इसके अलावा फिल्म की मेन लीड में शबाना आजमी, कोंकणा सेन शर्मा और राहुल बोस थे। इस फिल्म में कोंकणा ने मानसिक रूप से बीमार लड़की का किरदार निभाया था।
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माई नेम इज खान-
शाहरुख और काजोल स्टार फिल्म माई नेम इज खान को बहुत पसंद किया गया। फिल्म में शाहरुख ने एक ऐसे आदमी का किरदार निभाया है जो Asperger syndrome बीमारी का शिकार होता है। जिसमें लोगों को सोशल इंट्रैक्शन में काफी तकलीफें होती हैं। मरीज एक ही बात कई बार दोहराता है।
इस फिल्म में शाहरुख ने मानसिक रोगी का किरदार निभाने के लिए बहुत मेहनत की थी। फिल्म में शाहरुख के कई सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर लोगों के आंखों में आंसू आ जाते हैं।
डियर जिंदगी-
आलिया भट्ट स्टारर फिल्म डियर जिंदगी आज की जनरेशन से जुड़ी हुई फिल्म है। फिल्म में आलिया एंग्जायटी और डिसऑर्डर का शिकार होती है। जिस दौरान उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फिल्म दिखाती है कि कैसे भीड़ में भी लोग अकेले होते जा रहे। ऐसे में इंसान का खुद को समझना बहुत जरूरी होता है। फिल्म गुस्सा डिप्रेशन एंजाइटी जैसे मुद्दे पर खुलकर बात करती है। फिल्म में शाहरुख का भी रोल देखने को मिलता है, जिसमें वो डॉक्टर के किरदार में नजर आते हैं।
ये सभी फिल्में हमें मेंटल हेल्थ के प्रति जागरूक करती हैं, ताकि हम अपने आसपास इन मुद्दों पर खुलकर बात कर सकें। हमारा यह आर्टिकल आपको अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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