बॉलीवुड की वो फिल्में जिनमें फीमेल सेक्सुअल डिजायर को दिखाने और बताने में नहीं किया गया गुरेज़

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर विषय पर बनाई ये खूबसूरत फिल्में, आइए उन फिल्मों से कराते हैं आपको रूबरू 

 
  • Shilpa
  • Editorial
  • Updated - 2022-04-22, 14:01 IST
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आज के मॉर्डन समय में भी महिलाओं के ऑर्गेज्म या सेक्सुअल डिजायर पर बात करना एक बड़ा टैबू है। समाज में महिलाओं के लिए एक स्ट्रक्चर है जिसमें सेक्स केवल शादी के बाद पति के साथ किया जाता है। यह बस महिलाओं के लिए गर्भवती होने का एक जरिया है। शादी के बाद किसी महिला का प्रेग्नेंट होना उसके अच्छे सेक्स लाइफ का सकेंत होता है। लेकिन 2 बच्चे पैदा करने के बाद भी महिलाएं क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पाती हैं, लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं। यौन इच्छा केवल पुरुष के इर्द-गिर्द ही होती है। इसमें औरतों को महज एकतरफा भागीदार माना जाता है। वहीं अगर महिलाएं सेक्सुअल डिजायर पर बात करती हैं, तो उनके कैरेक्टर पर उंगली उठाने में एक मिनट तक का समय नहीं लगता है। ऐसे में औरतें इस विषय पर बात करना तो दूर सोचने से भी डरती हैं। पिछले काफी समय से फिल्म इंडस्ट्री ने इस टॉपिक पर कई उम्दा फिल्में बनाई है जो कि खूबसूरती से महिलाएं के सेक्सुअल डिजायर पर बात करती हैं। इन फिल्मों में बताया है कि सेक्स केवल मर्दों की जरूरत नहीं है। इसमें महिलाओं की भी बराबर की भागीदारी है। आज इस लेख में हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जिसमें औरतों के सेक्सुअल डिजायर पर बात की गई है और इसे प्राथमिकता दी है।

वीरे दी वेडिंग

Films on Women Sexual Desire ()

साल 2018 में आई शशांक घोष निर्देशित फिल्म वीरे दी वेडिंग चार दोस्तों की कहानी है। इस फिल्म में महिलाओं की असल जिंदगी और आजाद ख्याल को दिखाया गया है। इस फिल्म में शादी और सेक्सुअल डिजायर को कॉमेडी और व्यंग के साथ दिखाया गया है। फिल्म की कहानी दिल्ली की चार लड़कियां से शुरू होती है कालिंदी, मीरा, अवनी और साक्षी, जो बचपन की दोस्त है और काफी समय बाद एक दूसरे से मिलती है।फिल्म में बताया गया है कि शादी के बाद पति के साथ सेक्स के दौरान महिलाओं को ऑर्गेज्म नहीं मिल पाता है। फिल्म के एक सीन में साक्षी(स्वरा भास्कर) को मास्टरबेट करते हुए दिखाया गया है, इसके लिए उन्होंने वाइब्रेटर का यूज किया था। साक्षी का पति यह सब देख तलाक देने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता है जिसके बाद साक्षी काफी परेशान रहती है कि समाज क्या सोचेगा। लेकिन आखिर में साक्षी अपने माता-पिता से यह बात शेयर करती है जिसके बाद वह साक्षी का स्पोर्ट करते हैं।

पार्च्ड

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साल 2015 में रिलीज पार्च्ड बोल्ड फिल्मों में से एक थी। फिल्म में स्ट्रॉन्ग स्टोरी लाइन के साथ चार महिलाओं के जीवन को मजबूती के साथ पर्दे पर दिखाया गया है। पार्च्ड फिल्म में न केवल यौन इच्छा बल्कि महिलाओं से संबंधी समाज की रूढ़िवादी सोच, मैरिटल रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा जैसे तमाम विषयों को शानदार तरीके से फिल्माया गया है। लीना यादव ने फिल्म में महिलाओं की असली समस्याओं और उनके साथ हुए दुर्व्यवहार को दमदार तरीके से दिखाया है। फिल्म की कहानी गुजरात की चार महिलाओं के इर्द-गिर्द है। लाजो (राधिका आप्टे) को शादी के कई साल बाद भी बच्चा नहीं हो पाता है। उसका पति रोज उसे बांझ बोलकर पीटता है। बच्चे की चाहत में लाजो किसी अन्य पुरुष से संबंध बनाती है वहीं लाजो को पहली बार ऑर्गेज्म मिलता है। इस सीन में औरतों की सेक्सुअल डिजायर को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा फिल्म में यह भी बताया है कि महिला ही नहीं आदमी भी बांझ हो सकता है।

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लिपस्टिक अंडर माय बुरखा

Movies on Female Sexual Desires

महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर को प्राथमिकता देना ही इस फिल्म की यूएसपी है। साल 2017 में रिलीज अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म चार अलग-अलग उम्र की महिलाओं की कहानी है। इस फिल्म में समाज द्वारा महिलाओं पर लगाएं प्रतिबंध को मजबूती और व्यंग के साथ दिखाया गया है। फिल्म में 55 साल की औरत(बुआ जी) एक जवान लड़के से आकर्षित हो जाती है। इस किरदार के जरिए बढ़ती उम्र में महिलाओं की सेक्सुअल मांग को दिखाया गया है।

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फायर

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साल 1996 में आई फिल्म फायर समलैंगिक और महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर पर बनी दमदार फिल्म है। उस समय में इस फिल्म के सीन और स्टोरी लाइन से काफी बवाल हुआ। फिल्म की कहानी दो महिलाओं के संबंध और रिश्ते की है। नंदिता दास और शबाना आजमी देवरानी और जेठानी के किरदार में नजर आईं। दोनों औरतों के बीच समलैंगिक प्यार और उनकी यौन इच्छा को पर्दे पर दिखाया गया था।

मार्गरिटा विद स्ट्रॉ

Female Sexual Desires In Hindi

साल 2015 में रिलीज कल्कि कोचलिन की बेहतरीन फिल्म है। शोनाली बोस ने फिल्म के जरिए सेरेब्रल बीमारी और यौन इच्छा को पर्दे पर दिखाया है। फिल्म की कहानी दो लड़कियों के ईद-गिर्द है। फिल्म में इमोशंस और समलैंगिक संबंध को लेकर परिवार की सोच को दिखाया है। सेलिब्रल पेल्सी बीमारी से पीड़ित लड़की जो व्हीलचेयर पर है लेकिन लायला ( कल्कि) की यौन इच्छा एक आम महिला की तरह है। पहली बार उसे प्यार में धोखा मिलता है। फिर न्यूयॉर्क में खानुम( सयानी गुप्ता) से प्यार होता है।

बॉलीवुड की इन फिल्मों ने औरतों की सेक्सुअल डिजायर से समाज को रूबरू करवाया है। राधिका आप्टे की पार्च्ड, कल्कि कोचलिन की मार्गरिटा विद स्ट्रॉ, रत्ना पाठक की लिपस्टिक अंडर माय बुर्का और शबाना आजमी की फायर जैसी फिल्में शामिल है। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

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Image Credit: Prakash Jha Productions, Ajay Devgn FFilms, Balaji Motion Pictures, Zeitgeist Films

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